आगरा।
सेक्टर-7 में वरिष्ठ समाजसेवी श्री सतीश जायसवाल एवं श्रीमती ऊषा जायसवाल के सौजन्य से चल रहे भागवत कथा महोत्सव के आखिरी दिन 18 जून को कथावाचिका श्री राधालता किशोरीजी ने रुक्मणी विवाह और सुदामा चरित्र का भावपूर्ण वर्णन किया। कल 19 जून को हवन-यज्ञ व पूर्णाहुति और प्रसाद-भंडारे के साथ इस आठ दिनी दिव्य आयोजन का विधिवत समापन हो जाएगा।
श्री आशु जायसवाल ने बताया कि हवन-यज्ञ पूर्वाह्न 11 बजे से होगा और दोपहर को पूर्णाहुति के बाद भंडारा प्रारभ हो जाएगा जो देर रात नौ बजे तक चलेगा। कथा-परीक्षित श्री सतीश जायसवाल और उनकी धर्मपत्नी ने शिवहरे-जायसवाल समाज के सभी बंधुओं औऱ माता-बहनों से आग्रह किया है कि वे प्रसाद ग्रहण कर हमें भागवत-सुख प्रदान करने की कृपा करें। इससे पूर्व श्री राधालता किशोरीजी ने धार्मिक मान्यताओं का हवाला देते हुए कहा कि भागवत कथा का पुण्य तभी मिल पाता है, जब हम ईश्वर के नाम का प्रसाद ग्रहण करें। बिना प्रसाद ग्रहण किए भागवत कथा के अनुष्ठान का लाभ नहीं मिल पाता, जबकि मात्र प्रसाद ग्रहण करने से पूरी कथा श्रवण करने का पुण्य लाभ प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि यह प्रसाद ही है जो हमें ऊंच-नीच, छोटा-बड़ा की भावना से ऊपर उठाता है।
कथा के अतिम दिन किशोरीजी ने कहा कि भागवत कथा जनमानस को उनके मानव मूल्यो के महत्व से अवगत कराती है। उन्होंने रुक्मणी विवाह का व्याख्यान किया और अंतिम पहर में सुदामा प्रसंग का संगीतमयी वर्णन किया। इस दौरान शिवहरे समाजबंधु भी खासी संख्या में पहुंचे जिनका किशोरीजी के हाथों से स्वागत-सत्कार कराया गया।
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