November 21, 2024
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साहित्य/सृजन

इंदीवरः यादगार गीतों के महान गीतकार

by Som Sahu May 19, 2017  शख्सियत 246

शिवहरे वाणी नेटवर्क

झांसी।

बड़े अरमान से रखा है बलम तेरी कसम, प्यार की दुनिया में पहला कदम

आप समझ गए होंगे कि बॉलीवुड इतिहास के सुपरहिट गानों में शुमार यह गाना फिल्म मल्हार का है जो 1951 में रिलीज हुई थी। इस लोकप्रिय गीत को लिखा था इंदीवर ने। प्रख्यात गीतकार इंदीवर फिल्मी दुनिया के उन गीतकारों में हैं, जिनके गीतों की वजह से फिल्में हिट हो जाया करती थीं। इंदीवर गीतकार, कवि होने के साथ ही एक देशभक्त क्रांतिकारी थी और 1942 मे अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन मे भाग लेने के कारण ब्रिटिश हुकूमत ने उन्हें एक वर्ष के लिए जेल में बंद कर दिया था।

इंदीवर का वास्तविक नाम श्यामलाल बाबू राय आजाद था। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के गांव धमना के एक कलचुरि परिवार में 15 अगस्त, 1921 में हुआ था। उनके पिता हरदयाल महाजन एक आबकारी ठेकेदार थे। इंदीवर ने इलाहाबाद से एम.ए. किया। साहित्य में शुरू से सुझान रहा और शिक्षाकाल मे कई अच्छी काव्य रचनाएं कर डालीं। लेकिन उनकी चाह थी कि वह फिल्मों के लिए गीत लिखें। इस चाह को लेकर वह मुंबई चले गए। वहां संघर्ष का लंबा दौर चला। लेकिन 1951 में उन्हें सफलता मिली जब वह महान गायक मुकेश के संपर्क मे आए। उन्हें फिल्म मल्हार के लिए गीत लिखने का मौका मिला। फिल्म के छह गीत उन्होंने लिखे और इस फिल्म के साथ ही वह श्यामलाल बाबू राय से बन गए इंदीवर। इंदीवर ने अपने करियर में एक से बढ़कर एक लोकप्रिय गीत हिंदी सिनेमा को दिए।

फूल तुम्हें भेजा है खत में

चंदन सा बदन चंचल चितवन

कोई जब तुम्हारा ह्रदय तोड़ दे

होठों से छू लो तुम मेरा गीत अमर कर दो….

मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरा मोती

ओह रे ताल मिले नदी के जल में….

इन गीतों ने इंदीवर को महान गीतकारों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया। उनके गीतों को कई चोटी के गीतकारों लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, बप्पी लहरी, राजेश रोशन, सी. अर्जुन, कल्याण जी आनंद जी आदि ने संगीतबद्ध किया। कल्याणजी आनंदजी के साथ इंदीवर ने सबसे ज्यादा 40 फिल्में कीं। इनमें पूरब और पश्चिम, सरस्वती चंद्र, जानी मेरा नाम, कुर्बानी औऱ सुहागरात जैसी फिल्में शामिल हैं।

अपने जमाने की जानीमानी पॉप सिंगर जोड़ी नाजिया हसन और जुहेब हसन के लिए भी गीत लिखे, उनके गाय लोकप्रिय गीत आप जैसा कोई’, ‘बूम बूम’, ’मेहरबानी’, ’दिल की लगीऔर स्टारलिखने वाले इंदीवर ही थे।

यूं तो इंदीवर उर्दू, फारसी, अंग्रेजी जैसी भाषाओं के प्रकांड विद्वान थे लेकिन उनके साथ खास बात यह है कि बॉलीवुड के गीतों में उन्होंने शुद्ध हिंदी को आगे बढ़ाया। इस योगदान के लिए उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा। 1976 में इंदीवर को फिल्म अमानुष के गीत दिल ऐसा किसी ने मेरा तोड़ा के लिए फिल्म फेयर पुरस्कार से नवाजा गया था।

300 से अधिक फिल्मों में 1000 से अधिक उम्दा गीत लिखने वाले इंदीवर का निधन 27 फरवरी 1997 को हो गया। आज इंदीवर नहीं रहे लेकिन उनके रचे गीत हमें हमेशा उनका स्मरण कराते रहेंगे।

 

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