आगरा।
यदि आप कलचुरी कलार समाज के मेट्रीमोनियल व्हाट्सएप ग्रुप्स या अन्य सोशल मीडिया मंचों पर अपने बच्चो के लिए उपयुक्त जीवनसाथी तलाश रहे हैं, तो सावधान हो जाइये। कहीं ऐसा न हो, कि आप ठगी के शिकार हो जाएं।
आपने गौर किया हो तो पिछले दो-तीन महीनों से कलचुरी समाज के वैवाहिक व्हाट्सएप ग्रुपों और सोशल मीडिया पर एक से बढ़कर एक शानदार प्रोफाइल पोस्ट किए जा रहे हैं। आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से बीटेक, एमबीए किए हुए शानदार जॉब, आकर्षक सैलरी पैकेज वाले एक से बढ़कर एक स्मार्ट और सुंदर युवक-युवतियों के वैवाहिक प्रस्तावों की बाढ़ सी आई हुई है। ऐसे-ऐसे प्रोफाइल कि जिन्हें देख कोई भी अभिभावक रिश्ता जोड़ने के लिए बेचैन हो उठे। बस यहीं से शुरू होता है ठगी का खेल।
दरअसल इन वैवाहिक व्हाट्सएप एवं फेसबुक ग्रुपों पर शाही-ब्याह कराने वाले एजेंट्स ने अपना जाल फैला रखा है जो फर्जी फोटो और फर्जी प्रोफाइल डालकर पैसा ऐंठने का गोरखधंधा कर रहे हैं। कई कलचुरी समाजबंधुओं ने इस संबंध में शिवहरेवाणी से संपर्क कर अपनी व्यथा को साझा किया है। शिवहरेवाणी ने जब इस बारे में पड़ताल की तो रोचक बातें सामने आईं। मिसाल के तौर पर एक युवती के प्रोफाइल का जिक्र कर रहे हैं, जो एनआईटी से बीटेक है, एक राष्ट्रीयकृत बैंक में पीओ के पद पर काम करती है, प्रोफाइल में जो फोटो दिया हुआ है वो भी बहुत सुंदर है। लेकिन, यही फोटो अलग-अलग वैवाहिक ग्रुपों में अलग-अलग नाम के प्रोफाइल के साथ पोस्ट किया गया है। मजे की बात यह है कि हर प्रोफाइल में इस युवती को बैंक में पीओ बताया गया लेकिन अभिभावकों का नाम, उनका प्रोफेशन और पता अलग-अलग बताए गए हैं। ऐसे एक नहीं, कई प्रोफाइल विभिन्न वैवाहिक ग्रुपों में चल रहे हैं जो संदिग्ध हैं। विभिन्न ग्रुपों में कुछ ऐसे लोग भी सामने आए जिन्होंने कई अलग-अलग प्रोफाइल डाल रखे हैं, जो उसके एजेंट होने का संदेह पैदा करते हैं।
राजस्थान के कलचुरी कलार समाज के एक प्रतिष्ठित समाजसेवी ने शिवहरेवाणी को बताया कि एक मेट्रीमोनियल ग्रुप में उन्होंने अपने बेटे के लिए एक प्रोफाइल से संपर्क करने का प्रयास किया। युवती आईआईटी पासआउट, पैकेज 20 लाख बताया था, फोटो में बहुत सुंदर थी। बायोडेटा में दिए नंबर से संपर्क किया तो पता चला कि यह किसी एजेंट का नंबर है। उस एजेंट ने 5 हजार रुपये की डिमांड रखते हुए कहा कि हम युवती के परिवारीजनों से डायरेक्ट बात नहीं करा सकते, आप अपने बच्चे का प्रोफाइल भेज दीजिए हम युवती के पेरेंट्स को दिखाने के बाद आपसे संपर्क करेंगे। उन्होंने पांच हजार रुपये पेटीएम कर दिए। इसके बाद लंबे समय से उसका फोन नहीं उठ रहा है। ऐसे ही एक अन्य समाजबंधु ने बताया कि उन्होंने वैवाहिक ग्रुप में एक युवक के प्रस्ताव को देखकर संपर्क किया तो वह भी एजेंट का नंबर निकला। एजेंट ने युवक तीन हजार रुपये की मेंबरशिप फीस मांगी और युवक के परिवारीजनों से सीधे बात कराने के बजाय उनसे बिटिया का प्रोफाइल मांगा। फीस और प्रोफाइल भेजने के बाद उन्होंने संपर्क किया तो जवाब मिला कि लड़के वालों को लड़की का प्रोफाइल पसंद नहीं आया, हम और कोई रिश्ता बता देंगे।
यह तो एक बानगी है, निश्चित रूप से ठगी के ऐसे कई और मामले भी हुए होंगे जो सामने नहीं आए हैं। न जाने कितना धन ये एजेंट्स समाजबंधुओं से ऐंठ चुके होंगे। अब इस तरह वैवाहिक व्हाट्सएप ग्रुप या फेसबुक ग्रुप चला रहे एडमिन को बेहद सतर्क होने की जरूरत है क्योंकि अंतिम जवाबदेही उनकी बनती है। कलचुरी समाज को छोड़कर सामान्य मेट्रीमोनियल साइट्स अथवा ग्रुप की बात करें तो हर साल इस तरह की, बल्कि इससे भी कहीं अधिक गंभीर धोखाधड़ी के मामले हर साल सामने आते हैं। शादी-ब्याह कराने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी की जा रही है। विवाहयोग्य युवक-युवतियों के पेरेंट्स को भी सतर्कता बरतने की जरूरत है। इस तरह के ग्रुप्स में दिए गए प्रोफाइल्स पर ज्यादा भरोसा न करें, और पूरी जांच प़ड़ताल करने के बाद अपने विवेक से निर्णय लें।
इसमें दो राय नहीं कि वैवाहिक ग्रुपों ने अभिभावकों की मुश्किल को काफी हद तक आसान किया है, इसके माध्यम से अच्छे रिश्ते घर बैठे मिल जाते हैं। लेकिन इनमें वे सभी जोखिम हैं जो मेट्रीमोनियल वेबसाइट्स में होते हैं। बिना जांच-पड़ताल किए यदि आप इन रिश्तों पर भरोसा कर लेते हैं तो इसमें नुकसान आपका ही होगा। कुछ भी नुकसान हो सकता है। आप ठगे जा सकते हैं, खराब रिश्ता हो सकता है जिसका खामियाजा आपके बच्चे या बच्ची को जीवनभर भोगना पड़े, या फिर ऐसे भी मामले हैं जिनमें ये फर्जी लोग एक स्टेज पर आकर ब्लैकमेल करने की हद तक पहुंच जाते हैं।
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