आगरा।
पुलिस लाइन स्थित भारद्वाज आश्रम में युवा कारोबारी श्री विकास गुप्ता (शिवहरे) परिवार की ओर से आयोजित भागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचक संत शिवोरमणि आचार्य श्री सुशीलजी महाराज ‘वृंदावन वालों’ ने व्यासपीठ से परीक्षित जन्म और सुखदेव आगमन की कथा का भावपूर्ण वर्णन किया। कुंती प्रसंग की व्याख्या करते हुए आचार्य सुशीलजी महाराज ने कहा कि कुंती ने भगवान से दुःख और विपत्ति का वरदान मांगा, इसलिए कि सुख में लोग भगवान को भूल जाते हैं, और दुःख में सदैव प्रभु का स्मरण करते हैं।
सुख भी मुझे प्यारे हैं दुःख भी मुझे प्यारे हैं
छोड़ूं मैं किसे भगवान दोनों ही तुम्हारे हैं…..
कथा के दौरान आस्था और आनंद के वातावरण में कई बार श्रोता भावुक भी हुए। कथा के बीच-बीच आचार्य सुशीलजी महाराज के मधुर भजन का ऐसा जादू चला कि श्रोता आनंद में झूम उठे। मुख्य जजमान श्री विकास गुप्ता और श्रीमती नेहा गुप्ता के साथ बैठे श्रोताओं को परीक्षित जन्म और सुखदेव जन्म की कथा सुनाते हुए आचार्य सुशीलजी महाराज ने कहा कि कथा सुनने से धन की प्राप्ति नहीं होती, बल्कि आनंद मिलता है। धन तो कोई भी कमा लेता है मगर धन से सुख, नींद, चैन, संतोष आदि नहीं खरीदा जा सकता। ये आत्मिक सुख तो कथा सुनने से ही मिलता है।
प्रसंग पर आते हुए कथावाचक संत ने बताया कि परीक्षित का जन्म अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भ से हुआ। परीक्षित बड़े होकर सुख वैभव से समृद्ध राज्य के राजा बने। एक बार एक मुनि ने उनसे क्रोधित होकर उन्हें सात दिन के अंदर मृत्यु का श्राप दिया था। ऐसा ज्ञात होने पर राजा परीक्षित ने विद्वानों से राय मांगी। उस समय विद्वानों ने उन्हें समाधान के लिए सुखदेव का नाम सुझाया। इस प्रकार सुखदेव का आगमन हुआ। सुखदेव ने कहा कि राजन जिस व्यक्ति की मृत्यु सातवें दिन होनी है, उसको श्रीमद भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए तभी उसका कल्याण संभव है। इसके पश्चात बाद ही वेदव्यास रचित श्रीमद भागवत पहली बार सुखदेव मुनि ने राजा परीक्षित को सुनाई थी।
व्यासपीठ की आरती के साथ दूसरे दिन की कथा के समापन हुआ। कथा में श्रीमती मिथलेश गुप्ता, श्री दीपक गुप्ता एवं श्रीमती पायल गुप्ता, श्री विशाल गुप्ता एवं श्रीमती दुर्गा गुप्ता, श्री श्रीकृष्ण गुप्ता एवं श्रीमती मधु गुप्ता, श्री सुमित गुप्ता एवं श्रीमती अंजु गुप्ता, श्री मनीष गुप्ता एवं श्रीमती रेनू गुप्ता समेत कथा परीक्षित श्री विकास गुप्ता के समस्त परिवारीजन उपस्थित थे। इनके साथ दाऊजी मंदिर समिति के अध्यक्ष विजनेश शिवहरे, महासचिव आशीष शिवहरे (जिज्ञासा पैलेस), उपाध्यक्ष नवनीत गुप्ता, मुकेश शिवहरे समेत खास संख्या में शिवहरे समाजबंधु व महिलाओं ने भी भागवत कथा के श्रवण का लाभ अर्जित किया।
Leave feedback about this