November 24, 2024
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शिक्षा/करियर समाचार

147 साल में जो नहीं हुआ, 22 साल के यशस्वी ने कर दिखाया वह कारनामा; पिता ने कहा-गर्व से सीना चौड़ा हो गया; कई और बड़े रिकार्ड तोड़ सकता है युवा ओपनर

राजकोट/भदोही।
इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच में 22 साल के ओपनर यशस्वी जायसवाल ने अब तक के छोटे से टेस्ट करियर में वह कारनामा कर दिखाया, जिसे टेस्ट क्रिकेट के 147 साल के इतिहास में कोई खिलाड़ी अंजाम नहीं दे पाया। इस मैच में यशस्वी ने लगातार दूसरा दोहरा शतक जड़ कर बता दिया कि वह ‘लंबी रेस का घोड़ा’ हैं और आने वाले समय में उनके बल्ले से कई विश्व रिकार्ड निकलने हैं। यशस्वी की कामयाबी पर उनके गृहनगर भदोही में जश्न का माहौल है। उनके पिता कहा कि बेटे के प्रदर्शन ने पूरे परिवार का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है।
गुजरात के राजकोट में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में यशस्वी जायसवाल ने 236 गेंदों में 214 रन की शानदार पारी खेकर क्रिकेट के पंडितों को अपनी प्रतिभा से अचंभित कर दिया। अपनी पारी में यशस्वी ने 12 छक्के जड़कर एक टेस्ट पारी में सबसे ज्यादा छक्के मारने के वसीम अकरम के रिकार्ड की बराबरी कर ली। सबसे बड़ी बात यह है कि यशस्वी इस टेस्ट सीरीज में अब तक 22 छक्के मार चुके हैं, टेस्ट क्रिकेट के 147 वर्ष के इतिहास में कोई खिलाड़ी यह कारनामा नहीं कर पाया है। यशस्वी ने अपने ही कप्तान रोहित शर्मा का रिकार्ड तोड़ा है जिन्होंने 2019 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 19 छक्के जड़े थे। चूंकि सीरीज में दो टेस्ट और खेले जाने हैं, लिहाजा यशस्वी अपने इस रिकार्ड को और बढ़ा कर सकते हैं। यही नहीं, यशस्वी टेस्ट क्रिकेट में लगातार दूसरा दोहरा शतक जड़ने वाले तीसरे भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं। इनसे पहले विनोद कांबली ने 1993 में इंग्लैंड के खिलाफ और विराट कोहली ने 2017 में श्रीलंका के खिलाफ लगातार दो टेस्ट में डबल सेंक्चुरी मारी थी।

फिलहाल, यशस्वी जायसवाल के लिए सीरीज के अगले दो टेस्ट बेहद महत्वपूर्ण होने वाले हैं, जिनमें उनका अच्छा प्रदर्शन कई रिकार्ड तोड़ सकता है। वह 22 साल की उम्र में चार दोहरे शतक मारने के सर डॉन ब्रैडमेन के अदभुत रिकार्ड को भी तोड़ सकते हैं। यदि इसमें चूक जाते हैं तो भी उनके आगामी दिनों में बांग्लादेश (2 टेस्ट) और न्यूजीलैंड (3 टेस्ट) के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज में यह मौका मिल सकता है। यशस्वी दिसंबर में 23 साल के होंगे। यशस्वी यदि इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा सीरीज के बाकी दो टेस्ट में 230 रन बना लेते हैं तो वह एक टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा 774 रन बनाने के सुनील गावस्कर के 53 साल पुराने रिकार्ड को भी तोड़ देंगे।
फिलहाल यशस्वी के बल्ले से हो रहे कमाल ने यूपी के भदोही में धूम मचा रखी है। यशस्वी भदोही के सुरियावां के रहने वाले हें। यहां उनके घर में जश्न मनाया जा रहा है। यशस्वी के चाचा रमाकांत जायसवाल ने कहा कि यशस्वी ने हमें गर्वित होने का मौका दिया है, परिवार ही नहीं, पूरे जिले, प्रदेश और देश का नाम रौशन किया है। पूरा भदोही आज बेहद खुश है। यशस्वी जायसवाल के एक अन्य चाचा डॉ. विकास जायसवाल ने कहा कि यशस्वी ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से पूरे परिवार का सिर गर्व से ऊँचा कर दिया है। खास बात यह है कि यशस्वी के पिता श्री भूपेंद्र जायसवाल इन दिनों सुरियावां में नहीं हैं। सीरीज में यशस्वी के पहले दोहरे शतक के बाद ही वह यशस्वी की मां श्रीमती कंचन जायसवाल के साथ मुंबई चले गए थे, जहां यशस्वी ने हाल ही में नया फ्लैट लिया है। भूपेंद्र जायसवाल कहते हैं कि बेटा उनके सपने को पूरा कर रहा है, उनका सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है।

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