आगरा।
मानो तो मैं गंगा मां हूं, ना मानो तो बहता पानी….।
गंगा मीठे पानी एक बहती नदी भर ही नहीं है, बल्कि हर भारतीय के मन में प्रवाहित पवित्र भाव भी है जो उन्हें प्यासे को पानी पिलाने और भूखे को भोजन कराने के लिए प्रेरित करता है। आज सशक्त शिवहरे महिला मंडल की सदस्यों ने इसी भाव से 45 पार की गर्मी और चिलकती धूप में बेहाल राहगीरों को ठंडा-मीठा शर्बत पिलाकर ‘गंगा दशहरा पर्व’ को सार्थकता प्रदान की।
सशक्त शिवहरे महिला मंडल की सभी सदस्य रविवार 16 जून की दोपहर को अध्यक्ष श्रीमती कविता गुप्ता के नेतृत्व में हलवाई की बगीची स्थित साईंबाबा मंदिर पहुंचीं, जहां मंदिर के गेट पर ठंडे-मीठे दूध में रूह-अफजा शर्बत मिलाकर राहगीरों को वितरित किया। श्रीमती कविता गुप्ता ने बताया कि सशक्त शिवहरे महिला मंडल की सभी सदस्यों के सहयोग से बड़े-बड़े बर्तनों में दूध-शर्बत तैयार किया गया था। 200 लीटर दूध, 35 किलो चीनी और एक दर्जन से अधिक रूब-अफजा बोतलों व 3 सिल्ली बर्फ से 4 ड्रमों में शर्बत तैयार किया गया था। और, ठंडे मीठे शर्बत की सेवा करीब 3 घंटे चली।
इस दौरान कंचन शिवहरे, शैलजा गुप्ता, गीता शिवहरे, शिल्पी शिवहरे, भावना गुप्ता, रितु गुप्ता, चंचल शिवहरे, उपासना शिवहरे, मीनाक्षी शिवहरे, जागृति गुप्ता, प्रिया शिवहरे, रेखा शिवहरे, रजनी शिवहरे, सुनीता शिवहरे, रजनी शिवहरे, रिंकी शिवहरे, प्रिया शिवहरे उपस्थित रहे। इस कार्य में कवि शिवहरे, विशाल शिवहरे, सुगम शिवहरे लवली, सरजू गुप्ता ‘काके भाई’, रवि शिवहरे, मोहित शिवहरे, मनीष शिवहरे का सहयोग रहा। शर्बत वितरण में रौनक शिवहरे, उज्ज्वल शिवहरे औऱ अध्ययन शिवहरे का भी सहयोग रहा। श्रीमती कविता गुप्ता ने सहयोग के लिए सभी का आभार व्यक्त किया है।
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