भोपाल।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बीते रोज कलचुरी समाज के परिचय सम्मेलन ‘स्वयंवर’ में समाज के बेहतर भविष्य की तस्वीर सामने आई। वैसे भी जिस समाज का युवा वर्ग शिक्षा, स्वाबलंबन, संस्कारों को प्राथमिकता दें और महिलाओं के प्रति सम्मान का भाव रखे, उस समाज को आगे बढ़ने से भला रोक सकेगा।
श्री सहस्त्रबाहु सेवा एवं उत्सव समिति और राष्ट्रीय कलचुरी सेना के संयुक्त तत्वावधान में भोपाल के सिमरन मैरिज गार्डन में हुए ‘स्वयंवर’ के खचाखच भरे पांडाल में सुशिक्षित युवतियों ने पूरे आत्मविश्वास के साथ अपना परिचय दिया और जीवनसाथी को लेकर अपनी वरीयताओं को बताते हुए दहेजरहित विवाह की शर्त सामने रख दी। वहीं ज्यादातर विवाहयोग्य युवकों ने आत्मनिर्भर, सादगीपसंद और संस्कारवान जीवनसाथी की चाहत व्यक्त करते हुए महिलाओं के प्रति सम्मान के भाव व्यक्त किए।
पंडाल उस समय करतल ध्वनि से गुंजायमान हो गया, जब भोपाल की कल्पना चौकसे और इंदौर की मीना राय ने अपना परिचय देते हुए सीधे शब्दों में कहा कि शादी के लिए उनके अभिभावकों से वे ही संपर्क करें, जो दहेज की इच्छा न रखते हों। कई युवतियों ने अपने परिचय में दहेज रहित विवाह की शर्त रखी।
राष्ट्रीय कलचुरी महासभा के संस्थापक अध्यक्ष श्री आशीष राय ने शिवहरेवाणी को बताया कि परिचय सम्मेलन में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान आदि राज्यों के 57 से अधिक जिलों से 525 विवाहयोग्य युवाओं ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया, जिनमें से 335 युवक-युवतियों ने मंच से अपने परिचय दिए। 30 जोड़ों के रिश्ते पंडाल में ही कुंडली मिलान के बाद तय कर दिए गए, जबकि कई रिश्तों बात चली।
इससे पूर्व स्वजातीय संत श्री अशोक आनंदजी (जबलपुर) और संत श्री पूर्णानंदजी (छिंदवाड़ा) की उपस्थिति में अतिथियों ने भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का श्रीगणेश किया। कार्यक्रम में श्री विवेक कैलाश सारंग, सुश्री राजो मालवीय, श्रीमती मालती राय, श्री मुकेश राय सिलवानी, श्रीमती कल्पना राय, श्री शंकर लाल जी राय उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि श्री प्रकाश चौकसे (विदिशा), श्री संजय चौकसे (हंडिया), श्री रवि चौकसे (विदिशा), श्री संतोष राय, अशोक नगर से श्री सुमत राय, जिलाध्यक्ष श्री रमेश राय, टीकमगढ़ से श्री दिनेश राय, श्री आशीष राय, पन्ना से श्री कैलाश जायसवाल, श्री भागवत जायसवाल, श्री महादेव शिवहरे समेत समस्त पन्ना पदाधिकारीगण, मंडीदीप से श्री जीवन चौकसे, इंदौर से श्री सोहन राय, श्री दर्शन राय, सुश्री सारिका चौकसे, श्री राजीव राय, भोपाल से श्री प्रकाश राय, श्री प्रदीप राय, श्री प्रकाश मालवीय, श्री ओमप्रकाश मालवीय, श्री एसके राय, डा. सुनील राय, श्री रामशंकर शिवहरे, ललितपुर से श्री सालिकराम राय, झांसी से श्री शोभाराम शिवहरे, सिवनी से श्री संजय सूर्यवंशी, उज्जैन से श्री राजेश राय (कलचुरी वार्ता), श्री संजय चौकसे, श्री अंकुर चौकसे, सिलवानी से श्री अंकित राय, श्री यशवंत राय, श्री दिलीप चौकसे, अमरावती (महाराष्ट्र) से श्री शशि राय की महत्वपूर्ण उपस्थिति रही।
मंचासीन अतिथियों ने ‘स्वयंवर’ स्मारिका का विमोचन किया। आयोजकों ने सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया। मंच से परिचय देने वाले प्रतिभागियों को भगवान सहस्त्रबाहु की तस्वीर के साथ स्मारिका प्रदान की गई। इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत में ही मंच पर अधिक भीड़ जमा हो गई, जिसके चलते मंच का एक हिस्सा गिर गया। आनन फानन में नया मंच तैयार कराया गया जिसके चलते कार्यक्रम काफी विलंब से शुरू हो सका।
आयोजन समिति के अध्यक्ष श्री आशीष राय, सुधीर राय, घनश्याम राय, राजेंद्र राय, वासुदेव आर्य ,अनिल शिवहरे, अशोक शिवहरे, संतोष राय, दौलत राय, रामू शिवहरे,, राजेन्द्र राय (इटारसी), मनीष राय , दौलत राम राय, सुनील शिवहरे, रामशंकर शिवहरे , जितेंद्र राय, गौरी शंकर चौकसे, संदीप चौकसे, डी के चौकसे, आकाश राय, सोनू राय, श्रीमती साधना शिवहरे आदि ने व्यवस्थाएं संभालीं।
आदि ने श्रीमती भगवती राय श्रीमती संध्या राय एवं समस्त कार्यकर्ता गण
Leave feedback about this