February 19, 2025
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार समाज

नागपुर में 11 जोड़ों की धूमधाम से हुई शादी; बीमार हालत में भी पहुंचे दीपक जायसवाल तो खिल उठे चेहरे; सौ से अधिक युवक युवतियों ने दिए परिचय

नागपुर।
नागपुर में ‘कलचुरी एकता समवर्गी संघ, नागपुर’ के बैनर तले ‘9वें निःशुल्क सामूहिक विवाह एवं परिचय सम्मेलन’ हर वर्ष की भांति इस बार भी बड़े धूमधाम के साथ संपन्न हुआ। जाने-माने उद्योगपति एवं समाजसेवी श्री दीपक जायसवाल की माताजी ‘स्व. श्रीमती आशादेवी गोविंद प्रसाद जायसवाल की स्मृति’ में शुक्रवार (7 फरवरी) को हुए इस कार्यक्रम को नागपुर के संपूर्ण कलचुरी समाज ने एकजुट होकर सफलता के अर्श पर पहुंचाया।
नागपुर में कोराड़ी स्थित प्रसिद्ध ‘मां महालक्ष्मी जगदम्बा मंदिर संस्थान’ के विशाल परिसर में हुए इस सामूहिक विवाह में 11 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद देने के लिए नागपुर और आसपास के जिलों से हजारों समाजबंधु कार्यक्रम में पहुंचे। जायसवाल, शिवहरे, राय, चौकसे, डहरवार, कटकवार, चौरे, चौरेवार, पशीने, नशीने, उज्ज्वने, बोरले, धुवारे, दियेवार, डोगरे, डोहरे, खराटे, समदुलकर जैसे असंख्य सरनेम और उपवर्गों वाले नागपुर के कलचुरी समाज की एकजुटता और एक गौरवशाली ‘परंपरा’ बन चुके इस मांगलिक सामाजिक उत्सव के लिए उनका उत्साह देखते ही बन रहा था।
11 दूल्हों की भव्य बारात दोपहर को बैंड-बाजे के साथ विवाहस्थल पहुंची जहां विशाल मंच पर सभी वर-वधुओं ने मंत्रोच्चारण के बीच एक-दूसरे को वरमाला डाली। कार्यक्रम संयोजक श्री दीपक जायसवाल ने अपने आशीष वचन में सभी जोड़ों को वैवाहिक जीवन के लिए शुभकामनाएं और आशीर्वाद दिया। इसके बाद सभी जोड़े अपने-अपने निर्धारित वेदियों पर पहुंचे जहां वेद-मंत्रोच्चार के साथ अग्नि के सात फेरे लेकर हमेशा के लिए एक-दूजे के हो गए। इसके बाद वरवधुओं को एक-साथ बिठाकर प्रेमपूर्वक भोजन कराया गया, और उन्हें उपहारों के साथ विदा किया। सब बिल्कुल वैसे ही, जैसे बेटी अपने ही घर से विदा हो रही हो। विवाह की रस्म के दौरान मंच पर विवाहयोग्य युवक-युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें 100 से अधिक युवक- युवतियों ने अपने वैवाहिक परिचय दिये।
बीमारी की हालत में भी पहुंचे दीपक जायसवाल
नागपुर में कलचुरी समाज का यह सामूहिक विवाह समारोह’ यूं तो अब एक परंपरा का रूप ले चुका है, जो कलचुरी एकता समवर्गी संघ, नागपुर के सदस्यों और पदाधिकारियों के साथ ही अन्य संस्थाओं के समाजबंधुओं की सक्रिय भागीदारी से प्रत्येक वर्ष संपन्न होता है। लेकिन, इस आयोजन के सूत्रधार, प्रेरणास्रोत और मार्गदर्शक श्री दीपक जायसवाल के उपस्थिति हमेशा ही अनिवार्य और महत्वपूर्ण रहती है। इस बार कार्यक्रम से दो दिन पहले 5 फरवरी की शाम को श्री दीपक जायसवाल की तबियत इस कदर खराब हो गई कि उन्हें शहर के एक अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा। 6 फरवरी की शाम को आईसीयू से निकलने के बाद दीपक जायसवालजी आराम करने के बजाय अगली सुबह विवाहस्थल पहुंचे तो व्यवस्थाओं में लगे समाजबंधुओं के मायूस चेहरों पर चमक लौट आई। यह इस कार्यक्रम को लेकर श्री दीपक जायसवाल का लगाव और चिंता ही है जो यह गौरवशाली आयोजन लगातार अपनी नवीं पायदान पर पहुंचा है। आयोजन समिति ने श्री दीपक जायसवाल का मंच पर अभिनंदन कर उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की।
ये 11 जोड़े बने जीवनसाथी
मेघा मालवीय (पिपरिया, म.प्र.) संग मोहित चौकसे (छिंदवाड़ा, म.प्र.), लक्ष्मी थानथराटे (रायपुर, छत्तीसगढ़) संग संदेश पशिने (भंडारा, महाराष्ट्र), मनीषा साकरे (बालाघाट, म.प्र) संग दुर्गेश जायसवाल (नागपुर, महाराष्ट्र), सोनाली डहरवाल (नागपुर, महाराष्ट्र) संग रंजित नोनारे (भंडारा, महाराष्ट्र), प्रेरणा शिवने (बालाघाट, म.प्र.) संग गोपाल बिटले (सिवनी, म.प्र.), पुष्पा उचीबगले (नागपुर, महाराष्ट्र) संग विनय भौरगड़े (सिवनी, म.प्र.), मोनु राठोर (हरदोली, म.प्र.) संग अजय शिवने (बालाघाट-म.प्र.), काजल धनकरे (भंडारा, महा.) संग परमानंद धनकड़े (बालाघाट, म.प्र.), दीक्षा बिजेवार (नागपुर, महाराष्ट्र) संग बेनीप्रसाद कोल्हे (छिंदवाड़ा, म.प्र.), श्रद्धा कावड़े (बालाघाट, म.प्र.) संग भीमराव चौरीवार (नागपुर, महाराष्ट्र), खिलेश्वरी बारेवार (नागपुर, महाराष्ट्र) संग ओमेश बिजेवार (गोंदिया, महाराष्ट्र)।
हर जोड़े को आशीर्वाद के साथ ढेरों उपहार
सोने की लौंग-नथ, साड़ी व सुहाग श्रृंगार, चांदी का सिक्का (25 ग्राम), चांदी की बिछिया, फ्रिज, बॉक्स वाला पलंग (गद्दा-तकिया-बेडशीट, कंबल-चादर समेत), स्टील अलमारी, ड्रेसिंग टेबल, कूलर, मिक्सर-ग्राइंडर, बड़ा ट्रॉली बैग, स्टील का डिनर-सेट, स्टील किचन रैक, पीतल की परात, स्टील के 3 डिब्बों का सेट, इलेक्ट्रिक प्रेस, सीलिंग फेन, दीवार घड़ी, मिल्टन वॉटर केन 5 लीटर, 2 स्टील ड्रम, चौरंग एवं पूजा की थाली, धार्मिक ग्रंथ व पुस्तकें, इडली का सांचा, स्टील का सिंगल गैस चूल्हा, लकड़ी का मंदिर, स्टील थाली डिनर सेट, प्रेस्टीज प्रेशर कुकर (5 लीटर का), तांबे का लोटा, मल्टी टिफिन बॉक्स समेत कई अन्य सामान भी दिए गए।
इन्होंने संभाली मुख्य व्यवस्थाएः-
कार्यक्रम की समस्त व्यवस्थाएं श्री दीपक जायसवाल और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती दीप्ति जायसवाल के मार्गदर्शन व निर्देशन में नागपुर अध्यक्ष डा. बीआर काकपुरे, महिला समिति अध्यक्ष श्रीमती स्नेहा अनूप राय, शिक्षण समिति अध्यक्ष श्री त्रिलोकीनाथ शिवहरे, पूर्व अध्यक्ष श्री राजन कटकवार, युवा समिति अध्यक्ष श्री अमित जायसवाल और पूर्व अध्यक्ष अरविंद कुमार जायसवाल के नेतृत्व में की गईं।
हर इंतजाम की अलग समिति
कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित करने के लिए हर छोटी-बड़ी व्यवस्था के लिए अलग-अलग समितियां बनाई गई थीं। इनमें स्वागत समिति, कन्यादान-भेट वस्तु संग्रह समिति, प्रचार-प्रसार समिति, स्वास्थ्य समिति, विधि सलाहकार समिति, कार्यालय समिति, वर पक्ष एवं बारात व्यवस्था समिति, वधु पक्ष समिति, समारोह स्थल समिति, मंडप सजावट समिति, मंच व्यवस्था समिति, मंच संचालन समिति, परिचय सम्मेलन समिति, सांस्कृतिक कार्यक्रम समिति, भोजन व्यवस्था समिति प्रमुख है। इन समितियों में सैकड़ों समाजबंधुओं ने सक्रिय योगदान किया।
समाज के सभी संगठनों ने दिखाई एकजुटता
आयोजन से जुड़ी विभिन्न समितियों में जायसवाल संगठन, अखिल भारतीय क्षत्रिय मराठा कलार संगठन, झरिया कलार संगठन, डहरवाल कलार संगठन, कोसरे कलार संगठन,गौड़ कलार संगठन,राय चौकसे संगठन, जैनकलार संगठन ,डडसेना सिन्हा कलार संगठन,साव कलार संगठन,तेलुगु कलार संगठन,सूर्यवंशी कलार संगठन शिवहरे कलार संगठन सभी कलार संगठनों का पूर्ण रूप से सहयोग रहा। कार्यक्रम की तैयारी बीते तीन माह से चल रही थीं और एक महीने से अनवरत मेहनत ने कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित की।
अब तक 127 जोड़ों की हो चुकी है शादी
इस भव्य आयोजन का शुभारंभ श्री दीपक जायसवाल की पहल पर 16 अप्रैल, 2016 को हुआ था जिसमें 10 जोड़ों का सामुहिक विवाह सम्पन्न हुआ था। दूसरे वर्ष 23 फरवरी 2017 को 11 विवाह, तीसरे वर्ष 12 मार्च 2018 को 11 विवाह, चौथे वर्ष 18 जनवरी 2019 को 11 विवाह, पांचवें वर्ष 08 फरवरी 2020 को 20 विवाह, (वर्ष 2021 को कोरोनाकाल के कारण आयोजन नहीं किया गया), छठवें सम्मेलन में 19 अप्रैल 2022 को 10 विवाह, सातवें सम्मेलन 31 जनवरी 2023 को 19 विवाह संपन्न हुए। 17 जनवरी 2024 को 24 जोड़ों का विवाह हुआ, और अब नवें संस्करण में 7 फरवरी 2025 को 11 जोड़ों का विवाह संपन्न हुआ। इस प्रकार इस गौरवशाली सामूहिक विवाह समारोह में अब तक 127 जोड़े विवाह बंधन में बंध चुके हैं।

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