नई दिल्ली/वाराणसी
भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अधिकारी निधि तिवारी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निजी सचिव बनाया गया है। अंतरराष्ट्रीय संबंध एवं सुरक्षा संबंधी मामलों की विशेषज्ञ मानी जाने वाली निधि तिवारी की नई नियुक्ति पर वाराणसी और देवरिया के जायसवाल समाज ने हर्ष व्यक्त किया है। दरअसल निधि तिवारी देवरिया में गौरीबाजार कस्बे के एक जायसवाल परिवार की बहू हैं। उनके पति डा. सुशील जायसवाल का वाराणसी में निजी अस्पताल है।
निधि की नियुक्ति इस मामले में भी खास है कि वह पीएमओ में इस पद पर पहुंचने वाली पहली महिला अधिकारी हैं। निधि की यहां तक की यात्रा उन तमाम युवाओं के लिए प्रेरणा है जो छोटी जगहों से आते हैं, बड़े सपने बुनते हैं। साथ ही यह एक महिला के मेहनत, जज्बे, संघर्ष और कामयाबी की दास्तान भी है जो बताती है कि मुश्किल नहीं कुछ भी अगर ठान लीजिये।


जन्म, शिक्षा और विवाह
0निधि का जन्म वाराणसी से सटे महमूरगंज कस्बे में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। उनकी शुरुआती शिक्षा वाराणसी में हुई, जिसके बाद बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से उन्होंने बीएससी (बायोलॉजी) और पोस्ट-ग्रेजुएशन (बायोकेमिस्ट्री) किया। पीजी में वह गोल्ड मेडलिस्ट रहीं। वर्ष 2006 में ही निधि का विवाह डा. सुशील जायसवाल से हुआ। गौरीबाजार के रहने वाले डा. सुशील जायसवाल ने एमबीबीएस के बाद बीएचयू से एमडी की पढ़ाई की और वाराणसी में ही प्रेक्टिस शुरू कर दी। वर्तमान में वाराणसी के महुआडीह में उनका निजी अस्पताल है।


शादी के बाद भी जारी रखी तैयारी
विवाह के बाद निधि का चयन भाभा एटॉमिक रिसर्च इंस्टीट्यूट में वैज्ञानिक पद पर हो गया। निधि ने दो वर्ष भाभा में जॉब की, और 2008 में यूपीएससी की तैयारी के लिए नौकरी से इस्तीफा देकर वाराणसी लौट आईं। डा. सुशील जायसवाल बताते हैं, वर्ष 2008 में निधि ने यूपीपीसीएस परीक्षा दी जिसमें बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) पद पर उनका चयन हुआ। अगले वर्ष 2009 में फिर यूपीपीसीएस की परीक्षा दी तो इस बार असिस्टेंट कमिश्नर (सेल्स टेक्स) के पद पर सलेक्ट हुईं। असिस्टेंट कमिश्नर के तौर पर उनकी पहली पोस्टिंग वाराणसी में हुई, लिहाजा घर में रहकर नौकरी के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी में कुछ सहूलियत भी हो गई। 2013 में यूपीएससी परीक्षा में उनका नाम वेटिंग लिस्ट मे रह गया लेकिन अगले ही वर्ष 2014 में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में 96वीं रैंक हासिल की। निधि ने भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) में जाने का निर्णय किया।
कार्यक्षेत्र में साबित की असाधारण प्रतिभा
आईएफएस अधिकारी के रूप में निधि तिवारी ने प्रशिक्षण काल में ही अपनी असाधारण प्रतिभा का परिचय दे दिया था जिसके चलते उन्हें एंबेसडर बिमल सान्याल स्मृति चिह्न और बेस्ट ऑफिस ट्रेनी का पुरस्कार मिला। इसके अलावा, उन्हें सर्वोत्तम शोध प्रबंध के लिए भी सम्मानित किया गया। विदेश मंत्रालय में काम करते हुए निधि ने निरस्त्रीकरण और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा जैसे जटिल विभागों में सेवाएं दीं। यह अनुभव उन्हें पीएमओ में ‘विदेश और सुरक्षा’ से जुड़े कार्यों के लिए आदर्श अधिकारी बनाता है। उनकी इस विशेषज्ञता ने G20 की भारत अध्यक्षता के दौरान नीति निर्धारण में भी अहम भूमिका निभाई। फिलहाल प्रधानमंत्री के निजी सचिव पद रहते हुए निधि तिवारी अब पीएम मोदी के रोज़मर्रा के प्रशासनिक कामकाज जैसे- शेड्यूल मैनेज करना, पॉलिसी और एडमिनिस्ट्रेटिव कोऑर्डिनेशन और कम्युनिकेशन आदि को संभालेंगी।


जेठ बोले-बहू ने परिवार का नाम रोशन कर दिया
बीते रोज जैसे ही निधि तिवारी के प्रधानमंत्री का निजी सचिव नियुक्त होने का समाचार मिला, गौरीबाजार कस्बे में खुशियां मनाई जाने लगीं। सिनेमा रोड स्थित उनकी ससुराल में बधाई देने वालों का तांता लग गया। निधि तिवारी के जेठ महेंद्र प्रताप जायसवाल ने कहा कि मुझे गर्व है। बहू ने पूरे खानदान का नाम रोशन कर दिया है। शुरू से ही वह मिलनसार स्वभाव की हैं। घर के लोगों को हमेशा इज्जत देती हैं। इसके अलावा उनके दो अन्य जेठ भुवनेश्वर जायसवाल और महेश जायसवाल ने भी बहू की कामयाबी पर खुशी जाहिर किया है। निधि के पति डा. सुशील जायसवाल चार भाइयों में सबसे छोटे हैं। महेश जायसवाल का गौरी बाजार में साइकिल स्टोर है। महेंद्र जायसवाल केंद्रीय विद्यालय दिल्ली में अध्यापक हैं तो भुवनेश्वर जायसवाल गौरीबाजार में टीचर हैं।


पति को यकीन-नई भूमिका में भी रहेंगी कामयाब
उधऱ, वाराणसी में निधि के पति डॉ. सुशील जायसवाल भी उनकी नियुक्ति पर ख़ुशी ज़ाहिर की है। वह कहते हैं कि एक आईएफएस अधिकारी को सर्विस में अलग-अलग ज़िम्मेदारियां मिलती रहती हैं, लेकिन यह एक बड़ी ज़िम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि निधि बहुत मेहनती हैं और नौकरी के प्रति उनकी रुचि भी है। उन्हें यकीन है कि निधि नई भूमिका में भी कामयाब होंगी।
मोदी की टीम में सबसे युवा अधिकारी
प्रधानमंत्री कार्यालय में डॉ. प्रमोद कुमार (पीके) मिश्रा प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव के रूप में कार्यरत हैं जो 1972 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं। लिस्ट में दूसरा नाम 1968 बैच के आईपीएस अधिकारी अजित डोभाल का है जो पीएमओ में बतौर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार तैनात हैं। अगला नाम है 1980 बैच के शक्तिकांत दास का, जिन्हें प्रधान सचिव-2 की ज़िम्मेदारी दी गई है। इनके अलावा विवेक कुमार (आईएफ़एस-2004) और हार्दिक सतीशचंद्र शाह (आईएएस-2010) पीएमओ में बतौर निजी सचिव काम कर रहे हैं। इस फेहरिस्त में अगला नाम निधि तिवारी का है जो इन सब में सबसे युवा हैं।
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