आगरा।
मेहंदी शरीर को सजाने की एक पारंपरिक कला है जो अब एक प्रोफेशन का रूप ले चुकी है जहां तमाम युवा मेहंदी आर्ट में अपने कौशल, रचनात्मकता और कल्पनाशीलता के बल पर पैसा और शोहरत कमा रहे हैं। आगरा में नाई की मंडी का 24 साला नौजवान हर्षित शिवहरे भी इस क्षेत्र में एक उभऱता हुआ नाम है जिसने न केवल पारंपरिक भारतीय, अरबिक और मॉडर्न डिज़ाइन्स में महारत हासिल है, बल्कि उसने अपनी एक अनूठी शैली भी विकसित की है।
नाई की मंडी में शिवहरे गली निवासी श्री संजय शिवहरे एवं श्रीमती आरती शिवहरे के पुत्र हर्षित शिवहरे ने मेहंदी लगाने के अपने शौक-जुनून को ही अपना प्रोफेशन चुना, और आज मेहंदी फिनिशिंग व ब्राइडल स्पेशलिस्ट के रूप में अपनी खास पहचान बना चुके हैं। खास बात यह है क् हर्षित बीते तीन वर्षों से गुरुग्राम की एक शू-कंपनी ‘ABROS Sports International’ में एकाउटेंट की नौकरी कर रहे हैं, और इस दौरान उन्होंने ‘Harsh Mehandi Arts’ के नाम से 10-15 युवाओं को ट्रेंड कर अपनी एक टीम खड़ी कर ली जो आगरा, दिल्ली, गुरुग्राम और एनसीआर में सेवाएं प्रदान करते हैं।
हर्षित ने शिवहरेवाणी को बताया कि उन्हें बचपन से ही ड्रॉइंग-पेंटिंग का शौक रहा है। तीज-त्योहारों पर घर में मम्मी या बहन के हाथों पर मेहंदी लगाते थे, जिनके सुंदर-सुंदर डिजायन देख शिवहरे गली की अन्य महिलाएं और लड़कियां भी उनसे मेहंदी लगवाने लगी। यहीं से उनके मेहंदी आर्टिस्ट बनने का सफर शुरू हो गया। धीरे-धीरे एक मेहंदी आर्टिस्ट के रूप में हर्षित की ख्याति बढ़ती गई और उनकी गिनती आगरा के टॉप मेहंदी कलाकारों में होने लगी।
हर्षित को हर बार पहले से अच्छी डिजायन बनाने का जुनून था, इसी के चलते उन्होंने इंटरनेट पर मेहंदी के बड़े कलाकारों के डिजायन खंगालने शुरू किए, किताबें पढ़ीं, और अन्य देशों में मेहंदी के प्रचलन और डिजायन्स का गहराई से अध्ययन किया। इन सबके प्रभाव से उन्होंने अपनी एक खास शैली विकसित की, जिसमें परंपरागत भारतीय डिजायन्स के साथ मिस्र, मध्य-पूर्व और उत्तर-अफ्रीकी देशों में प्रचलित मेहंदी आर्ट के खास तत्वों का अद्भुत सम्मिश्रण स्पष्ट नजर आता है।
हर्षित कहते हैं कि एक पेशेवर मेहंदी आर्टिस्ट बनना किसी के लिए आसान नहीं होता, खासकर एक पुरुष के लिए, क्योंकि हमारे समाज में मेहंदी आर्ट पर सदियों से महिलाओं का टैग लगा है। इसमें कोई दो राय भी नहीं कि भारत में मेहंदी आर्ट के विकास में महिलाओं का बड़ा योगदान रहा है, सदियों से हर मां अपनी बेटी को यह कला सिखाती आ रही है। शुरू में उन्हें भी अपनी मेहंदी आर्ट पर लोगों से हतोत्साहित करने वाली प्रतिक्रियाएं मिलती थीं, परिवार और समाज से भी संदेहपूर्ण नज़रों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
एक सफल मेहंदी आर्टिस्ट की पहचान बना चुके हर्षित शिवहरे के डिजायन्स सोशल मीडिया पर भी खूब पसंद किए जाए है। हर्षित बताते हैं कि माता-पिता के आशीर्वाद से उनके पास ऑनलाइन और इंस्टाग्राम जैसे माध्यमों से मेहंदी का इतना काम आने लगा कि उन्हें सहायता के लिए अपनी टीम तैयार करनी पड़ी। इसके अलावा भी वह कई लोगों को मेहंदी की ट्रेनिंग देकर आत्मनिर्भर बना चुके हैं। उन्हें मेहंदी आर्ट के लिए कई बड़े मंचों पर सम्मानित किया जा चुका है।
हर्षित बताते हैं कि एक मेहंदी आर्टिस्ट के लिए काम का स्कोप काफी बढ़ चुका है। हर छोटी-बड़ी शादी मे मेहंदी एक अनिवार्य रस्म बन गई है, जिसमें ट्रेंड आर्टिस्ट को बुलाया जाता है। मेहंदी का पैकेज डिजायन और मेहंदी लगवाने वाले लोगों की संख्या पर निर्भर करता है। आजकल दुल्हा-दुल्हन एक-दूसरे के पोर्टेट बनवाने लगे हैं, हवनकुंड, गठबंधन जैसे जटिल डिजायन बनवाते हैं तो पैकेज बढ़ जाता है।
हर्षित की सक्सेस स्टोरी बताती है कि अगर आपके अंदर सच्चा जुनून और कड़ी मेहनत करने की लगन हो, तो आप अपने किसी भी हुनर को सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँचा सकते है। अपनी सफलता का रहस्य पूछने पर हर्षित किसी कलाकार की इन लाइनों को दोहराते हैं, “कला केवल हाथों की नहीं, दिल की भी होती है। जब तक आप इसे पूरे मन से नहीं करेंगे, यह जीवंत नहीं होगी।”
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मेहंदी आर्ट में एक उभरता नाम है हर्षित शिवहरे जिसने अपने शौक को बनाया प्रोफेशन; अपनी अनूठी शैली से मिल रहा काम और नाम
- by admin
- April 24, 2025
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- 2 months ago








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