November 25, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

एक मुश्किल मिशनः कमर में ट्राली बांध 1200 किमी की ‘पैदल मैराथन’ पर निकले अतुल चौकसे

नागपुर। 
शहर के अल्ट्रा मैराथन रनर अतुल कुमार चौकसे ने आज अपनी थार डेजर्ट यात्रा शुरू कर दी है। पाकिस्तान की सीमा से सटे कच्छ की खाड़ी इलाके से गुरुवार सुबह उन्होंने अपनी सरवाइवल किट के साथ इस दुरुह और मुश्किल मिशन का श्रीगणेश किया। कमर से दुपहिया ट्राली बांधकर पैदल ही इस अनजान यात्रा पर निकले अतुल कुमार चौकसे गुजरात, राजस्थान, हरियाणा को क्रास करते हुए 26 जनवरी को पंजाब के भटिंडा में 1200 किलोमीटर की इस यात्रा का समापन करेंगे। 

बता दें कि अतुल कुमार चौकसे समाज में प्रचलित अंधविश्वासों के खिलाफ लोगों को जागरूक करने और समाज में बढ़ते अवसाद से युवाओं को बचाने के उद्देश्य से इस मिशन पर निकले हैं। अतुल ने मिशन पर निकलने से ठीक पहले शिवहरेवाणी को बताया कि यहां गुजरात में कच्छ की खाड़ी इलाके में बीती 26 दिसंबर को ही आ गए थे और स्थानीय लोगों के सहयोग से इस मिशन की अंतिम तैयारियां पूरी की। वह अपने साथ एक दोपहिया ट्राली को कमर और कंधे से बांधकर यात्रा पर निकले हैं, और पहले दिन उनका लक्ष्य 60 किलोमीटर की यात्रा पूरी करने का है। उन्होंने बताया कि दुपहिया ट्राली में वह पानी की केन, सोलर प्लांट, बैटरियां, स्लीपिंग बैग्स, टेंट, खाने-पीने का सामान और मेडिकल किट के अलावा कुछ जीवनरक्षक उपकरण लेकर चल रहे हैं। ट्राली का अपना वजन काफी हल्का रखा है ताकि चलने में दिक्कत न हो। 

खास बात यह है कि 26 दिन के इस मिशन में अतुल कुमार चौकसे थार रेगिस्तान के सुदूर इलाकों में स्थानीय लोगों से मिलेंगे और उनकी संस्कृति को जानेंगे, अंधविश्वासों से दूर रहने के लिए उन्हें जागरूक करेंगे। साथ ही इसकी वीडियो रिकार्डिंग कर थार रेगिस्तान में जनजीवन और जन-संस्कृति पर आधारित एक वृत्तचित्र भी तैयार करेंगे। ‘फकीर की दुनिया’ टाइटल से बनने वाले इस वृत्तचित्र का प्रसारण किसी चैनल पर करने का प्रयास भी करेंगे। 

अतुल कुमार चौकसे की कोशिश है कि उनकी इस यात्रा को वर्ल्ड रिकार्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स, इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स और लिम्का बुक और रिकार्ड्स में भी दर्ज कराया जाए। लेकिन वर्ल्ड रिकार्ड संगठनों को इसके लिए दी जाने वाली फीस इसमें बड़ी बाधा है। इन संगठनों के लिए उन्हें 5 लाख रुपये की बड़ी राशि देनी होगी, और उन्हें उम्मीद है कि पैदल मिशन को पूरा करने के बाद वह यह धनराशि भी जुटा लेंगे। फिलहाल नागपुर के अपने साथियों और दोस्तों के सहयोग से अतुल ने सरवाइवल किट तथा यात्रा के अन्य जरूरी इंतजाम कर लिए हैं। 

बता दें कि अतुल कुमार चौकसे अफ्रीका के मोरक्को में ‘सहारा डेजर्ट अल्ट्रा मैराथन’ की बेहद मुश्किल यात्रा भी पूर्ण कर चुके हैं। इससे पहले उन्होंने 17,617 फीट ऊंचे खारदुंग ला दर्रे पर 72 किलोमीटर की दौ़ड़ और 42.1 किलोमीटर की लद्दाख फुल मैराथन भी पूरी की थी। कच्छ की खाड़ी में भी उन्होंने अल्ट्रा मैराथन में कामयाबी हासिल की थी।
 

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