June 18, 2025
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शिक्षा/करियर समाचार

यूपीएससी 2025: बरेली के आयुष जायसवाल बने आईएएस; रूपल और सांची ने भी पूरा किया सपना; चयन सूची में कलचुरी समाज के 5 अभ्यर्थी

नई दिल्ली/बरेली/खंडवा/अंबिकापुर।
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सिविल सेवा परीक्षा 2024-25 का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया है। इस बार अंतिम चयन सूची में 1008 अभ्यर्थी शामिल किए गए हैं। खास बात यह है कि कलचुरी समाज के अभ्यर्थियों ने इस बार अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन किया है। प्राथमिक जानकारी के आधार पर अंतिम सूची में कलचुरी समाज के पांच अभ्यर्थियों ने जगह बनाई है जिनमें आयुष जायसवाल (178वीं रैंक), रूपल जायसवाल (512वीं रैंक), अभिशील जायसवाल (538वीं रैंक), सांची जायसवाल (654वीं रैंक) और जया जायसवाल (889वीं रैंक) शामिल हैं।
बरेली के आयुष जायसवाल ने दूसरे प्रयास में पूरा किया सपना
यूपी के बरेली जिले के फरीदपुर कस्बे में मोहल्ला कानून गोयान निवासी आयुष जायसवाल ने 178वीं रैंक हासिल की है। उन्हें आईएएस पोस्टिंग मिलना लगभग तय लग रहा है। यह उनका दूसरा प्रयास था। पहले प्रयास में उन्होंने 707वीं रैंक हासिल की थी और उन्हें आईआरएस (भारतीय राजस्व सेवा) सर्विसेज में मौका मिला था। दूसरे प्रयास मे 178वीं रैंक लाने पर उनके पूरे परिवार में खुशी का माहौल है। पिता अमन जायसवाल को रिश्तेदारों और समाज की ओर से ढेरों बधाइयां मिल रही हैं। रिजल्ट घोषित होने के बाद परिवार आयुष जायसवाल के आगमन का इंतजार कर रहा है।
खंडवा की रूपल ने 22 लाख की नौकरी छोड़ शुरू की थी तैयारी
वहीं 512वीं रैंक लाने वाली रूपल जायसवाल खंडवा की रहने वाली हैं और उन्होंने दूसरे प्रयास में यह सफलता हासिल की है। सिंबायोसिस लॉ स्कूल, पुणे से एलएलबी करने वाली रूपल जायसवाल ने 22 लाख रुपये के पैकेज की नौकरी छोड़कर आईएएस की तैयारी शुरू की थी और किसी कोचिंग संस्थान का सहारा लिए बिना घर में ही सेल्फ स्टडी की। रूपल कहती हैं कि आईएएस बनना उनका सपना है, फिलहाल मौजूदा पर आईएएस पोस्टिंग मिलना तो मुश्किल है लेकिन उन्हें जो भी सेवा मिलेगी, उसमे योगदान करते हुए अगले प्रयास की तैयारी करेंगी और परीक्षा देकर बेहतर रैंक लाने का प्रयास करेंगी। खंडवा में जसवाड़ी रोड स्थित महादेवी नगर निवासी रुपल जायसवाल के पिता धनंजय जायसवाल पेशे से सिविल इंजीनियर हैं। उन्होंने खंडवा में सोफिया कॉन्वेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल से इंटरमीडियेट तक की पढ़ाई की। सिंबायोसिस लॉ स्कूल, पुणे से एलएलबी करने के बाद उन्होंने एक प्रतिष्ठित लॉ फर्म में लीगल एसोसिएट के पद पर काम किया था।
अबिंकापुर की सांची ने दूसरे प्रयास में पाई सफलता
छत्तीसगढ़ में अम्बिकापुर शहर के बौरीपारा निवासी सांची जायसवाल ने दूसरे प्रयास में 654वीं रैंक हासिल की है। सांची 12वीं के बाद आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चली गई थीं, जहां दौलतराम कॉलेज से ग्रेजुएशन और जवाहरलाल नेहरू यूनीवर्सिटी (जेएनयू) से पोस्ट-ग्रेजुएशन किया। वर्तमान में वह जेएनयू से पीएचडी कर रही हैं। सांची के पिता मोहन जायसवाल बिजनेसमैन हैं, जबकि माता अमिता जायसवाल गृहणी हैं। यूपीएससी रिजल्ट आने के बाद परिवार में खुशी का माहौल है और सभी को सांची के आने का इंतजार है जो इस समय दिल्ली में हैं।
(कलचुरी समाज के चयनित अभ्यर्थियों के बारे यह प्राथमिक जानकारी है, यह संख्या बढ़ भी सकती है। आगे की कड़ियों में सभी सफल अभ्यर्थियों का इंटरव्यू प्रकाशित करने का प्रयास करेंगे। एक बात और, संमाज के कई ग्रुपों में इशांत जायसवाल (441वीं रैंक)को भी कलचुरी बताते हुए बधाइयां दी जा रही हैं। बेशक, सफलता के लिए इशांत को भी ढेरों बधाई लेकिन यहां बताना जरूरी है कि हिमाचल के रहने वाले इशांत दरअसल ‘जसवाल’ हैं, ‘जायसवाल’ नहीं। वह कलचुरी समाज से नहीं हैं।)

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