भोपाल।
कलार समाज नरसिंहपुर के अध्यक्ष श्री पंकज चौकसे (गोटेगांव) को ‘अखिल भारतवर्षीय हैहय कलचुरी महासभा’ की मध्य प्रदेश इकाई का अध्यक्ष बनाया गया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जयनारायण चौकसे ने भरोसा जताया है कि श्री पंकज चौकसे के युवा और ऊर्जावान नेतृत्व से महासभा ‘सामाजिक एकीकरण’ के अपने एजेंडे को मध्य प्रदेश में कुशलता के साथ क्रियान्वित करेगी।
महासभा के राष्ट्रीय सलाहकार श्री शंकरलाल राय महासभा की नवगठित मध्य प्रदेश इकाई के भी सलाहकार होंगे। पद्मश्री श्री बनवारीलाल चौकसे को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। श्री वीरेंद्र राय ‘पप्पू’ को प्रदेश महासचिव (कार्यालय) बनाया गया है, जबकि श्री ओपी चौकसे महासभा के प्रदेश महासचिव (संगठन) और इंजी. प्रकाश मालवीय प्रदेश महासचिव (प्रचार) होंगे। वहीं, श्री जीसी जायसवाल को प्रदेश कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है।
कौन हैं पंकज चौकसे
नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा निवासी श्री पंकज चौकसे (पुत्र स्व. श्री पीताम्बर प्रसाद चौकसे) एक प्रतिष्ठित समाजसेवी हैं जो सामाजिक सेवा कार्यों में सदैव तत्पर रहते हैं। पेशे से सिविल एंड रोड कांट्रेक्टर श्री पंकज चौकसे कलचुरी समाज के कई राष्ट्रीय और प्रदेश संगठनों के जिम्मेदार पदों पर हैं। वह राष्ट्रीय कलचुरी एकता महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के साथ ही सहस्त्रबाहु कलचुरी कलार महासभा के राष्ट्रीय सचिव, नरसिहंपुर कलचुरी कलार समाज के जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी का भी सक्रियता से निर्वहन कर रहे हैं। साथ ही राष्ट्रीय बजरंग सेना के राष्ट्रीय प्रभारी भी हैं। कई बड़े सामाजिक सम्मेलनों, परिचय सम्मेलनों और सामूहिक विवाह समारोह के सफल आयोजनों को अंजाम दे चुके श्री पंकज चौकसे ने गत वर्ष श्रीधाम में अखिल भारतीय सामूहिक विवाह एवं युवक-युवती परिचय सम्मेलन के भव्य आयोजन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था। श्री पंकज चौकसे का मानना है कि सामाजिक एकता के लक्ष्य को तभी हासिल किया जा सकता है जब सामाजिक संगठनों की पहुंच गांव-मजरों तक हो, और आखिरी पायदान का व्यक्ति को भी इनसे जोड़ा जाए। श्री पंकज चौकसे ने शिवहरेवाणी से बातचीत में महासभा का आभार जताते हुए कहा कि राष्ट्रीय नेतृत्व के मार्गदर्शन में वह महासभा के ‘नए लक्ष्य और नए एजेंडे’ को मध्य प्रदेश में क्रियान्वित करेंगे।
महासभा के लक्ष्य व एजेंडा
बीते अगस्त माह में भोपाल में हुए महासभा के राष्ट्रीय अधिवेशन में ‘कलचुरी समाज के एकीकरण’ का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। तय हुआ था कि तमाम वर्गों-वर्गों और असंख्य उपनामों में विभाजित करोड़ों की आबादी वाले कलार, कलाल, कलवार समाज को ‘कलचुरी’ शब्द की एक-समान पहचान दी जाए ताकि उनमें एकजुटता का भाव उत्पन्न हो। शुरुआत इस तरह हो कि सभी वर्गों-उपवर्गों के सामाजिक संगठनों को अपने बैनरों में सबसे ऊपर कलचुरी समाज लिखने के लिए प्रेरित किया जाए। भोपाल अधिवेशन में निर्धारित नए एजेंडे में समाज के हर बच्चे की शिक्षा सुनिश्चित करना भी शामिल है। साथ ही समाज की आर्थिक मजबूती के लिए समाजबंधुओं को स्थानीय स्तर पर स्वजातीय व्यापारियों के साथ व्यवहार करने को प्रेरित किया जाना भी शामिल है।
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