प्रयागराज।
गंगा, यमुना और सरस्वती के पावन सुरम्य त्रिवेणी संगम में 14 जनवरी को मकर संक्राति पर पहले शाही स्नान के साथ महाकुंभ का आगाज हो जाएगा। हालांकि प्रयागराज में महाकुंभ की रौनक अभी से शुरू हो गई है, जो आगामी 60 दिनों तक जारी रहेगी। इस दौरान 20 करोड़ से भी अधिक लोगों का यहां आगमन रहेगा।
ऐसे में प्रयागराज में होटल, धर्मशालाएं एवं अन्य आवासीय सुविधाएं बेहद महंगी हो गई हैं। लेकिन, इस मारामारी में भी बाहर से आने वाले कलचुरी बंधुओं को ‘अतिथि देवो भव:’ का स्वागत-सत्कार प्राप्त होगा, निःशुल्क आवासीय सुविधा और अन्य सहूलियतें उन्हें निःशुल्क उपलब्ध होंगी। दरअसल हैहय क्षत्रिय जायसवाल सभा प्रयागराज ने देशभर से आने वाले कलचुरी बंधुओं के लिए शहर के मुट्ठीगंज इलाके में सालिग्राम जायसवाल नगर स्थित जायसवाल धर्मशाला में निःशुल्क आवासीय सुविधा की व्यवस्था की है। यह सुविधा पूरे महाकुंभ तक जारी रहेगी।
पूर्वसूचना देना अनिवार्य, साथ लाएं अपनी आईडी
महाकुंभ में आने वाले कलचुरी समाजबंधुओं को उपरोक्त सुविधा प्राप्त करने के लिए अपने आगमन की पूर्वसूचना देनी होगी और अपने साथ अपना मूल पहचान-पत्र (आधार या अन्य) और उसकी फोटोकॉपी साथ लानी होगी।
इन नंबरों पर दे सकते हैं अपने आगमन की पूर्व सूचना
बताया गया है कि यदि महाकुंभ मे आने वाले स्वजातीय बंधु निर्धारित निःशुल्क आवासीय सुविधा का लाभ लेना चाहते हैं तो वे निम्न मोबाइल नंबरों पर संपर्क कर सकते हैः-
9415636296 (कमलेंद्र जायसवाल), 7379988882 (संजय जायसवाल ‘डब्बू’), 8299704788 (अभिषेक जायसवाल), 9336099524 (सत्येंद्र जायसवाल), 8858065655 (श्याम मोहन जायसवाल), 9335126260 (धर्मेंद्र जायसवाल), 9794670000 (रितेश जायसवाल), 9552788198 (शोवित जायसवाल)।
संगम तट से महज 3 किमी दूर है धर्मशाला
कुंभ स्नान के लिहाज से जायसवाल धर्मशाला की भौगोलिक स्थिति बहुत आसान है। यह रेलवे स्टेशन से 6 किलोमीटर की दूरी पर है, और यहां से संगम तट महज 3 किलोमीटर की दूरी पर है। कुंभ की भीड़भाड़ को देखते हुए यह कोई बहुत दूर नहीं है। स्टेशन से यहां पहुंचने के लिए आटोरिक्शा एक सुलभ माध्यम है।
सभी स्वजातीय बंधुओं से निवेदन
इस सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अतुल जायसवाल ‘पुल्लू’ और उनके सभी स्वजातीय साथियों ने समाजबंधुओं से निवेदन किया है कि वे प्रयागराज प्रवास पर आने से 2 दिन पहले सूचना अवश्य दे दें, ताकि उनकी समुचित आवासीय व्यवस्था की जा सके और उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो।
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