April 10, 2025
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

31 या 1….! कब हैं आपकी दिवाली? दाऊजी मंदिर और राधाकृष्ण मंदिर में 2 नवंबर को गोवर्धन व अन्नकूट समारोह

आगरा।
इस बार दिवाली की तिथि को लेकर अभूतपूर्व असमंजस की स्थिति है। काशी और अयोध्या में 31 अक्टूबर को दिवाली मनाए जाने की घोषणा के बाद ज्यादातर लोग इसी दिन दिवाली मनाने जा रहे हैं। हालांकि कुछ लोगों ने उदयातिथि को श्रेष्ठ मानते हुए 1 नवंबर को दिवाली मनाने का निर्णय किया है। आप कब दिवाली मना रहे हैं, आपको अपनी परंपराओं के अनुसार, और अपने ज्योतिष या पंडित से पूछकर करना इसका निर्णय करना चाहिए। आगरा के शिवहरे परिवारों (ज्यादातर) ने तो 31 अक्टूबर को ही दिवाली मनाने का निर्णय किया है, जबकि गोवर्धन पूजा 2 नवंबर को और भाई दूज का पर्व 3 नवंबर को मनाया जाएगा। इस तरह इस दीप पंचोत्सव (धनतेरस, नरस चौदस, दिवाली, गोवर्धन, भाई दूज) के बीच में 1 नवंबर की तारीख खाली जा रही है। एक तरह से पांच दिन का दीप पंचोत्सव पर्व इस बार छह दिन में संपन्न होगा।

आगरा में शिवहरे समाज की दोनों धरोहरों सदरभट्टी स्थित दाऊजी मंदिर और लोहामंडी स्थित राधाकृष्ण मंदिर में 2 नवंबर को गोवर्धन का सामूहिक पर्व मनाया जाएगा। दाऊजी मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री विजनेश शिवहरे ने बताया कि मंदिर में 2 नवंबर को सायं 7 बजे गोवर्धन पूजा और अन्नकूट समारोह का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने सभी समाजबंधुओं से गोवर्धन की सामूहिक पूजा में भाग लेने और अन्नकूट प्रसादी प्राप्त करने का आग्रह किया है। वहीं राधाकृष्ण मंदिर में 2 नवंबर को सायं 8 बजे गोवर्धन पूजा और अन्नकूट समारोह होगा। मंदिर अध्यक्ष श्री अरविंद गुप्ता ने समाजजनों से ब्रज क्षेत्र के इस सबसे बड़े पर्व में शामिल होने का अनुरोध किया है।

अब दिवाली पर हैं। सभी जानते हैं कि दिवाली का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है। इस बार कार्तिक अमावस्या 31 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 52 मिनट पर लग रही है और 1 नवंबर को शाम 6 बजकर 16 मिनट तक रहेगी। धर्म और ज्योतिष के ज्यादातर प्रकांड पंडितों का मानना है कि दिवाली 31 अक्टूबर को ही मनाई जानी चाहिए. क्योंकि, इसी दिन शाम को अमावस्या और प्रदोष काल का संयोग बन रहा है जिसमें दीप दान, लक्ष्मी पूजन और उल्का मुख दर्शन किए जा सकते है। इसके अलावा 31 अक्टूबर को पूरी रात अमावस्या रहेगी और दिवाली पूजन अमावस्या की रात प्रदोष काल और महानिशीथ काल में शुभ माना जाता है। दूसरी तरफ, धर्म-ज्योतिष के कुछ विद्वान एक नवंबर को ज्यादा उपयुक्त मान रहे हैं। उनका कहना है कि दिवाली उदयातिथि के अनुसार ही मनानी चाहिए। उदया तिथि यानी सूर्योदय के साथ शुरू होने वाली तिथि, और एक नवंबर का सूर्योदय अमावस्या की तिथि में होगा। 1 नवंबर की रात को प्रतिपदा होगी।

31 अक्टूबर को दिवाली पूजन का शुभ मुहूर्त
पहला मुहूर्त- शाम 5 बजकर 36 मिनट से रात 8 बजकर 11 मिनट के बीच रहेगा, जो प्रदोष काल का समय है।
दूसरा मुहूर्त- शाम 6 बजकर 25 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 15 मिनट तक रहेगा और ये पूजन वृषभ लग्न में होगा। इन दोनों मुहूर्त में आप लक्ष्मी-गणेश जी का पूजन कर सकते हैं।
तीसरा मुहूर्त- मध्य रात्रि 12:53 बजे से भोर 3:09 बजे तक मिल रहा है इस अवधि में स्थिर लग्न सिंह रहेगी।

1 नवंबर को लक्ष्मी पूजन के शुभ मुहूर्त

पहला मुहूत सुबह 6.30 बजे से सुबह 1047 बजे तक है जो चर लाभ अमृत का श्रेष्ठ चौघड़िया है।
दूसरा मुहूर्त पूर्वाह्न 11:46 बजे से दोपहर 12:34 बजे तक का है जो अभिजीत मुहूर्त काल है।
इसके अळावा दोपहर 12:10 बजे से दोपहर 01:33 बजे तक में लक्ष्मी पूजन किया जा सकता है जो कि शुभ का चौघड़िया काल है।
चर का चौघड़िया शाम 4:17 बजे से शाम 5:40 बजे तक रहेगा यह भी दिवाली पूजन के लिए शुभ काल है।

    Leave feedback about this

    • Quality
    • Price
    • Service

    PROS

    +
    Add Field

    CONS

    +
    Add Field
    Choose Image
    Choose Video

    समाचार

    कानपुरः श्री अजय जायसवाल नहीं रहे

    समाचार

    ग्वालियर में सामूहिक विवाह समारोह की तैयारियां तेज; झांसी,

    समाचार

    संशोधित…..दाऊजी मंदिर में 12 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव; फूलबंगला,

    समाचार, समाज

    कलचुरी समाज एकजुट हो, तभी साकार होगा पापन्ना गौड़

    वुमन पॉवर, समाचार

    बाड़ी में वंदना शिवहरे ने संभाली ऐतिहासिक ‘श्रीराम शोभायात्रा’

    Uncategorized, समाचार

    Utkash weds Shaifali..photo album

    समाचार

    कानपुरः श्री अजय जायसवाल नहीं रहे

    समाचार

    ग्वालियर में सामूहिक विवाह समारोह की तैयारियां तेज; झांसी,

    समाचार

    संशोधित…..दाऊजी मंदिर में 12 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव; फूलबंगला,

    समाचार, समाज

    कलचुरी समाज एकजुट हो, तभी साकार होगा पापन्ना गौड़