आगरा।
पुलिस लाइन स्थित भारद्वाज आश्रम में चल रही ‘सर्वमंगलकारिणी दिव्य भागवत कथा’ के तीसरे दिन 24 सितंबर को कथावाचक संत शिरोमणि आचार्य श्री सुशीलजी महाराज ‘वृंदावन वालों’ ने भगवान विष्णु के वामन अवतार कथा का वर्णन किया। खास बात यह है कि सुशीलजी महाराज भागवत कथा के प्रसंगों के दौरान रोजमर्रा के जीवन की छोटी-छोटी बातों की रोचक व्याख्या कर रहे हैं, इस भौतिक जगत में सही-गलत और उचित-अनुचित में भेद करना समझा रहे हैं, और बीच-बीच में भजनों की संगीतमयी प्रस्तुति से भक्ति मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
कह सकते हैं कि भारद्वाज आश्रम में इन दिनों रोज दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक ‘धर्म, भक्ति और संगीत’ की ‘पवित्र त्रिवेणी’ प्रवाहित हो रही है जिसमें शिवहरे समाजबंधु नित गोते लगा रहे हैं। इस कथा के मुख्य आयोजक और कथा-परीक्षित बने युवा कारोबारी श्री विकास शिवहरे ने शिवहरेवाणी को बताया है कि भागवत कथा में बुधवार, 25 सितंबर को भगवान राम और भगवान कृष्ण के जन्म का वर्णन होगा। उन्होंने सभी समाजबंधुओं से भगवान राम और भगवान कृष्ण के जन्म के पावन प्रसंगों के श्रवण का लाभ लेने का आग्रह किया है।
कथावाचक आचार्य श्री सुशीलजी महाराज ने भगवान विष्णु के वामन अवतार प्रसंग की व्याक्या करते हुए कहा कि अन्याय की बेल पर कभी फल नहीं आते, और अगर फल आ भी जाएं तो पक नहीं सकते। उन्होंने कहा कि भगवान न्यायप्रिय है, अन्याय और अहंकार उसे पसंद नहीं। यही कारण है कि भगवान विष्णु ने राजा बलि के अहंकार को तोड़ने के लिए वामन अवतार लिया। उन्होंने कहा कि भगवान को प्रेम और भक्ति पसंद है। भक्त ही भगवान को नहीं तलाशते, भगवान को भी सच्चे भक्तों से मिलने की आस रहती है। यही कारण है कि भगवान श्रीकृष्ण को दुर्योधन के छप्पन भोग लुभा नहीं पाए, और वह उसके महल को छोड़कर विदुर की कुटिया में जा पहुंचे और विदुरानी से हाथों से रूखा-सूखा भोजन बड़े चावपूर्वक किया।
कथा में कथा परीक्षित श्री विकास शिवहरे और उनकी धर्मपत्नी के साथ विशाल शिवहरे-दुर्गा शिवहरे, दीपक शिवहरे- पायल शिवहरे, श्रीकृष्ण शिवहरे-मधु शिवहरे, सुमित शिवहरे- अंजु शिवहरे, मनीष शिवहरे-रेनू शिवहरे समेत परिवार के सभी लोगों के अलावा श्री विमल शिवहरे (वीएस ज्वैलर्स), मुकेश शिवहरे, राकेश गुप्ता (इटावा), राजीव गुप्ता समेत कई शिवहरे समाजबंधु व महिलाओं न कथा के श्रवण का लाभ अर्जित किया।
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