January 30, 2025
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
वुमन पॉवर

आज की दुर्गाः समुद्री सीमाओं की रक्षा में असिस्टेंट कमांडेंट वसुंधरा चौकसे

by Som Sahu September 24, 2017  

शिवहरे वाणी नेटवर्क

भोपाल।

अन्य देशों की सेनाओं के विपरीत भारतीय सेना में महिलाओं को युद्ध के मोरचे पर जाने की इजाजत अभी पूरे तौर पर नहीं मिली है। हालांकि भारतीय तटरक्षक बल (इंडियन कोस्ट गार्ड) ने इस दिशा में एक अच्छी शुरूआत की है। देश में पहली बार चार महिला कोस्ट गार्ड अधिकारी पाक और बांग्लादेश की समुद्री सीमा पर लड़ाकू भूमिका (कॉम्बैट रोल) में तैनात हुईं हैं। ये चारों महिला अधिकारी होवरक्राफ्ट कहे जाने विशेष तटरक्षक वाहनों की मदद से काम कर रही हैं। अभी तक पुरुष अधिकारी है होवरक्राफ्ट चलाते थे।  होवरक्राफ्ट की मदद से हमारी समुद्री सीमा की निगरानी रख रहीं  इन महिला अधिकारियों में असिस्टेंट कमांडेंट वसुंधरा चौकसे भी शामिल हैं।

असिस्टेंट कमांडेंट वसुंधरा चौकसे भोपाल से हैं। उनके पिता ओम चौकसे भी कोस्ट गार्ड में सेवाएं दे चुके हैं। वसुंधरा चौकसे कहती हैं, ‘मैं चैन्नई कोस्ट गार्ड एयर स्टेशन में लॉजिस्टिक ऑफिसर असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर कार्यरत हूं। 20 दिसंबर 2015 को पहली बार होवरक्रॉफ्ट पायलट ट्रेनिंग के लिए लेडी ऑफिसर्स को आमंत्रित किया गया। 17 लेडी ऑफिसर्स में से जनवरी में हुए एप्टीटयूट टेस्ट के आधार पर चार ऑफिसर्स का चयन हुआ। उसमें से एक मैं थी। होवरक्रॉफ्ट यानी लेडी ऑफिसर्स की ऑन शिप पोस्टिंग पहली बार। मैं इसको लेकर काफी उत्साहित थी। इससे पहले लेडी ऑफिसर्स को ऑफिस या एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस ही मिलती थी।वसुंधरा चौकसे के मुताबिक, लेडी ऑफिसर्स के रुप में खुद को प्रूव करने के लिए हमें एक्स्ट्रा एफर्ट लगाने पड़ रहे हैं। चाहे वो फिजिकल ट्रेनिंग हो या मेंटली ट्रेनिंग।

वसुंधरा ने भोपाल सेंट फ्रांसिस हायर सेकंडरी स्कूल से हायर सेकंडरी की। एलएनसीटी कॉलेज से आईटी में इंजीनियरिंग की। एमबीए करते हुए उनका चयन कोस्ट गार्ड में हो गया। स्कूल कॉलेज में एनसीसी में एक्टिव रही। वहीं से फोर्स में जाने मिली प्रेरणा। ट्रेनिंग के बाद जनवरी 2012 में कोस्टगार्ड में उनकी पहली पोस्टिंग हुई। वसुंधरा ने का मेरा पैतृक घर नरसिंहपुर जिले के करेली में है। पापा ओम चौकसे पहले कोस्ट गार्ड में रहे हैं, अब खेती-किसानी करते हैं। मां हाउसवाइफ है। छोटे से गांव से मैं बड़े सपने लेकर भोपाल मौसी रचना मालवीय के यहां आई। यहीं स्कूल-कॉलेज की पढाई की। वसुंधरा कहती हैं, कुछ पाने की जिद और जुनून होगा, तो रास्ते अपने आप मिलने लगेंगे। बस मेहनत करो, विपरीत परिस्थितियों और मेल डॉमिनेंस को हावी मत होने दो। तब आप सपने को सच कर पाओगे।

    Leave feedback about this

    • Quality
    • Price
    • Service

    PROS

    +
    Add Field

    CONS

    +
    Add Field
    Choose Image
    Choose Video

    समाज

    समाज और सामाजिकता किसे कहते हैं, राजेश जायसवाल से