आगरा।
होली असल मायने में बसंत का त्यौहार है। जिस तरह बसंत ऋतु प्रकृति में उल्लास भर देती है, उसी तरह होली भी समाज की उदासी को दूर कर उसमें उत्साह के रंग भर देती है। उदास मनुष्य को गतिमान करने के लिए राग और रंग जरूरी है, होली में दोनों हैं।
आगरा में शिवहरे समाज की धरोहर मंदिर श्री राधाकृष्ण में महिलाओं ने होली आने से पहले ही राग और रंग के हल्ले कर दिए। बीती शाम (सोमवार, 22 मार्च) को श्री राधाकृष्ण महिला समिति की सदस्यों ने होली का जोरदार ऐलान कर दिया। मंदिर परिसर होली के सामूहिक गीतों से गूंज गया। ढोल की थापों से ऊर्जित गीतों की धुनों ने महिलाओं को थिरकने के लिए बाध्य कर दिया। सामूहिक गान और नृत्य के बीच महिलाओं ने मंदिर के राधाकृष्ण और राम दरबार को भी फूल और गुलाल से सराबोर कर दिया।
श्री राधाकृष्ण समिति की अध्यक्ष पूनम गुप्ता ने सभी को होली की शुभकामनाएं देते हुए इस बार होली पर आर्गेनिक रंगों का प्रयोग करने और कोरोना के एहतियात बरतने का आह्वान किया। कार्यक्रम के उपरांत सभी ने स्वादिष्ट ठंडाई और मिठाई का आनंद लिया।
राग और रंग की इस होली में समिति की रजनी गुप्ता, उर्मिला, अर्चना, साधना, रितु, संध्या, सुनीता, ऊषा, कमलेश, हेमलता, नीमा, ललिता, सीमा, मंजू, राजरानी, नंदिनी, भगवान देवी, बसंता, रिंकी , भावना समेत ज्यादातर सदस्यों ने भाग लिया।
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