झांसी।
झांसी में कलचुरी समाज के युवा समाजसेवी नीतेंद्र राय ‘फौजी’ इन दिनों एक खास वजह से चर्चा में हैं। महंगाई के इस दौर में जब लोगों के लिए अपने बच्चों की शादी करना मुश्किल होता जा रहा है, नीतेंद्र राय गत तीन वर्षों से अपने संसाधनों से सामूहिक विवाह का आयोजन कराते आ रहे हैं। इस बार छह दिसंबर को तीसरे सामूहिक विवाह समारोह में उन्होंने 21 बेटियों के हाथ पीले कर उन्हें ससुराल के लिए विदा किया।
भारतीय सेना से स्वैच्छिक सेवानिवृत्त श्री नीतेंद्र राय ‘फौजी’ ने तीन वर्ष पूर्व पहला सामूहिक विवाह कराया था, इस संकल्प के साथ कि वह हर साल यह आयोजन करेंगे, और हर बार जोड़ों की संख्या बढ़ते क्रम में होगी। उन्होंने पहला सामूहिक विवाह 6 दिसंबर, 2022 को कराया, जिसमें 5 जोड़ों की शादी हुई। दूसरा आयोजन 6 दिसंबर, 2023 में हुआ जिसमें 13 जोड़े विवाह बंधन में बंधे थे, और 6 दिसंबर 2024 को तीसरे समारोह में 21 जोड़ों का सामूहिक विवाह हुआ। इस तरह तीन वर्ष में वह तीन सामूहिक विवाह समारोहों में 39 जोड़ों की शादियां करा चुके हैं। सामूहिक विवाह की तारीख 6 दिसंबर ही क्यों? श्री नीतेंद्र राय फौजी ने झिझकते हुए बताया कि छह दिसंबर को उनका और उनके पुत्र निपुन राय, दोनों का जन्मदिन होता है।
पहले कथा फिर सामूहिक विवाह
खास बात यह है कि नीतेंद्र राय पहले कथा का आयोजन कराते हैं, और उसके समापन के दिन सामूहिक विवाह समारोह व भंडारा होता है। पहले समारोह से पूर्व शिवपुराण कथा कराई थी, गत वर्ष भागवत कथा हुई, और इस बार नौ दिवसीय श्रीराम कथा का भव्य आयोजन किया। बीती 27 नवंबर को हंसारी में एंब्रोसिया सिटी के सामने विशाल प्रांगण में श्रीराम कथा का शुभारंभ हुआ था, जिसमें भक्तों ने कानपुर के अंतरराष्ट्रीय कथावाचक आचार्य पंडित शिवाकांत शास्त्रीजी के श्रीमुख से अमृतमयी रामकथा के श्रवण का पुण्य प्राप्त किया।
21 दूल्हों की बारात देखने उमड़े लोग
छह दिसंबर को ‘श्रीराम विवाह पंचमी’ के भव्य सामूहिक विवाह समारोह हुआ जिसमें 21 जोड़ों की शादी हुई। 21 दूल्हों की भव्य बारात झांसी के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई। बारात सुबह प्राचीन श्री हनुमान मंदिर से शुरू होकर निर्धारित मार्ग से होते हुए श्रीरामकथा स्थल पहुंची। बारात में एक दर्जन बैंड और डीजे भी शामिल थे। कथास्थल पर नीतेंद्र राय फौजी और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती पूजा राय, परिवारीजनों और आयोजन समिति के अन्य सदस्यों ने टीका औऱ द्वाराचार की रस्में कराईं। इसके बाद सभी दूल्हों को विशाल मंच पर लाया गया, जहां अतिथि भी मंचासीन थे। मंच पर वर-वधु ने एक-दूसरे को वरमाला डाली तो पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
दिल खोलकर दिए उपहार
कथास्थल पर 21 अलग-अलग मंडल बनाए गए थे, प्रत्येक जोड़े ने अपने लिए निर्धारित मंडप में पहुंचकर अपने सगे-संबंधियों के बीच विवाह की रस्में कीं। इस अवसर पर राय परिवार की ओर से प्रत्येक वर-वधु को उपहार के तौर पर सोने-चांदी के आभूषण, डबल-बेड, टीवी. फ्रिज, कूलर, घर-गृहस्थी के अन्य सामान भेंट किए।
विदाई पर रो पड़े नीतेंद्र राय
विदाई की वेला पर नीतेंद्र राय इस कदर भावुक हो गए कि अपने आंसू नहीं रोक सके। उन्होंने नवविवाहित बेटियों को आशीर्वाद हेते हुए वचन दिया कि एक धर्मपिता की तरह वह हमेशा उनके लिए तत्पर रहेंगे।
अब जीवन का सबसे बड़ा संकल्प
शिवहरेवाणी से बातचीत में नीतेंद्र राय फौजी ने बताया कि सामूहिक विवाह के पीछे ‘सिद्धेश्वर बालाजी’ ही प्रेरणा है और उन्हीं को समर्पित है। हर साल निर्धन कन्याओं का सामूहिक विवाह कराना अब उनके जीवन का सबसे बड़ा संकल्प बन चुका है। बता दें कि नीतेंद्र राय झांसी में आस्था के प्रमुख केंद्र ‘सिद्धेश्वर बालाजी धाम’ के भक्त हैं और इसके ट्रस्ट के अध्यक्ष भी हैं।
समारोह में इनकी उपस्थिति खास
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर सदर विधायक रवि शर्मा उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि अखिल भारतीय जायसवाल सर्ववर्गीय महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष वीरेंद्र राय थे। साहित्यकार निहालचंद शिवहरे, वरिष्ठ समाजसेवी भरत राय, राष्ट्रीय कलचुरी एकता महासंघ के राष्ट्रीय सचिव विष्णु शिवहरे और वरिष्ठ समाजसेवी भारत भूषण राय,
भगवानदास राय, विष्णु राय, राज बिहारी राय, बृजेंद्र राय, डीएन शिवहरे, नरेंद्र शिवहरे, राधे राय, कृष्णमुरारी राय, संतोष राय प्रधान, पुष्पेंद्र राय, रामस्वरूप ग्वाला, महेंद्र ग्वाला, नितेंद्र परिहार, ज्ञान सिंह यादव, पूरण पाल, शिव रामपाल, झोकन सिंह यादव समेत बड़ी संख्या में कलचुरी समाजबंधु और सर्वसमाज के लोग उपस्थित रहे। संचालन श्रीमती चित्रलेखा (प्राचार्य) और नीतेंद्र राय फौजी ने संयुक्त रूप से किया।
इन्होंने संभाली व्यवस्थाएं
कार्यक्रम की व्यवस्थाएं प्रमुख रूप से श्रीमती स्नेहलता-हेमंत राय, श्रीमती सीमा-अमित राय, राकेश राय, मदन राय, नरेंद्र राय, श्रीमती पिंकी-प्रभात राय (तहसीलदार), श्रीमती रेनू-प्रशांत राय, केके राय, निपुन राय, मधुर राय, महक राय, रितिका राय, पर्णिका राय, नित्यांश, अक्षत, युवान, अक्षिता, युविका आदि ने अन्य लोगों के सहयोग से संभालीं।
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