November 21, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

जालौन के भानु महाजन (शिवहरे) को बॉर्डर पार कराएंगे योगी-मोदी? दस शक्तिपीठों पर अटकी यात्रा; लखनऊ में डेरा डाला

712 दिन में 21 हजार किलोमीटर के बाद अटकी भानु की अनोखी पैदल यात्रा
जालौन (औरैया)।
‘अखंड संपूर्ण भारत अकेले पैदल तीर्थयात्रा’ पर निकले जालौन के भानु महाजन (शिवहरे) को 712 दिनों में अपने पैरों से 21 हजार किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करने के बाद बीते तीन दिन से लखनऊ के कालीदास मार्ग पर डेरा डाले हुए हैं। वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर अपनी आगे की यात्रा में विशेष सहूलत दिलाने की गुहार लगाना चाहते हैं। उनका कहना है कि उनकी आगे की यात्रा का नाम ‘योगी-मोदी यात्रा’ होगा।
दरअसल भानु महाजन अपनी पैदल यात्रा में अब तक हिंदू धर्म के चारों धाम, 12 ज्योतिर्लिंग व 41 शक्तिपीठों के दर्शन कर चुके हैं और उनके मिशन में अब सिर्फ 10 शक्तिपीठ शेष हैं, जो सभी भारत की भौगोलिक सीमा से बाहर पाकिस्तान, तिब्बत, बांग्लादेश और श्रीलंका में स्थित हैं जिसके लिए उन्हें सीमा पार करनी होगी। उनका कहना है कि भारत सरकार के राजनयिक प्रयास से ही उन्हें पैदल सीमा पार करने की अनुमति मिल सकती है। वह इसके लिए मुख्यमंत्री की संस्तुति चाहते हैं, जिसके लिए उनसे मिलना जरूरी है।
भानु महाजन ने बताया कि वह मुख्यमंत्री कार्यालय गए थे जहां अधिकारियों ने उनसे प्रार्थना-पत्र तो ले लिया है, लेकिन योगीजी से मुलाकात कराने का कोई आश्वासन नहीं दिया है। उन्होंने वरिष्ठ भाजपा नेता श्री स्वतंत्र देव सिंह से भी मोबाइल पर इस संबंध में बात की है। जालौन के होने के नाते भानु महाजन का स्वतंत्र देवजी से व्यक्तिगत संपर्क भी रहा है। इस बीच भानु महाजन ने अखिल भारतीय सर्ववर्गीय जायसवाल महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष श्री अजय कुमार जायसवाल से भी बात की है। अजय जी ने उनकी यथासंभव सहायता करने का भरोसा दिया है। भानु महाजन ने बताया कि योगीजी से मिलने के बाद वह दिल्ली जाएंगे और वहां प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से भी मिलने का प्रयास करेंगे। यदि उन्हें पैदल सीमा पार करने की अनुमति मिली तो उनकी आगे की यात्रा का नाम ‘योगी-मोदी यात्रा’ होगा। उन्होंने भरोसा जताया कि ‘हिंदू हृदय सम्राट’ मोदीजी और योगीजी के शासन में एक ‘सच्चे हिंदू’ की आस्था का मान रखा जाएगा।
भानु महाजन की यात्रा में जिन दस शक्तिपीठों के दर्शन शेष हैं, उनमें पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान प्रांत स्थित हिंगलाज माता और तिब्बत में मानसरोवर झील के नीचे दक्षायनी शक्तिपीठ (मानसा देवी मंदिर) भी शामिल हैं। इसके अलावा बांग्लादेश में सात शक्तिपीठ हैं अपर्णा, ढाकेश्वरी, सुगंधा, जैंतिया, महालक्ष्मी, जेसोरेश्वरी और चट्टल शक्तिपीठ। श्रीलंका के त्रिमकोमाली में शंकरी देवी शक्तिपीठ है। इस तरह भानु महाजन को इन दस शक्तिपीठों के दर्शन और करने हैं। इनमें पाकिस्तान, तिब्बत और बांग्लादेश की सीमा उन्हे पार करनी होगी, जबकि श्रीलंका वह पानी के जहाज से जाएंगे और जहाज से उतरकर पैदल शंकरी देवी पीठ जाएंगे और पैदल ही लौटकर जहाज तक आएंगे।
भानु महाजन ने बताया कि दस शक्तिपीठों के बाद वह अमरनाथ की यात्रा करेंगे और फिर बिहार के गया में यात्रा का समापन करेंगे। उनकी कुल यात्रा लगभग 51 हजार किलोमीटर की रहेगी, जिनमें से 21 हजार किमी से अधिक की दूरी तय कर चुके हैं। उनका टारगेट 5 वर्ष में यात्रा पूरी करने का था, लेकिन यदि उन्हें जल्द अनुमति मिल गई तो आगामी डेढ़ वर्ष में ही यात्रा पूरी कर लेंगे।
खास बात यह है कि भानु महाजन लखनऊ आकर भी जालौन अपने घर नहीं गए हैं। उनका कहना है कि वह यात्रा पूरी करके ही अपने घर लौंटेंगे। घर में स्थिति यह है कि उनका गायत्री मिष्ठान्न भंडार अब बंद हो चुका है। तीनों पुत्र पढ़ाई कर रहे हैं। पत्नी सुमन घर के बाहर ही कई वर्षों से ब्यूटी पार्लर चला रही थीं, जो अब उनके परिवार की आजीविका का आधार बन चुका है। वह न केवल बेटों का पढ़ा रही हैं, बल्कि जरूरत होने पर पति को आर्थिक सहायता भी भेजती हैं।

Leave feedback about this

  • Quality
  • Price
  • Service

PROS

+
Add Field

CONS

+
Add Field
Choose Image
Choose Video