November 23, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
शिक्षा/करियर

जबलपुर: होनहार सुरभि शिवहरे बनीं इसरो वैज्ञानिक; ‘पढ़ी-लिखी मां’ ने बेटी के सपने को दी उड़ान

जबलपुर।
वर्तमान में महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं, तो इसे पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं की बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जाना चाहिए। इस अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) के उपलक्ष्य में हम उन महिलाओं के बारे में बताएंगे जिन्होंने अपने बल पर समाज में एक मुकाम हासिल किया है। इस कड़ी में हम बताने जा रहे हैं जबलपुर की सुरभि शिवहरे के बारे में जो इसरो (ISRO) यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान में वैज्ञानिक हैं।
सुरभि जिस परिवेश से आती है, उसे देखते हुए निश्चय ही उनका सफर आसान नहीं रहा होगा। सितंबर, 1997 में जन्मीं सुरभि के पिता श्री विनोद शिवहरे पारिवारिक स्थितियों के चलते पढ़ाई-लिखाई नहीं कर पाए थे और पांचवी कक्षा के बाद पिता के साथ दुग्ध और दुधारू पशुओं के व्यवसाय में जुट गए। हालांकि सुरभि की मां श्रीमती पूजा शिवहरे होम साइंस ग्रेजुएट हैं और बच्चों की देखभाल और उनकी शिक्षा की जिम्मेदारी को उन्होंने बखूबी अंजाम दिया है। सुरभि बचपन से ही पढ़ाई में होशियार रही। अपनी क्लास में हमेशा अव्वल रही, सीबीएसई बोर्ड से हाईस्कूल और इंटरमीडियेट की पढ़ाई की। मैथ्स और फिजिक्स में उनका विशेष रुझान था। सुरभि बताती है कि स्पेस साइंस में देश के वैज्ञानिकों की सफलता ने उन्हें हमेशा ही प्रभावित किया, जिसके चलते वह खुद भी स्पेस रिसर्च के क्षेत्र में जाने का सपना देखती थीं। 2015 में सुरभि ने इंटरमीडियेट के बाद पहले ही प्रयास मे जेईई मेन्स में कामयाबी हासिल कर ली। इसके बाद जेईई एडवांस भी क्लीयर करने पर उन्होंने इसरो के ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टैक्नोलॉजी’ में बीटेक (एयरोस्पेस इंजीनियरिंग) पाठ्यक्रम में दाखिला लेने का विकल्प मिला, जिसे उन्होंने चुन लिया। आपको बता दें कि इस इंस्टीट्यूट में हर साल पूरे देश से केवल 140 बच्चे लिए जाते हैं।
दाखिला लेने के बाद सुरभि ने पढ़ाई में कड़ी मेहनत की, औऱ हर सेमेस्टर में शानदार सफलता प्राप्त की। सुरभि बताती हैं कि जून 2019 में हुए दीक्षांत समारोह में इसरो के तत्कान चेयरमैन के सिवन ने उन्हें अपने हाथों से बीटेक की डिग्री दी थी जो उनके लिए जीवन का सबसे बड़ा सपना पूरा होने जैसा था। जे सिवन के साथ इसरो के सभी चारों विगों के डायरेक्टर भी मंच पर मौजूद थे। सुरभि वर्तमान में केरल के त्रिवेंद्रम स्थित इसरो मुख्यालय में साइंटिस्ट ‘एसडी’ के पद पर हैं और स्पेस रिसर्च के क्षेत्र में हैं। वह अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं। वहीं सुरभि की मां श्रीमती पूजा शिवहरे का कहना है कि सुरभि बचपन से ही मेहनती थी और अपनी मेहनत और मेधा के बल पर ही यह मुकाम हासिल किया है। पिता श्री विनोद शिवहरे ने शिवहरेवाणी से बातचीत में कहा कि एक महिला का पढ़ा-लिखा होना क्यों जरूरी है, इसकी मिसाल मेरे परिवार से ले सकते हैं। उन्होंने बच्चों की पढ़ाई लिखाई के लिए पत्नी श्रीमती पूजा शिवहरे का आभार जताते हुए कहा कि पारिवारिक परिस्थितियों के चलते वह खुद तो पढ़ाई-लिखाई तो नहीं कर पाए लेकिन बच्चों को पढ़ा-लिखाकर समाज में सम्मानित बनने का सपना वह भी देखा करते थे। वह पूरा दिन अपने काम में व्यस्त रहते थे और पत्नी ने बच्चों की पढ़ाई पर पूरा ध्यान दिया। सुरभि की छोटी बहन मुस्कान बीटेक (इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन) की पढ़ाई कर रही है, जबकि भाई शुभम शिवहरे बीए के बाद लॉ (एलएलबी) कर रहा है।

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