by Som Sahu September 26, 2017 घटनाक्रम 189
शिवहरे वाणी नेटवर्क
झांसी।
लगभग सभी धर्म ग्रंथों में बुजुर्गों की सेवा को पहला कर्तव्य माना गया है। लेकिन हमारे समाज में बुजुर्गों को वह सम्मान नहीं मिल रहा है, जिसके वे हकदार हैं। संतानों की आर्थिक परेशानियों या गरीबी का इससे कोई लेना-देना नहीं, बल्कि इसका संबंध सीधे तौर पर मन के भावों से है। समाज में वृद्धाश्रमों की संख्या बढ़ी है, और उनमें ऐसे तमाम बुजुर्ग मिल जाएंगे जिनके बच्चे संपन्न हैं, ऐसे भी बुजुर्ग वहां हैं जिनके बच्चों ने उनके द्वारा अर्जित संपत्ति पर कब्जा कर उन्हें बेदखल कर दिया है।
खैर, बुजुर्ग के उत्पीड़न का ऐसा ही एक मामला सामने आया है झांसी के एक शिवहरे परिवार में। यहां झोकनबाग में नारायण धर्मशाला के पास रहने वाले राम शिवहरे (काल्पनिक नाम) ने अपनी पुत्रवधु से बचाने की गुहार अदालत से लगाई है। 80 वर्षीय राम शिवहरे ने अदालत से कहा है कि वह अक्सर बीमार रहते हैं, इसके बावजूद उसकी पुत्रवधु उनकी सेवा करना तो दूर, लगातार मानसिक व शारीरिक उत्पीड़न करती है। उन्होने आरोप लगाया कि पुत्रवधु ने उनके मकान पर कब़्जा कर लिया है और उसका पाति (राम शिवहरे का पुत्र) कोई विरोध नहीं करता। अदालत ने बीते रोज मामले की सुनवाई करते हुए पुलिस को आरोपी पुत्रवधु के खिलाफ अभिभावक एवं वरिष्ठ नागरिक देखभाल एवं कल्याण अधिनियम 2007 की धारा 24 के तहत मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया। पुलिस ने पुत्रवधु के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
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