कोटा।
पिछले कई वर्षों से ‘स्वजातीय सामूहिक विवाह समारोह’ का आयोजन करती आ रहीं कोटा की कलाल महिलाओं ने इस बार तमाम बाधाओं, रुकावटों और आरोपों के बावजूद इस पुण्य-कार्य का क्रम टूटने नहीं दिया। कलाल महिला क्लब सेवा संस्था, कोटा ने बीती 1 मार्च को फुलेरा दौज के अबूझ सावे में 8 जोड़ों का सामूहिक विवाह सफलतापूर्वक संपन्न कराकर समाज में महिलाओं की सशक्त भूमिका और भागीदारी की शानदार मिसाल पेश की।


सामूहिक विवाह विज्ञान नगर स्थित चमत्कारी हनुमान मंदिर में हुआ जो पहले कलाल छात्रावास में होना तय था। इसके लिए करीब 6 महीने पहले ही कलाल समाज कोटा के तत्कालीन अध्यक्ष श्री राहुल पारेता से स्वीकृति भी प्राप्त कर ली गई थी लेकिन महीनेभर पहले ही कोटा के समाज का नेतृत्व परिवर्तन हुआ और नवनियुक्त अध्यक्ष श्री विकास मेवाड़ा और उनकी कार्यकारिणी ने संयोजिका श्रीमती मिथलेश पारेता पर अपारदर्शिता के गंभीर आरोप लगाते हुए स्वीकृति को निरस्त कर दिया था। ऐसी स्थिति में कलाल महिला क्लब को आनन-फानन में स्थान परिवर्तन करना पड़ा था। खास बात यह रही कि समारोह में कोटा के कलाल समाज ने बड़ी संख्या में भागीदारी कर आयोजक कलाल महिला क्लब की हौसला अफजाई की। संस्था की अध्यक्ष और कार्यक्रम संयोजिका श्रीमती मिथलेश पारेता ने शिवहरेवाणी को बताया कि कार्यक्रम में ढाई हजार से अधिक समाजबंधुओं ने भागीदारी की। उन्होंने बताया कि इस पूरे आयोजन की विशेषता यह रही कि सभी तैयारियों की जिम्मेदारी महिलाओं ने स्वयं संभाली और उसे पूरी निष्ठा और उत्साह के साथ अपनी जिम्मेदारी को निभाया। कलाल समाज कोटा के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए उन्होंने दावा किया कि सामूहिक विवाह समारोह समाज के ही भामाशाहों के सहयोग से पूर्ण पारदर्शिता के साथ होता आ रहा है, तभी यह निरंतरता संभव हो सकी है।
1 मार्च को सुबह नौ बजे 8 दूल्हों की भव्य बारात बैंडबाजों के साथ दुर्गामाता मंदिर से विवाहस्थल के लिए रवाना हुई। बारात में दूल्हों के परिवारीजन और रिश्तेदारों के साथ ही बड़ी संख्या में समाजबंधु भी शामिल हुए। बारात के विवाह स्थल पर पहुंचने के पर तोरण और वरमाला की रस्में हुई जिसके बाद सभी जोड़े अपने लिए निर्धारित वेदियों पर पहुंचे जहां वैदिक मंत्रोच्चार के साथ उनका पाणिग्रहण संस्कार कराया गया।


परिणय सूत्र में बंधे ये जोड़े
सामूहिक विवाह समारोज में जो जोड़े परिणय सूत्र में बंधे उनमें चि. कमल सुवालका (टोंक) संग सौ.कां. निशा सुवालका (केकड़ी, अजमेर), चि. प्रदीप सुवालका (बटेरा, केकड़ी) संग सौ.कां. कमलेश सुवालका (गांगोला, टोंक), चि. दिलीप सुवालका (टीडोड़ी, जहाजपुर) संग सौ.कां. नेहा सुवालका (चंदेरिया, चित्तौड़), चि. चौथमल सुवालका (चंदेरिया, चित्तौड़) संग सौ.कां. महिमा सुवालका (जहाजपुर, भीलवाड़ा), चि. प्रेमसागर (सजगढ़, सांगोद) संग सौ.कां. काजल पारेता (कोटड़ी गोरधनपुर), चि. रवि पारेता संग सौ.कां. किरण पारेता (राजगढ़), चि. गिरिराज पारेता (बड़ागांव, बारां) संग सौ.कां. मीनाक्षी पारेता (बारां) और चि. नीरज सुवालका (टिडोड़ी, जहाजपुर) संग प्रिया सुवालका (हिंडोली, बूंदी) शामिल हैं।


जोड़ों पर उपहारों की बौछार
कलाल महिला क्लब सेवा संस्था एवं भामाशाहों के सहयोग से नवदंपतियों को 51 उपयोगी वस्तुएं भेंट की गईं। इनमें दुल्हन को सोने का मंगलसूत्र (सौजन्य आयोजन कमेटी), सोने की नाक का काटा (सौजन्य श्रीमती मिथलेश अनुपम वर्मा), सोने की कान की बाली ( सौजन्य श्रीमती कल्पना प्रदीप पारेता), दुल्हन की लहंगा-चुन्नी (सौजन्य श्रीमती पुष्पा देवी पारेता), पंखा (सौजन्य श्रीमती धापू बाई सुवालका), चांदी की बिछिया (सौजन्य गुप्तदान जयपुर से), दूल्हे की शेरवानी (सौजन्य श्रीमती संतोष हनुमान पारेता), प्रेशर कुकर (सौजन्य श्रीमती जानकी देवी हीरा लाल पारेता), इलेक्ट्रिक प्रेस (सौजन्य श्रीमती निर्मला सुवालका), बाउल सेट ( सौजन्य श्रीमती निशा विनोद पारेता), दुल्हन की हाथ की घड़ी (सौजन्य श्रीमती किरण सूरज पारेता), कंबल (सौजन्य श्रीमती सुनीता गुर्जर पत्नी श्री रविकांत गुर्जर), स्टील की टंकी (सौजन्य श्रीमती कलावती परमानंद पारेता), दुल्हन का चूड़ा सेट (सौजन्य रानी चूड़ी सेंटर, इंदिरा मार्केट ), हैंड ग्राइंडर (सौजन्य श्रीमती सीमा ज्ञानेश्वर पारेता), कांसे की थाली (सौजन्य श्रीमती केसर बाई पत्नी स्व. श्री गोविंद विलास पारेता), तांबे का लोटा (सौजन्य श्रीमती रनीता सोहन विलास पारेता), हॉटपॉट केसरोल (सौजन्य श्रीमती सुनीता मोहन विलास पारेता), सिलाई मशीन (श्रीमती पिंकी बद्री पारेता, श्रीमती मेघा परवेश पारेता, श्रीमती राजेश नरेश तलायचा, श्रीमती गीता बृजमोबन पारेता और श्रीमती पायल कपिल पारेता के सौजन्य से), दीवार घड़ी (सौजन्य श्रीमती नेहा विजय पारेता), गिफ्ट हैम्पर (सौजन्य श्रीमती मीना बंटी कलाल), अलमारी (श्रीमती सीमा देवकीनंदन कलाल, श्रीमती कमला गोपाल मेवाड़ा, श्रीमती मीना चंद्रमोहन सुवालका, श्रीमती कोमल जगदीश सुवालका, श्रीमती गीता देवी बृजमोहन सुवालका, श्रीमती रीना वीरेंद्र सुवालका, श्रीमती ज्योति राहुल मेवाड़ा के सौजन्य से), केसरोल (सौजन्य श्रीमती गुंजन यश सुवालका), गणेशजी की मूर्ति (सौजन्य श्रीमती विमला महावीर पारेता), 5 लीटर का पानी का कैम्पर (सौजन्य श्रीमती कमलेश हेमंत मेवाड़ा), चांदी की बिछिया (सौजन्य श्रीमती गीता देवी पत्नी स्व. श्री रमेश तलायचा), ट्रॉली सूटकेस (सौजन्य श्रीमती संतोष हेमराज पारेता), बाटी ओवन (सौजन्य श्रीमती हेमलता राजेश पारेता), पलंग (श्रीमती सूरजकला सुवालका, श्रीमती लीला हेमराज माहुर, श्रीमती अंजु हरिशंकर माहुर, श्रीमती सरोज मोहन पारेता, श्रीमती सावित्री रमेशचंद पारेता, श्रीमती सुशीला नरेंद्र भास्कर, श्रीमती टीना कौशल पारेता एवं श्रीमती प्रेमबाई पत्नी स्व. श्री नंदलाल पारेता के संयुक्त सौजन्य से), चौकी (श्रीमती गीता मोहनलाल सुवालका), 51 पीस का डिनर सेट (श्रीमती रंजना नवलकिशोर सेठी, श्रीमती वीनू जितेंद्र गवालेरा, श्रीमती मीनाक्षी कुलदीप ग्वालेरा एवं श्रीमती मधु दीपक मेवाड़ा के सौजन्य से), गद्दा-चादर-तकिया (सौजन्य श्रीमती दीपा जयकांत पारेता), दुल्हन का लहंगा (सौजन्य श्री गोविंद गौसेवा संवर्धन समूह कोटा), दुल्हन की साड़ी (सौजन्य श्री ठाकुरजी ट्रेडर्स, न्यू क्लॉथ मार्केट, कोटा), डबल बेडशीट विद पिलो कवर (सौजन्य श्रीमती मेघमाला मिथलेश कुमार पारेता), थर्मस बॉटल (सौजन्य श्रीमती सिद्धिबाई जायसवाल) समेत गृहस्थी संबंधी अन्य सामान शामिल हैं।


समारोह के अतिथि
विवाह समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में रेड क्रॉस सोसायटी के स्टेट चेयरमैन श्री राजेश कृष्ण बिड़ला उपस्थित रहे, जो लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला के अग्रज हैं। विशिष्ट अतिथि के रूप में नेता प्रतिपक्ष विवेक राजवंशी की उपस्थिति रही। कार्यक्रम में कलाल समाज कोटा के पूर्व अध्यक्ष और अखिल भारतीय जायसवाल सर्ववर्गीय महासभा के युवा महासचिव श्री राहुल पारेता, कोटा समाज के युवा अध्यक्ष श्री कपिल पारेता, रामपुर पंचायत अध्यक्ष श्री छितरलाल पारेता, श्री विनोद पारेता, श्री आनंद मेवाड़ा, श्री मुकेश मेवाड़ा समेत कई प्रतिष्ठित समाजबंधुओं और भामाशाहों की उपस्थिति महत्वपूर्ण रही। सभी ने कलाल महिलाओं के आयोजन को खूब सराहा।
ढाई हजार लोगों की भोजन व्यवस्था
समारोह में ढाई हजार से अधिक के अतिथियों के लिए भोजन की भव्य व्यवस्था की गई थी जिसके लिए भामाशाहों ने खुले हाथ से अन्नदान किया। सहयोग करने वाले दानदाताओं में श्रीमती विद्या चेतराम जी मेवाड़ा, श्रीमती शीला हनुमान पारेता (मान जी), श्रीमती अनीता आनन्द मेवाड़ा, श्रीमती इंद्रा शिवकुमार मेवाड़ा, श्रीमती संतोष देवी सुवालका, श्रीमती भूली पारेता (पत्नी स्व. श्री छीतर पारेता मिर्ची वाले), श्रीमती आशा ओमप्रकाश गुप्ता, श्री विकास दाधीच और हिमांशु कलाल प्रमुख हैं। सभी अतिथियों को कुर्सी मेज की पंगत में भोजन कराया गया। साउंड और इवेंट व्यवस्था श्री मुकेश मेवाड़ा (मेवाड़ा इवेंट एंड म्यूजिकल ग्रुप) की ओर से की गई।
रंग लाई कलाल महिलाओं की मेहनत
समिति कलाल महिला क्लब की सभी महिलाएं अध्यक्ष मिथलेश पारेता सहित कई महिलाएं उपस्थिति दर्जल कराकर कार्यक्रम को सफल बनाने में भूमिका निभाई। इस दौरान आयोजन में सहयोग करने वाले 150 भामाशाहों का सम्मान भी किया गया। संयोजिका श्रीमती श्रीमती मिथलेश पारेता के साथ श्रीमती ममता पारेता, श्रीमती चंदा मेवाड़ा, श्रीमती वीणा मेवाड़ा, श्रीमती शिखा पारेता, श्रीमती रेखा पारेता, श्रीमती मीना मेवाड़ा, श्रीमती अनीता भास्कर, श्रीमती चंदा मेवाड़ा, श्रीमती ज्योति मेवाड़ा, श्रीमती सीमा कलवार, श्रीमती संतोष पारेता, श्रीमती कोमल सुवालका, श्रीमती कुसुम मेवाड़ा सहित महिला मंडल की कई अन्य पदाधिकारी गत दो महीने से कंधे से कंधा मिलाकर आयोजन की तैयारियों में जुटी थीं।
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