November 22, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
धरोहर

दाऊजी मंदिर के पुनरुद्धार की योजना, स्थापित होगी सहस्त्राबाहु की प्रतिमा

by Som Sahu August 14, 2017  घटनाक्रमधरोहर 238

  • आगरा में शिवहरे समाज की प्रमुख धरोहर में होंगे समयानुकूल परिवर्तन
  • योजना पर ज्यादातर सदस्यों ने जताई सहमति, सर्वसम्मति बनने का इंतजार

शिवहरे वाणी नेटवर्क

आगरा।

हर निर्माण, कला, व्यवस्था, सुविधा की अपनी एक मियाद होती है, जिसके बाद उसमें समानुकूल परिवर्तन करना पड़ता है। नहीं बदलने की जिद में न जानें कितनी कलाएं लुप्त हो गईं। कितने ही ऐतिहासिक धरोहरें घ्वस्त हो गईं। आगरा में शिवहरे समाज की प्रमुख धरोहर मंदिर श्री दाऊजी महाराज के निर्माण के 125 साल पूरे हो चुके हैं। अब इसमें भी इसकी प्राचीनता और कलात्मकता को बरकरार रखते हुए समयानुकूल और उपयोगी परिवर्तनों की आवश्यकता शिद्दत से महसूस की जा रही है। बीती रविवार को मंदिर श्री दाऊजी महाराज प्रबंध समिति की बैठक में यही मुद्दा मंथन के केंद्र में रहा। इस पर सहमति बनी हे लेकिन तय किया गया कि जब तक प्रबंध समिति में एक भी सदस्य को आपत्ति होगी, प्रस्ताव को पारित नहीं माना जाएगा। इसके अलावा मंदिर परिसर में भगवान सहस्त्राबाहु की पांच फुट ऊंची अष्टधातु की प्रतिमा स्थापित करने का प्रस्ताव भी पारित हुआ।

सदरभट्टी चौराहा स्थित मंदिर श्री दाऊजी महाराज की प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री भगवान स्वरूप शिवहरे ने मंदिर परिसर के पुनरुद्धार की योजना पेश की। इस पर वहां मौजूद लगभग सभी सदस्यो ने अपने सुझावों के साथ इस योजना पर मंजूरी दी। इसके तहत भवन के उस हिस्से में कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी जहां भगवान विराजमान हैं। यानी अगले हिस्से मं चबूतरा, फव्वारा आदि सभी चीजें यथावत रहेंगी। पुनर्निर्माण का कार्य इसके बाद हॉल के हिस्से से शुरू होगा।

क्या है योजना

योजना यह है कि मंदिर में पूजास्थल वाले चौक से लगे हॉल से लेकर गैलरी तक के हिस्से को एक कर दिया जाए। यानी हॉल के बाद आंगन और उसके बाद बने कमरे आदि सबको एक मिलाकर एक बड़ा हाल बनाया जाएगा। साथ ही इसके ऊपर बने कमरे आदि भी हटा दिए जाएंगे एक वैसा ही हॉल तैयार किया जाएगा। ऊपर नीचे, दोनों हॉलों को बगल वाले पुराने हॉल, जहां अब शाही-ब्याह होते हैं, के साथ मिला दिया जाएगा। इस तरह आयोजनों के लिए बडी व्यवस्था उपलब्ध हो सकेगी। साथ ही बेसमेंट बनाया जाएगा जहां दोपहिया पार्किंग की व्यवस्था होगी। धर्मशाला में प्रवेश के लिए 11 फुट का गेट लगाया जाएगा, जिसके बगल से ही बेसमेंट में जाने के लिए जगह दी जाएगी।

क्या है आपत्ति

बैठक में प्रबंध समिति के वरिष्ठ पदाधिकारी श्री सुरेशचंद्र शिवहरे की राय थी कि पूजास्थल से लगे हॉल के साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए। उनका कहना था कि हॉल की अपनी ऐतिहासिकता है। साथ ही हाल के ऊपर जो रैलिंग लगी है, वह कलात्मकता का एक श्रेष्ठ नमूना है और मंदिर की शान है।

क्यों जरूरी है पुनर्निर्माण

मंदिर प्रबंध समिति के सचिव श्री संजय शिवहरे ने बताया कि मंदिर में अब तक जो भी निर्माण है, वे सवा सौ साल पहले की जरूरत के हिसाब है। करीब 70 साल पहले इसके निर्माण में अंतिम परिवर्तन कराया गया था। अब चीजों को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में देखने की आवश्यकता है। पुरानी व्यवस्थाएं नाकाफी लगने लगी हैं, यही कारण है कि एक दौर में समाज के ज्यादातर धार्मिक, सामाजिक और पारिवारिक मांगलिक आयोजन इस मंदिर परिसर मे हुआ करते थे, वहीं आज यह समाज के ही लोगों की उपेक्षा का शिकार हो रहा है। यदि नई आवश्यकताओं के अनुसार निर्माण कराया जाए, तो समाज के लोग एक बार फिर अपनी ऐतिहासिक धरोहर के साथ जुड़ जाएंगे। बड़ी जगह उपलब्ध होने पर भव्य धार्मिक एवं सामाजिक आयोजनों में भी सहूलियत होगी।

समाधान का प्रयास

बैठक में मौजूद श्री बिजनेश शिवहरे ने श्री सुरेशचंद्र शिवहरे की आपत्ति का समर्थन करते हुए बात रखी कि नए निर्माण में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि इसी रैलिंग का प्रयोग कर इस प्रकार से हो कि मंदिर की कलात्मक श्रेष्ठता बरकरार रहे। काफी विचार-विमर्श के बाद भी जब सर्वसम्मति नहीं बनी तो समिति के सभी सदस्यों को जिम्मेदारी सौंपी गई कि वे श्री सुरेशचंद्र शिवहरे जी योजना से संतुष्ट करने का प्रयास करें। उनके संतुष्ट होने के बाद ही पुनरुद्धार योजना को मूर्त रूप दिया जाएगा। साथ ही बैठक में तय किया गया कि पुनरुद्धार की लागत का बड़ा हिस्सा मंदिर समिति के कोष से ही जुटाया जाएगा। जरूरत पड़ने पर समाज के प्रतिष्ठित लोगों से सहायता ली जाएगी।

स्थापित भगवान सहस्त्राबाहु की प्रतिमा

बैठक में अध्यक्ष श्री भगवान स्वरूप शिवहरे ने प्रस्ताव रखा कि मंदिर के अगले चौक में यानी मंदिर के मुख्य हिस्से के बीचों-बीच भगवान श्री सहस्त्राबाहु अर्जुन की पांच फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाए। इस पर सभी पदाधिकारियों और सदस्यों ने अपनी स्वीकृति प्रदान की।

ये रहे उपस्थित

बैठक की अध्यक्षता श्री भगवान स्वरूप शिवहरे ने की, संचालन प्रबंध समिति के सचिव श्री संजय शिवहरे ने किया। बैठक श्री सरेशचंद्र शिवहरे, श्री विजनेश शिवहरे, श्री विजय पवैया, श्री अजय गुप्ता सीए, श्री आशीष शिवहरे, श्री धर्मेंद्र राज शिवहरे समेत समस्त पदाधिकारी एवं सदस्यगण उपस्थित रहे।

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