प्रयागराज।
कलचुरी समाज वर्ग-उपवर्गों और बैनरों को भेद मिटाकर एकजुट हो रहा है। यह कहना है कि राष्ट्रीय कलचुरी एकता महासंघ की राष्ट्रीय संयोजिका श्रीमती अर्चना जायसवाल का। वह प्रयागराज में जायसवाल धर्मशाला में जायसवाल समाज के सामूहिक विवाह की पूर्वसंध्या पर आयोजित राष्ट्रीय कलचुरी एकता महासंघ के राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित कर रही थीं।
अधिवेशन की अध्यक्षता करते हुए श्रीमती अर्चना जायसवाल ने कहा कि कलवार, कलार, कलाल समाज जिस भावना के साथ एकजुट हो रहा है, वह अभूतपूर्व और उत्साहजनक है। समाज वर्ग-भेद ही नहीं, बैनरों-संगठनों के भेद को भी मिटाकर एकजुट हो रहा है। प्रयागराज में हो रहा है सामूहिक विवाह इसकी मिसाल है जहां जायसवाल समाज प्रयागराज के कार्यक्रम में राष्ट्रीय कलचुरी एकता महासंघ का अधिवेशन आयोजित किया जा रहा है। इसी तरह आगामी जनवरी माह में मुंबई में दो दिनी राष्ट्रीय आयोजन हो रहा है और जायसवाल समाज, मुंबई के बैनर तले होने वाले इस कार्यक्रम में देशभर से कलचुरी समाज के विभिन्न संगठनों के लोग भागीदारी करने वाले हैं। इससे पूर्व 5 जनवरी को गुवाहाटी में होने वाले कार्यक्रम में भी कई सामाजिक संगठनों की भागीदारी होगी। उन्होंने कहा कि सभी सामाजिक संगठन दरअसल सामाजिक एकता को मजबूत करने और सामाजिक उत्थान के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहे हैं, और अपनी-अपनी तरह से योगदान कर रहे हैं। हम यदि इसी तरह मतभेदों को भुलाकर काम करें, तो आश्चर्य नहीं कि निकट भविष्य में कलचुरी समाज राजनैतिक, सामाजिक और शैक्षणिक दृष्टि से सशक्त व समृद्ध समाज की प्रतिष्ठा प्राप्त कर लेगा।
जयपुर से आए जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता श्री शिवचरण हाडा ने कहा कि राष्ट्रीय कलचुरी एकता महासंघ का उद्देश्य कलचुरी समाज के सभी वर्गों को एक करना था, इसीलिए इसके नाम में कलार, कलाल, कलवार न जोड़कर ‘कलचुरी’ शब्द का चयन किया था जो हमारे पौराणिक, प्राचीन और राजनीतिक इतिहास से जुड़ा संबोधन है। यही वजह है कि जागरूक सामाजिक संगठन अब इस शब्द का प्रयोग करने की वकालत करने लगे हैं, और कलचुरी शब्द को तेजी से धारण किया जा रहा है। उन्होंने युवाओं से कहा कि सामाजिक एकजुटता के लक्ष्य में तन, मन और धन से समर्पित होकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि जयपुर में उनके प्रयास से मेधावी छात्रों के लिए 5100 रुपये की छात्रवृत्ति निर्धारित की गई है जो हर वर्ष दी जाती है। यदि प्रयागराज में भी ऐसा कोई मेधावी छात्र है जो धनाभाव में आगे की पढ़ाई नहीं कर पा रहा है, तो वह उनसे संपर्क कर सकता है। वह मदद का पूरा प्रयास करेंगे।
असम के सिलचर से ए लक्ष्मी निवास कलवार ने कहा कि सामाजिक एकता के लिए जरूरी है कि हम सभी अपने सरनेम में कलचुरी शब्द को शामिल करें। हालांकि यह भी सत्य है कि कुछ वर्ग और संगठन इसके पक्षधऱ नहीं हैं। लिहाजा सौ फीसदी तो यह काम हो नहीं सकता लेकिन यदि अधिक से अधिक ऐसा कर पाए तो समाज की उन्नति होगी।
वहीं दिल्ली से आए अखिल भारतीय कलवार, कलार, कलाल महासभा के राष्ट्रीय महासचिव श्री किशोर भगत ने कहा कि अब समय आ गया कि सभी संगठनों को एकजुट हो जाना चाहिए। यदि सभी संगठन एकसाथ मिलकर काम करेंगे तो सामाजिक एकता की दिशा में अधिक कार्य हो सकेगा। अधिवेशन का संचालन राष्ट्रीय कलचुरी एकता महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष श्री किशोर राय (नरसिंहपुर) ने किया। स्वागत उदबोधन जायसवाल समाज के श्री टीएन जायसवाल एडवोकेट ने दिया।
अधिवेशन में पटना हाईकोर्ट की अधिवक्ता एवं राष्ट्रीय कलचुरी एकता महासंघ की बिहार महिला इकाई की अध्यक्ष श्रीमती इंदिरा गुप्ता (पटना), पंकज मेवाड़ा (भीलवाड़ा), केके जायसवाल (नोएडा), राजेश राय (उज्जैन), पुष्पा जायसवाल (गोरखपुर), सुरेश जायसवाल (सीहोर) समेत देशभर से महासंघ के पदाधिकारियों न भाग लिया। इस दौरान कमलेंद्र जायसवाल, सुधीर जायसवाल, धर्मेंद्र जायसवाल, ब्रजेश जायसवाल, आशीष जायसवाल, मोहित जायसवाल समेत प्रयागराज के प्रतिष्ठित स्वजातिजन भी उपस्थित रहे।
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अब उपवर्गों के साथ बैनरों के भेद भी मिटा रहा कलचुरी समाज:अर्चना जायसवाल; प्रयागराज में राष्ट्रीय कलचुरी महासंघ का अधिवेशन
- by admin
- December 13, 2023
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