उज्जैन।
महाकाल नगरी उज्जैन की निकिता पोरवाल को देश की सबसे प्रतिष्ठित सौंदर्य स्पर्धा ‘फेमिना मिस इंडिया’ का ताज पहनाया गया है। अब वह मिस वर्ल्ड-2026 कांटेस्ट में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। निकिता यदि मिस वर्ल्ड का खिताब भी जीत जाती हैं, तो वह देश की आठवीं विश्व सुंदरी होंगी। एश्वर्या राय और प्रियंका चोपड़ा समेत भारत की सात सुंदरियां अब तक यह खिताब हासिल कर चुकी हैं।
फिलहाल निकिता पोरवाल के ‘फेमिना मिस इंडिया’ का खिताब जीतने पर कलचुरी समाज ने गर्व और हर्ष व्यक्त किया है। कलचुरी समाज के तमाम सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर लोग उन्हें और उनके परिवार को बधाइयां दे रहे हैं। निकिता के पिता श्री अशोक पोरवाल ने शिवहरेवाणी से बातचीत में कहा कि परिवार को देशभर से बधाइयां मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि बेटी निकिता की नजर अब ‘मिस वर्ल्ड’ के खिताब पर होगी, जो उसका बचपन का सपना रहा है।
23 वर्षीय निकिता पोरवाल बहुमुखी प्रतिभा की धनी हैं। महज 18 साल की आयु में ही उन्होंने मंचों पर एंकरिंग करना शुरू कर दिया था। वह उज्जैन की कालिदास एकादमी में रहीं जहां एकादमी द्वारा संचालित रामलीला में बड़े प्रभावशाली तरीके से सीता का किरदार निभाती थीं। वह 60 से अधिक मंचीय नाटकों में अभिनय कर चुकी हैं। उन्होंने ‘चंबल पार’ नाम की एक फिल्म में भी काम किया हैं, जिसका प्रीमियर पिछले दिनों इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में हुआ था। स्टेज और स्क्रीन पर तमाम उपलब्धियां हासिल कर चुकीं निकिता पोरवाल एक लेखिका और स्टोरी-टेलर भी हैं। उन्होंने कई नाटक लिखे हैं जिनका मंचन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर किया जा चुका है। कृष्ण लीला नाम का उनका लिखा नाटक खासा चर्चा में रहा, 250 पेज की इस ड्रामा स्क्रिप्ट मॆ धर्म और संस्कृति को लेकर उनकी गहरी समझ और जानकारी रिफ्लेक्ट होती है। निकिता को ड्रॉइंग-पेंटिंग का भी शौक है। निकिता ने अपनी कामयाबी का पहला श्रेय पिता श्री अशोक पोरवाल और मम्मी श्रीमती राजकुमारी पोरवाल को देते हुए कहा कि उनके सहयोग के बिना यहां तक पहुंच पाना संभव नहीं था। उन्होंने बताया कि बचपन में उनकी मम्मी उन्हें फैंसी ड्रेस प्रतियोगिताओं में मिस वर्ल्ड की ड्रेस पहनाकर ले जाती थीं। यहीं उन्होंने पहली बार मिस वर्ल्ड बनने का सपना देखा था, आज इस मंजिल के बहुत करीब पहुंच गई हैं। उन्होंने कहा कि फेमिना मिस इंडिया जैसी स्पर्धाओं की तैयारी आसान नहीं होती। यह स्पर्धा सिर्फ सौंदर्य ही नहीं, बल्कि प्रतिभा, सोच, क्षमता और आत्मविश्वास की कड़ी परीक्षा होती है।
16 अक्टूबर को मुंबई के फेमस स्टूडियो में हुई फेमिना मिस इंडिया कांटेस्ट के फाइनल में देश के 29 राज्यों और एक केंद्र-शासित क्षेत्र से कुल 30 सुंदरियों ने प्रतिभाग किया था। लेकिन, निकिता के चेहरे पर शांत भावों के साथ स्वभाविक मुस्कान अन्य सुंदरियों पर भारी पड़ गई, और फाइनल राउंड में पूछे गए सवालों पर अपने सटीक जवाब से उन्होंने जजेज का दिल ही जीत लिया। गत वर्ष की ‘फेमिना मिस वर्ल्ड’-2023’ राजस्थान की नंदिनी गुप्ता ने उन्हें ताज पहनाया, जबकि जानी-मानी अभिनेत्री और 2002 की फेमिना मिस इंडिया रहीं नेहा धूपिया ने उन्हें सैश पहनाया। निकिता ने अपनी प्राइमरी औऱ सेकेंड्री एजुकेशन उज्जैन के लेडी कार्वेल कालेज से की। पिता अशोक जायसवाल का आटोमोबाइल का बिजनेस है। एक बिजनेस फैमिली होने के बावजूद उनके परिवार में कला के प्रति विशेष रुझान रहा। इसी के चलते परिवार की सबसे छोटी बेटी निकिता ने 15 साल की उम्र से ही स्टेज पर काम करना शुरू कर दिया था। इसी फील्ड में भविष्य संवारने के लिए बड़ौदा की सायाजी राव यूनीवर्सिटी से परफॉर्मिंग आर्ट्स में ग्रेजुएशन करने के बाद पिछले एक साल से मुंबई में मॉडलिंग कर रही हैं। दो महीने पहले उन्हें मिस मध्य प्रदेश चुना गया था जिसके चलते फेमिना मिस इंडिया में भाग लेने का मौका मिला।
निकिता के दादाजी श्री धन्नालाल पोरवाल ने बताया कि निकिता को शुरू से ही स्टेज का शौक रहा। चाहे स्कूल के कार्यक्रम हों या कालोनी का कोई कार्यक्रम हो, निकिता हमेशा उनमें भाग लेती थी। कालोनी में कृष्ण लीला हुई तो वह उसमें राधा बनी। उज्जैन की कालीदास अकादमी द्वारा अयोध्या और बेंगलुरू में हुई रामलीला में सीता का किरदार भी किया। निकिता की बड़ी बहन वैशाली पोरवाल जायसवाल इंदौर में रहती हैं। वैशाली सीए हैं जबकि उनके पति रेडीमेड गारमेंट्स का बिजनेस करते हैं। निकिता के भाई प्रद्युम्न जायसवाल इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) में कैमिकल इंजीनियर हैं और पानीपत में पोस्टेड हैं। फिलहाल पूरा परिवार निकिता की कामयाबी पर बेहद खुश है और उन्हें भरोसा है कि बेटी निकिता अपनी सुंदरता, मेधा के साथ ही कला-साहित्य-धर्म-संस्कृति में अपनी अभिरुचि, अध्ययन और जानकारी के बल पर मिस वर्ल्ड कांटेस्ट की मजबूत प्रतिभागी साबित होंगी और एश्वर्या राय व प्रियंका चोपड़ा की तरह विश्व सुंदरी का ताज लेकर देश का नाम रोशन करेंगी।
निकिता पोरवाल के मिस इंडिया बनने की दास्तान दरअसल कामयाबी में परिवार की अहम भूमिका को सार्थक करती है। परिवार यदि बच्चों की प्रतिभा और अभिरुचियों को पहचान कर उनके साथ मजबूती से खड़ा हो जाता है, तो सफलता सुनिश्चित है। निकिता महज एक ब्यूटी क्वीन नहीं है, बल्कि उम्मीद, मवाफ़कत और बड़े ख्वाब बुनने की ताकत का प्रतीक हैं। निकिता की दादी पोती की कामयाबी पर फूली नहीं समा रही हैं। वह कहती हैं कि निकिता को बचपन से ही मॉडलिंग और एक्टिंग का शौक था, और हमने कभी उसे रोका नहीं। उसे कामयाब होना ही था।
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