December 14, 2025
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
शिक्षा/करियर समाचार

इंटरनेशनल फाइट में छा गए बाड़ी के देवा शिवहरे; तीन गोल्ड और एक सिल्वर मैडल जीता; संस्कृत टीचर का बेटा बना ताइक्वांडो चैंपियन

बाड़ी।
धौलपुर के बाड़ी नगर के प्रतिभाशाली ताइक्वांडो प्लेयर देवा शिवहरे ने इंटरनेशनल कंप्टीशन में तीन गोल्ड मैडल औऱ एक सिल्वर मैडल जीतकर परिवार, समाज और जनपद का नाम रोशन किया है। एक संस्कृत टीचर के इस होनहार पुत्र की कामयाबी को लेकर क्षेत्र में खासी चर्चा है। धौलपुर कलचुरी (शिवहरे) समाज की ओर से जल्द ही देवा शिवहरे का अभिनंदन किया जाएगा।

बता दें कि देवा शिवहरे ने बीते दिनों मध्य प्रदेश ताइक्वांडो एसोसिएशन द्वारा हैदराबाद में आयोजित एक इंटरनेशनल कंप्टीशन में भाग लिया था जिसमें शानदार प्रदर्शन करते हुए चार मैडल जीतने में कामयाबी हासिल की। ‘पूमसे’, ‘क्योरई’ और ‘स्पीड पंचिंग’ राउंड्स में उन्होंने गोल्ड मैडल जीते, जबकि ‘स्पीड किकिंग’ में रजत पदक हासिल किया। बाड़ी के संस्कृत अध्यापक श्री विष्णु शिवहरे ने बेटे की कामयाबी पर खुशी जाहिर करते हुए इसके लिए मुरैना के इंटरनेशनल ताइक्वांडो गोल्ड मेडलिस्ट मास्टर मनोज शिवहरे का विशेष आभार व्यक्त किया है जो देवा शिवहरे के कोच व मेंटर हैं और गत करीब 5-6 वर्षों से उन्हें इस सेल्फडिफेंस मार्शल आर्ट की बारीकियां सिखा रहे हैं।

मुरैना के जाने-मान ताइक्वांडो खिलाड़ी व कोच मनोज शिवहरे भी अपने इस होनहार शिष्य की कामयाबी से काफी खुश हैं। उन्होंने देव शिवहरे को बधाई देते हुए कहा कि यह उनकी मेहनत, प्रतिभा औऱ लगन का सुफल है। वहीं कलचुरी (शिवहरे) समाज, धौलपुर के जिला अध्यक्ष रवि शिवहरे ने गुरु और शिष्य, दोनों को बधाई देते हुए कहा कि देवा की कामयाबी ने समाज का मान बढ़ाया है, जिसके लिए जल्द ही उनका सार्वजनिक अभिनंदन किया जाएगा।

20 वर्षीय देवा शिवहरे अपनी कामयाबी का श्रेय अपने गुरू मनोज शिवहरे के साथ ही परिवार को भी देते हैं। देवा शिवहरे पिछले कई वर्षों से मुरैना में रहकर मनोज शिवहरे से ताइक्वांडो सीख रहे हैं, साथ ही पढ़ाई भी कर रहे हैं। वह ग्रेजुएशन के बाद एसटीसी भी कर चुके हैं। और, डीएलएड कर प्राइमरी टीचर बनने की पात्रता हासिल करना चाहते हैं। साथ ही वह फिजिकल ट्रेनिंग स्नातक (बीपीएड) करने पर भी विचार कर रहे हैं।
बाड़ी में मोल्ला जोशी पाड़ा निवासी देव शिवहरे के पिता श्री विष्णु शिवहरे संस्कृत के अध्यापक हैं, जो ‘शिवहरे संस्कृत कोचिंग’ के नाम से अपनी कोचिंग चलाते हैं। साथ ही एलआईसी से जुड़कर इंश्योरेंस के क्षेत्र में भी काम करते हैं। देव शिवहरे की मां श्रीमती कुसुम शिवहरे होममेकर (गृहणी) हैं। बहन दीक्षा शिवहरे जयपुर में एलडीसी (लोअर डिविजनल क्लर्क) की भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रही है।

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