जयपुर।
जयपुर में कलचुरी समाज की सघन आबादी वाले क्षेत्र ‘प्रेम नगर’ में समाज की ‘अधूरी’ धरोहर जल्द ही भव्य रूप लेगी। इसकी शुरुआत बीते रोज श्री ओमप्रकाश जायसवाल के अध्यक्ष बनने के साथ हुई जो समाज भवन के भूमि दानदाता श्री बंशीधर जायसवाल के पुत्र हैं और इस नाते स्वाभाविक तौर से इस धरोहर के साथ उनका ‘भावनात्मक जुड़ाव’ भी है। श्री ओमप्रकाश जायसवाल ने ‘जायसवाल युवा समाज संस्था जयपुर’ का अध्यक्ष पद ग्रहण करने के साथ ही भवन के विस्तार व नवीनीकरण के लिए 5,51,000 रुपये के सहयोग की घोषणा की, तो सभास्थल तालियों से गूंज गया। नवीनीकरण योजना के समाज तहत भवन में भगवान सहस्रबाहु मंदिर का निर्माण भी किया जाएगा।

बीते रोज ‘श्री खोले के हनुमान मंदिर’ में हुई विशेष बैठक में उपस्थित समाजबंधुओं ने सर्वसम्मति से श्री ओमप्रकाश जायसवाल को ‘जायसवाल युवा समाज संस्था जयपुर’ का अध्यक्ष मनोनीत किया गया। श्री वेदप्रकाश जायसवाल को महामंत्री और श्री महेश सेठी को कोषाध्यक्ष बनाया गया। पद ग्रहण करते हुए श्री ओमप्रकाश जायसवाल ने समाज-भवन के नवीनीकरण के लिए 5,51,000 रुपये दान की घोषणा की, और कहा कि जल्द ही संस्था की नवीन कार्यकारिणी के अन्य पदों की घोषणा कर दी जाएगी जिसके बाद भवन के निर्माण की योजना बनाकर कार्य शुरू कराया जाएगा। श्री ओमप्रकाश जायसवाल की इस घोषणा का सभी ने न केवल तालियां बजाकर स्वागत किया, बल्कि वहां मौजूद भामाशाहों ने दिल खोल कर निर्माण के लिए सहयोग राशि की घोषणाएं भी कीं।
बैठक में 10 लाख की सहयोग राशि की घोषणाएं
संरक्षक श्री शिवचरण हाडा ने एक लाख रुपये की घोषणा की तो श्री पूरनचंद झिरीवाल, श्री गोविंद नारायण और श्री नवल किशोरजी ने भी लगे हाथ एक-एक लाख रुपये देने का ऐलान कर दिया। श्री वेदप्रकाश जायसवाल और श्री महेश सेठी ने 51-51 हजार रुपये, श्री कैलाश जायसवाल ने 21 हजार रुपये और श्री उत्तमचंद चौधरी व श्री राजेंद्र सेठी ने भी 11-11 हजार रुपये सहयोग राशि के तौर पर देने की घोषणा की। इस तरह लगभग 10 लाख रुपये की सहयोग राशि की घोषणा मौके पर ही हो गई।

500 से अधिक जायसवाल परिवारों को मिलेगी राहत
आपको बताते चलें कि आगरा रोड स्थित प्रेमनगर में जायसवाल समाज के 500 से अधिक परिवार रहते हैं। लगभग 20 वर्ष पूर्व प्रेमनगर में रहने वाले भामाशाह श्री बंशीधर जायसवाल ने 550 वर्गगज का एक भूखंड समाज-भवन के निर्माण के लिए दान किया था। वर्तमान में इस धरोहर में आधा बेसमेंट बना हुआ और भूतल पर तीन कमरे बने हैं। भामाशाह स्व. श्री रामस्वरूप जायसवाल (दौसा वाले), श्री हरीश धनेटवाल ‘संत हरिहर दासजी महाराज’ और श्री पन्नालाल जायसवाल (अहमदाबाद) ने एक-एक कमरे का निर्माण कराया था। प्रेमनगर के समाज-भवन में कई सामाजिक आयोजन हो चुके हैं, एक बार परिचय सम्मेलन भी कराया जा चुका है। समाज भवन की देखरेख मुख्य रूप से ‘जायसवाल युवा समाज संस्था जयपुर’ करती रही है जो काफी समय से निष्क्रिय पड़ी थी। अब इस संस्था के दोबारा सक्रिय होने के साथ समाजभवन को और उपयोगी व भव्य रूप देने की योजना पर कार्य संभव हो सकेगा।
बेसमेंट औऱ हॉल के निर्माण की योजना
‘जायसवाल सेवा समिति’ के महामंत्री श्री कमल किशोर जायसवाल ने शिवहरेवाणी को बताया कि जायसवाल युवा समाज संस्था जयपुर’ काफी दिनों से निष्क्रिय पड़ी थी, लेकिन अब श्री ओमप्रकाश जायसवाल के अध्यक्ष बनने के बाद उम्मीद है कि संस्था प्रेमनगर के समाज भवन का पुनर्निर्माण व नवीनीकरण कर इसे और अधिक उपयोगी बनाने की योजना पर तेजी से काम करेगी। बैठक में चर्चा के दौरान सामने आया कि इस प्रोजेक्ट में बेसमेंट के निर्माण को पूर्ण करने के साथ एक बड़ा बहुउद्देशीय हॉल का निर्माण भी शामिल किया गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि भवन में कलचुरी समाज के आराध्य देव भगवान राजराजेश्वर श्री सहस्रबाहु अर्जुन के एक भव्य मंदिर का निर्माण भी कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब प्रेमनगर में समाज भवन के विकास, जरूरतमंद स्वजातीय बंधुओं की सहायता और समाजहित के कार्यक्रमों में अब डबल इंजन संस्थाएं (जायसवाल युवा समाज संस्था और जायसवाल सेवा समिति) कार्य करेंगी।

सेवा समिति की प्रयास से संभव हुई बैठक
खास बात यह है कि बैठक के आयोजन में भी जायसवाल सेवा समिति की महती भूमिका रही है। जायसवाल सेवा समिति से अध्यक्ष श्री गोविंद नारायण जायसवाल, महामंत्री श्री कमल किशोर जायसवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री वेदप्रकाश जायसवाल इस कार्यक्रम के प्रमुख सहयोगी रहे। श्री राजपाल सिंह जायसवा की भी अहम भूमिका रही।
ये लोग रहे उपस्थित
कार्यक्रम में समाज के काफी लोग उपस्थित रहे जिनमें श्री शिवचरण हाड़ा, श्री पूरन चंद झिरीवाल, श्री उत्तमचंद चौधरी, श्री राजेंद्र सेठी, श्री कैलाश चंद जायसवाल (पुत्र श्री बंशीधर जायसवाल), श्री गोविंद नारायण जायसवाल, श्री कमल किशोर जायसवाल, श्री राजपाल सिंह जायसवाल, श्री अशोक जायसवाल (समाज फिल्टर), श्री प्रेमकिशन जायसवाल (आरटीओ), श्री नाथूलाल जायसवाल, डॉ. ओमप्रकाश जी (सांगानेर), श्री ताराचंद जी (खानिया), श्री नवल किशोर सेठी, श्री लोकेश जी, श्री विजय जी, श्री रामावतार जी, श्री अतुल सेठी, श्री भंवर लाल जी, श्री बंटी जी, श्री कैलाश जी (खानियां), ळ्पी राजेंद्र जी (बस्सी), श्री सुरेश जी, श्री हुकुमजी, श्री किशनजी, श्री राकेश सुवालका, श्रीमती मनीषा जी, श्रीमती मधु बजाज व अन्य स्वजातीय बंधु व महिलाएं शामिल रहे।









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