April 25, 2025
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

आगरा: दाऊजी मंदिर में आज 135वां दाऊजी पूनो उत्सव; सुबह 9 बजे पूजा-अर्चना और आरती; आकर्षक फूल-बंगले में दर्शन देंगे दाऊजी महाराज

आगरा।
26 दिसंबर…दाऊजी की पूर्णिमा…वर्ष के सबसे पवित्र माह मार्गशीर्ष का अंतिम दिन, जिस दिन चंद्रमा को अमृत से सिंचित किया गया था। हम आगरा के शिवहरे समाज के लोगों के लिए अवसर है कि इस महान उपलक्ष्य को अपनी प्रमुख धरोहर के स्वामी दाऊजी महाराज की उपासना से सार्थक बना दें। मंदिर श्री दाऊजी महाराज मंदिर परिसर में सुबह 6 बजे से रात्रि 9 बजे तक दाऊजी महाराज आकर्षक फूल बंगले में दर्शन देंगे। मुख्य पूजा-अर्चना और आरती सुबह 9 बजे से होगी।
बहुत कम लोगों को यह मालूम होगा कि मंदिर श्री दाऊजी महाराज में विराजमान दाऊजी महाराज की प्रतिमा उनके प्राचीनतम मुद्रा में है, जो केवल बृज में मिलती है, वह भी कहीं-कहीं। बता दें कि दाऊजी महाराज की सबसे प्राचीन मूर्तियां मथुरा और ग्वालियर क्षेत्र में ही प्राप्त हुई थीं, और ये सभी मूर्तियां शुंगकालीन और कुषाणकालीन हैं। कुषाणकालीन मूर्तियों में दाऊजी महाराज द्विभुज हैं और उनका मस्तक मंगलचिह्नों से शोभित सर्पफनों से अलंकृत है। बलराम का दाहिना हाथ अभयमुद्रा में उठा हुआ है और बायें में मदिरा का चषक है। बाद में ऐसी मूर्तियां बनीं जिनमें दाऊजी महाराज बायें हाथ में हल-मूसल लिए हुए हैं, और अब इसी प्रकार की मूर्तियां अधिक पाई जाती हैं। लेकिन, सौभाग्य है कि सदरभट्टी स्थित शिवहरे समाज की धरोहर मंदिर श्री दाऊजी महाराज में विराजमान दाऊजी महाराज की मूर्ति उनकी प्राचीनत मुद्रा में हैं, जो ब्रज क्षेत्र में भी कहीं-कहीं ही दिखाई जाती है, ब्रज के बाहर तो इसे दुर्लभ भी कहा जा सकता है। मंदिर में दाऊजी की पूर्णिमा का यह 135वां समारोह है।


मंदिर श्री दाऊजी महाराज प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री बिजनेश शिवहरे ने बताया कि 26 दिसंबर को मंदिर परिसर में दाऊजी की पूर्णिका का पर्व पारंपरिक भव्यता से मनाया जाएगा। इस अवसर पर सर्दी के सतरंगी परिधानो में सुसज्जित दाऊजी महाराज भव्य फूलबंगले में दर्शन देंगे। सुबह नौ बजे कमेटी द्वारा पारंपरिक पूजा-अर्चना के बाद महाआरती की जाएगी। मंदिर प्रबंध समिति ने आगरा के सभी शिवहरे बंधुओं से समाज की प्रमुख धरोहर के स्वामी दाऊजी महाराज मंदिर में होने वाले इस आयोजन को अपनी उपस्थिति से यादगार बनाने का अनुरोध किया है।


सनातन धर्म से जुड़ी मान्यताओं में दाऊजी की पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन से मार्गशीर्ष माह का आरंभ हो रहा है। मान्यता है कि सतयुग काल का आरंभ देवताओं ने मार्गशीर्ष माह की पहली तिथि को किया था। इस पूर्णिमा का उल्लेख सभी पौराणिक ग्रंथों में मिलता है। ब्रज में यह दाऊजी की पूर्णिमा के नाम से मनाई जाती है। भगवान श्रीकृष्ण अपने बड़े भाई बल्देव को प्रेम से दाऊ कहते थे। दाऊजी पूर्णिमा को गद्दल पूनो के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि इस दिन से दाऊजी महाराज को सर्दी से बचाने के लिए रजाई ओढ़ाई जाती है। इस तरह वह सभी ब्रजवासियों को संदेश देते हैं कि अब सर्दी से बचने के लिए उन्होंने स्वयं भी रजाई ओढ़ ली है, अतः भक्तगण भी सर्दी से बचाव की तैयारी कर लें।

    Leave feedback about this

    • Quality
    • Price
    • Service

    PROS

    +
    Add Field

    CONS

    +
    Add Field
    Choose Image
    Choose Video

    समाचार, समाज

    बोस्टन में राहुल गांधी से मिले भिंड के विशाल

    समाचार

    चतुर्थ पुण्य-स्मरणः स्व. श्रीमती संतोष साहू (पत्नी स्व. श्री

    समाचार

    आगरा में लोहामंडी निवासी श्री सियाराम गुप्ता ‘शिवहरे’ का

    शिक्षा/करियर, समाचार

    मेहंदी आर्ट में एक उभरता नाम है हर्षित शिवहरे

    समाचार

    ग्वालियर में सामूहिक विवाह के लिए अब तक 21

    शिक्षा/करियर, समाचार

    यूपीएससी 2025: बरेली के आयुष जायसवाल बने आईएएस; रूपल

    समाचार, समाज

    बोस्टन में राहुल गांधी से मिले भिंड के विशाल

    समाचार

    चतुर्थ पुण्य-स्मरणः स्व. श्रीमती संतोष साहू (पत्नी स्व. श्री

    समाचार

    आगरा में लोहामंडी निवासी श्री सियाराम गुप्ता ‘शिवहरे’ का

    शिक्षा/करियर, समाचार

    मेहंदी आर्ट में एक उभरता नाम है हर्षित शिवहरे