November 1, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
शिक्षा/करियर

पहले ही प्रयास में 35वीं रैंक लेकर आईएएस बना 23 साल का कार्तिकेय जायसवाल; घर रहकर दिन में 16-16 घंटे की पढ़ाई

खंडवा। 
इंटरनेट, टीवी या फिर मोबाइल, इनकी अच्छाई और बुराई में बहुत महीन अंतर है। मध्य प्रदेश के खूबसूरत शहर खंडवा के कार्तिकेय जायसवाल ने इस अंतर बखूबी पहचाना, मनोरंजन के मोह को त्याग मोबाइल और इंटरनेट का इस्तेमाल केवल अपनी पढ़ाई और ज्ञानवर्धन के लिए ही किया। किसी भी तरह के मनोरंजन से दूर रहकर एक तपस्वी की तरह घर में ही पूरे मनोयोग से तैयारी की और पहले ही प्रयास में आईएएस बनने के अपने सपने को साकार कर लिया। सोमवार को घोषित यूपीएससी 2021 के रिजल्ट में उसे 35वीं रैंक हासिल हुई है। कार्तिकेय का पूरा परिवार इस कामयाबी से बेहद खुश है। 
महान गायक और अभिनेता किशोर कुमार की जन्मभूमि के रूप में जाना जाने वाले खंडवा शहर में आज कार्तिकेय की हैसियत रीयल लाइफ हीरो की हो गई। पूरे शहर में उसकी कामयाबी का चर्चा है। पंडित दीनदयाल पुरम निवासी होटल व्यवसायी श्री आशीष जायसवाल एवं निजी स्कूल में टीचर श्रीमती मनीषा जायसवाल के होनहार पुत्र कार्तिकेय जायसवाल ने दसवीं तक की पढ़ाई खंडवा में ही की। पढ़ाई में बेटे का रुझान देखते हुए माता-पिता ने 11वीं, 12 की पढ़ाई के लिए आंध्र प्रदेश में पुट्टपर्थी स्थित एक प्रतिष्ठित स्कूल में उसका दाखिला करा दिया। इसके बाद दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कालेज से बीएससी ऑनर्स (मैथेमेटिक्स) किया। इसी दौरान कार्तिकेय का रुझान सिविल सर्विसेज की ओर हो गया। उसने मैथ्स को अपना मुख्य विषय चुना। तैयारी की रणनीति बनाने से पूर्व कार्तिकेय ने इंटरनेट पर तमाम आईएएस टॉपर्स के इंटरव्यूज देखे और फिर परीक्षा के पुराने पेपर खंगाले, फिर इनके आधार पर अपनी तैयारी की रणनीति बनाई। सबसे बड़ी बात यह कि कार्तिकेय को अपनी रणनीति पर पूरा भरोसा था, इसीलिए ग्रेजुएशन करने के बाद दिल्ली में रहकर कोई कोचिंग करने के बजाय वह खंडवा लौट आया और घर में रहकर पढ़ाई की।  परिजनों ने बताया कि कार्तिकेय दिनभर में 15-16 घंटे पढ़ाई करता था। कार्तिकेय के मुताबिक, वह इस आधा वक्त ऑप्शनल सब्जेक्ट को देता था और बाकी समय में सामान्य अध्ययन व न्यूजपेपर को देता था। कार्तिकेय ने बताया कि 2020 में कोरोना शुरू हो गया, फिर लॉक़डाउन लागू हो गया। सारे कोचिंग सेंटर बंद चल रहे थे, एक यह भी वजह थी कि उसने दिल्ली में कोचिंग सेंटर नहीं जा सका और घर लौटना पड़ा। फैसला उसके पक्ष में रहा और पहले ही प्रयास में उसने 35वीं रैंक हासिल कर आईएएस बनने का सपना पूरा कर लिया। सिविल सेवा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के साथ कार्तिकेय ने अपना सक्सेस मंत्र साझा करते हुए कहा कि सभी अपने ऊपर भरोसा रखें और पूरे मनोयोग और मेहनत से तैयारी करें। सफलता अवश्य और जल्द मिलेगी।
कार्तिकेय की कामयाबी से परिजन खुश हैं, घर मे बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। मां मनीषा जायसवाल ने कहा कि यह सफलता सिर्फ कार्तिकेय की नहीं बल्कि खंडवा शहर, प्रदेश और देश की है। पिता आशीष जायसवाल का कहना है कि मेरा बिजनेस है लेकिन कभी बेटे पर बिजनेस के लिए जोर नहीं डाला। कार्तिकेय ने जब कहा कि वह आईएएस बनना चाहता है तो हमने उसे हरसंभव सपोर्ट किया। आज उसकी कामयाबी ने हमारे सपने पूरे कर दिए हैं। कार्तिकेय की छोटी बहन भूमिका भी भैया की कामयाबी से बहुत खुश है, और प्रेरित भी। फिलहाल वह सातवीं कक्षा में पढ़ती है।
 

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