शिवहरे वाणी नेटवर्क
नई दिल्ली।
बिहार में सीतामढ़ी जिले के सोनबरसा ब्लॉक की सिंहवाहिनी पंचायत ने अपनी दबंग सरपंच रितु जायसवाल के कुशल नेतृत्व और अदभुत कार्यशैली के चलते देशभर में अपनी अलग पहचान बनाई है। ‘चैंपियन ऑफ द चेंज’ और ‘फ्लेम लीडरशिप अवार्ड 2019’ जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजी जा चुकीं रितु जायसवाल ने एक सरपंच के रूप में जिस तरह अपने पंचायत क्षेत्र का कायापलट किया है, वह देशभर के सरपंचों के लिए एक मिसाल है। अब रितु जायसवाल के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ने जा रही है। भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय ने सिंहवाहिनी पंचायत को वर्ष 2019 के ‘दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार’ के लिए चुना है।
पंचायती राज मंत्रालय प्रत्येक वर्ष 24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस पर दिल्ली में भव्य समारोह का आयोजन करता है। इसमें प्रधानमंत्री खुद चयनित मुखिया को सम्मानित करते हैं। इस साल आम चुनाव के कारण इसकी घोषणा देरी से हुई है। अभी स्पष्ट नहीं है कि समारोह कहां और कब होगा लेकिन देश के दबंग प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के हाथों से पुरस्कार प्राप्त करने के क्षण दबंग मुखिया के लिए अविस्मरणीय होंगे। रितु जायसवाल ने इसकी खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि यह सम्मान सिंहवाहिनी की आम जनता को समर्पित करती हूं, जिन्होंने सत्य और न्याय की लड़ाई में हमेशा साथ दिया।
सिंहवाहिनी को मुखिया रितु जायसवाल के कुशल नेतृत्व के चलते थीमेटिक कैटेगरी में ‘कम्युनिटी बेस्ड आर्गेनाइजेशन/इंडिविजुअल्स टेकिंग वॉलंटेरी एक्शन’ को ध्यान में रखते इस राष्ट्रीय सम्मान के लिए चुना गया है। सिंहवाहिनी ने सरकारी योजनाओं से अलग आपसी तालमेल और संघर्ष से कई कीर्तिमान रचे हैं। खुले में शौच मुक्त अभियान को लेकर जागरूकता, बॉयो गैस प्लांट निर्माण, बाढ़ में युवाओं की टीम द्वारा मुखिया के नेतृत्व में की गई सेवा, बाल विवाह रोकने के लिए सिलाई सेंटर की स्थापना, सैनिटरी पैड बैंक की स्थापना, घरेलू हिंसा रोकने के लिए ग्रामीण स्तर पर कमेटी, विधवाओं को उनका अधिकार दिलाने, आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों के लिए आउट ऑफ स्कूल सपोर्ट क्लास चलाने, सामूहिक प्रयास से अतिक्रमण मुक्त कराकर मुख्य सड़क का निर्माण कराने और मिथिला की परंपरा बनाए रखने की दिशा में कार्य करने आदि के लिए पंचायत का चयन किया गया है।
आईएएस अधिकारी अरुण कुमार की पत्नी रितु जायसवाल ने साबित कर दिखाया है कि महिला पंचायत प्रतिनिधि यदि मुखिया पति के बजाए खुद कार्य करने पर विश्वास करें और सच्ची निष्ठा से काम करें तो गांवों की सूरत बदल सकती है।
(एक सरपंच के रूप में रितु जायसवाल की कामयाबी की दास्तान और उपलब्धियों को शिवहरे वाणी ने पहले भी प्रकाशित किया है, जिसे वेबसाइट पर सर्च कर सकते हैं।)
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