प्रयागराज।
पान की छोटी सी टपरी चलाने वाले की होनहार बेटी महक जायसवाल ने यूपी बोर्ड की बारहवीं की परीक्षा में टॉप किया है। प्रयागराज की महक ने 97.20 प्रतिशत अंक प्राप्त कर टॉप किया है। खास बात यह है कि महक ने जिस तरह परिवार की आर्थिक तंगहाली से जूझते हुए यह मुकाम हासिल किया है, वह अपने आपमें मिसाल बन गई है। जायसवाल बुद्धिजीवी परिषद के कमलेंद्र जायसवाल ने महक की उपलब्धि और शिक्षा के लिए उसके संघर्ष की सराहना करते हुए कहा कि बिटिया ने पूरे कलचुरी समाज का मान बढाया है, जिसके लिए समाज की ओर से उसका विशेष सम्मान किया जाएगा।
प्रयागराज शहर के कुछ किलोमीटर दूर स्थित कनेटी गांव की रहने वालीं महक जायसवाल भुलाई का पुरा स्थित बच्चा राम यादव इंटर कालेज की छात्रा हैं। उनके पिता शिवकुमार जायसवाल कनेटी गांव से करीब 65 किलोमीटर दूर कोशांबी जिले के पोखराज में पान की छोटी सी टपरी चलाते हैं। पैसा बचाने के लिए दो-तीन महीने में एक बार एक-दो दिन के लिए ही घर आ पाते हैं। महक की मां कुसुम जायसवाल साधारण गृहणी हैं जिन्हें पति की बहुत थोड़ी सी कमाई में घर चलाने का संघर्ष करना पड़ता है।
तीन बहनों और एक भाई में तीसरे नंबर की महक ने बताया कि परिवार की तंगहाली ने उन्हें यह अहसास करा दिया था कि हमारे लिए पढ़ाई ही ऐसा ‘शस्त्र’ है जिसके बल पर हम इन विषम परिस्थितियों पर विजय पा सकते हैं। इसीलिए उसका फोकस केवल पढ़ाई पर रहा। टॉप करने की कोई ख्वाहिश नहीं पाली थी, बस अच्छे से पढ़ाई करने की धुन थी। रोज 10-10 घंटे पढ़ाई की, स्टॉप-वॉच के साथ सवालों के उत्तर तैयार किए, ताकि निर्धारित 3 घंटे के समय में प्रश्नपत्र में दिए सारे प्रश्नों को हल सक सके। एग्जाम के पहले मोबाइल से पूरी तरह दूरी बना ली। महक की मेहनत और तैयारी उसके रिजल्ट में नजर आती है, उसे बायोलॉजी में 99, फिजिक्स में 99, कैमिस्ट्री में 98, हिंदी और अंग्रेजी में 95-95 अंक प्राप्त हुए हैं। वह डाक्टर बनना चाहती है ,और इसके लिए वह अभी से नीट की तैयारी में जुट गई है।
महक के माता-पिता उसकी कामयाबी से बेहद खुश हैं। वह कहते हैं कि बेटियां उनके लिए ईश्वर का वरदान हैं, तीनों बेटियां पढ़ाई में होनहार हैं। महक ने हाईस्कूल की परीक्षा में भी 94 प्रतिशत अंक लाकर स्कूल में टॉप किया था। बड़ी बेटी आयुषी जायसवाल भी टॉपर रही है। उसने 2018 में हाईस्कूल की परीक्षा में ऑल यूपी चौथी रैंक हासिल की थी। फिलहाल वह बीएड कर रही है और स्कूल में पढ़ाती भी है। सबसे छोटी बेटी शगुन नौवीं में है और वह भी क्लास में अव्वल रहती है। बेटा आयुष बीए कर रहा है और पान की टपरी पर पिता का हाथ भी बटाता है।
महक अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं। उसने बताया कि उनकी मां ने किसी भी जरूरत पर बच्चों की पढ़ाई को प्राथमिकता दी। फिर स्कूल के टीचर्स को श्रेय देती हैं। वह कहती हैं कि घर की स्थिति को देखते हुए उसने कभी कोई ट्यूशन नहीं ली। सौभाग्य से उसके स्कूल के टीचर्स इतने हेल्पफुल थे कि जब कभी किसी विषय में कोई टॉपिक समझने में दिक्कत आई, तो उन्होंने हमेशा सहायता की। इसके अलावा बड़ी बहन का विशेष आभार मानती हैं जिन्होने परीक्षा में तैयारी में उसकी बहुत मदद की।
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चाय की टपरी वाले की बेटी बनी 12वीं की यूपी टॉपर; प्रयागराज की महक जायसवाल की कामयाबी के पीछे कड़े संघर्ष की दास्तान; Exclusive
- by admin
- April 25, 2025
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- 3 months ago




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