November 21, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
धरोहर

आगरा की ऐतिहासिक रामबारात और शिवहरे समाजः महाशयजी से लेकर अब तक

by Som Sahu September 15, 2017  घटनाक्रम 684

रामबारात की अग्रिम पंक्ति में रहते थे महाशय रामभरोसेलाल शिवहरे जी

कैप्टन  जेपी भदौरिया और रामनारायण शिवहरे टालवाले भी रहते थे अग्रणी

लंबे अंतराल के बाद इस साल जनकपुरी आयोजन से जुड़े हैंं नीतेश शिवहरे

जनकपुरी महिला समिति में पहली बार शिवहरे महिला श्रीमती प्रीती शिवहरे

शिवहरे वाणी नेटवर्क

आगरा

आगरा में हर साल पितृपक्ष की एकादशी को रामबारात निकलती है जिसे उत्तर भारत की सबसे बड़ी रामबारात माना जाता है। दूर-दराज के इलाकों से लोग इसे देखने आते हैं। रामबारात के साथ ही जनकपुरी की भव्यता भी लोगों के आकर्षण का केंद्र रहती है। खैर, ये बातें तो सब जानते है। लेकिन हम जब शिवहरे वाणी के लिए यह पोस्ट लिख रहे हैं तो हमारा मकसद रामबारात के साथ शिवहरे समाज के गौरवशाली अतीत, वर्तमान और भविष्य को जोडकर देखने का है।

रामबारात की शोभायात्रा एकादशी की शाम को मनःकामेश्वर से निकलकर रातभर शहर के मार्गों से होती हुई ब्रह्मवेला में जनकपुरी पहुंचती है, जो इस बार आवास विकास कालोनी में बनाई गई है। रामबारात की अगली पंक्ति में रामलीला समिति के पदाधिकारी अगुवाई करते हैं, जिसमें शहर के  प्रतिष्ठितम लोग शामिल होते हैं। बल्कि यूं कहेंं कि इस पंक्ति में शामिल होना ही अपने आपमें प्रतिष्ठा की बात होती है।

महाशय रामभरोसे लाल शिवहरे

सौ साल से भी अधिक पुराने इस आयोजन में पहली बार करीब 60 साल पहले ऐसा हुआ जब इस अग्रिम पंक्ति में एक शिवहरे हस्ती बीचों-बीचों चल रही थे। सफेद खादी पोशाक में यह थे महाशय रामभरोसे लाल शिवहरे। खास बात यह है कि महाशय जी को यह सम्मान धन के बल पर नहीं, बल्कि देश और समाज की अप्रतिम सेवा एवं त्याग के फलस्वरूप प्राप्त हुआ था। महाशयजी नाई की मंडी निवासी स्व. छोटेलाल शिवहरे के दत्तक पुत्र थे। स्वतंत्रता आंदोलन मे महाशयजी और उनकी पत्नी की गौरवशाली भागीदारी रही थी, जिसके जिक्र हम एक अलग आलेख में करेंंगे। लेकिन महाशयजी शिवहरे समाज के पहले व्यक्ति थे जिन्होंने रामबारात के आयोजन में अग्रणी रहकर शिवहरे समाज का गौरव बढ़ाया।

कैप्टन जेपी भदौरिया

रामबारात में भागीदारी के लिहाज से महाशयजी का दौर शिवहरे समाज के लिए विशेष महत्वपूर्ण रहा है। इसी दौर में कैप्टन जेपी भदौरिया भी रामबारात आयोजन की अग्रिम पंक्ति में रहते थे। कैप्टन भदौरिया दरअसल शिवहरे थे और नाई की मंडी में ही रहते थे। वह स्काउट संगठन के कप्तान थे और उस जमाने में रामबारात की व्यवस्थाओं में इस संगठन की विशेष भागीदारी रहती थी। खासकर सुरक्षा संबंधी व्यवस्थाओं में यह संगठन पुलिस का सहयोग करता था।

रामनारायण शिवहरे टालवाले

लगभग इसी दौर में स्व. श्री रामनारायण शिवहरे टालवाले भी थे। वह रामबारात में अपनी घोड़ी लेकर ध्वजवाहक के रूप में आगे-आगे चलते थे। उनकी शानदार घोड़ी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहती थी।

लेकिन इस पीढ़ी के बाद रामबारात आयोजन में शिवहरे समाज की भागीदारी में कमी आई। हमारी जानकारी में इसके बाद एक लंबा अंतराल रहा जिसमें रामबारात में शिवहरे समाज की चर्चित भागीदारी नहीं रही। इस माजरत (माफी) के साथ पाठकों से हमारा अनुरोध हैं कि यदि किसी का नाम या भूमिका का उल्लेख हम नहीं कर पाए हों तो कृपया हमें अवगत कराने की कृपा करें, क्योंकि हमारे संज्ञान में कोई नाम नहीं है। यदि है तो इस अज्ञानता के लिए हम क्षमाप्रार्थी होंगे।

नीतेश शिवहरे

अब बहुत अर्से बाद इस बार इस ऐतिहासिक आय़ोजन में शिवहरे समाज की भूमिका नजर आ रही है। हालांकि यह भूमिका जनकपुरी आय़ोजन के लिए है। युवा भाजपा नेता नीतेश शिवहरे जनकपुरी आय़ोजन समिति में मंत्री पद की हैसियत से सक्रिय हैं और आयोजन में अहम भागीदारी निभा रहे हैं।

श्रीमती प्रीती शिवहरे

वहीं खास बात यह है कि संभवतः पहली बार समाज की कोई महिला जनकपुरी आयोजन में अहम भूमिका है। श्रीमती प्रीती शिवहरे जनकपुरी आयोजन समिति की महिला शाखा में मंत्री है। यह महिला समिति राजा जनक के यहां होने वाले आयोजनों जैसे सीताजी का डोला, महिला संगीत कार्यक्रम आदि में महत्वपूर्ण भूमिका मे रहती है। श्रीमती प्रीती शिवहरे प्रतिभाशाली फैशन डिजाइनर हैं और परिवार को संभालते हुए अपनी प्रतिभा को भी सामने ला रही हैं। उनके पति श्री सुबोध शिवहरे दवा व्यवसायी हैं और शिक्षासेवी हैं।

 

Leave feedback about this

  • Quality
  • Price
  • Service

PROS

+
Add Field

CONS

+
Add Field
Choose Image
Choose Video