November 24, 2024
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पल्लवी का अजब टेलेंटः रिवर्स राइटिंग में लिख डाली गीता और रामायण

by Som Sahu September 19, 2017  जानकारियांशख्सियत 167

 

  • मिरर राइटिंग यानी उल्टा लिखने में माहिर हौशंगाबाद की पल्लवी चौकसे
  • पिता की प्रेरणा से अपनी कमजोरी को बनाया ताकत, पति का भी मिला साथ
  • एक निजी स्कूल में शिक्षिका हैं पल्लवी, 7 मिनट में लिखती हैं 250 उल्टे शब्द

शिवहरे वाणी नेटवर्क

हौशंगाबाद।

दुनिया में तरह-तरह के टेलेंट हैं। कहा जाता है कि हर शख्स एक विशेष प्रतिभा से संपन्न होता है। जरूरत उसे पहचानने और तराशने की है। जो ऐसा कर पाता है, उसे दुनिया सलाम करती है। ऐसी ही हैं हौशंगाबाद की पल्लवी चौकसे। अजब टेलेंट है उनका, सुनकर आप भी चौंक जाएंगे कि पल्लवी चौकसे मिरर राइटिंग यानी उल्टा लिखने में माहिर हैं। पिता ने उनके हुनर को पहचाना, और इसे इतना निखारा कि आज वह महज सात मिनट के अंदर 250 शब्द की गति से उल्टा लिख सकती हैं।

मूल रूप से भोपाल की रहने वाली पल्लवी बचपन से ही उल्टे शब्द लिख रहीं थीं। लेकिन कभी अपनी इस कला पर ध्यान नहीं दिया। पल्लवी जब बीएससी की परीक्षा दे रही थी, तो सीधे शब्दों में जवाब देने में उन्हें मुश्किल महसूस हुई। इसलिए उन्होंने शब्दों को रिवर्स राइटिंग में लिख कर उत्तर दिया। इस बात के लिए उनके नंबर काटे गये। पल्लवी बहुत निराश हुई तब उनके पिता श्री अरुण पारे, जो हरदा नगरपालिका में आरआई हैं, ने बेटी का हुनर पहचान कर उनका हौसला बढ़ाया और अपनी इस कमजोरी को अपनी ताकत बनाने की प्रेरणा दी। इसके बाद पल्लवी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

पिता की प्रेरणा का नतीजा सामने है। पल्लवी आज रामायण, गीता जैसे ग्रंथ उल्टी शब्दावली में लिख चुकी है। रविंद्रनाथ टैगोर की गीतांजली, हरिवंश राय बच्चन की मधुशाला सहित अन्य कविताएं और कई ग्रीटिंग कार्ड पर बधाई संदेश उल्टे शब्दों में लिखे हैं। पल्लवी अब रिवर्स राइटिंग में बाइबिल लिख रही हैं। 2004 से अब तक 582 पेजों की रामायण करीब डेढ़ साल में लिखी है। उन्होंने रामायण में 9132 चौपाई, 1169 दोहे, 87 सोरठे,  35 श्लोक, 14251 पंक्तियां उल्टी लिखीं हैं।

पल्लवी हौशंगाबाद के निजी इंग्लिश मीडियम स्कूल सर्वाइट कान्वेंट सीनियर सेकेंड्री स्कूल में शिक्षिका हैं। पल्लवी के पति महेंद्र चौकसे उनका पूरा सपोर्ट करते हैं। महेंद्र चौकसे बताते हैं कि पल्लवी बचपन से ही उल्टे शब्द लिख रहीं थीं, लेकिन कभी उन्होंने अपनी इस कला पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन जब ध्यान दिया तो दुनिया उनकी प्रतिभा का लोहा मान रही है।

 

 

 

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