मथुरा।
उत्तर प्रदेश भाजपा के मंत्री विजय शिवहरे इन दिनों मथुरा के ग्रामीण इलाकों में धड़ाधड़ दौरे कर कार्यकर्ताओं में जोश भर रहे हैं। सूबे में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए पार्टी ने उन्हें मथुरा जिले का प्रभारी बनाया है। हालांकि, किसान आंदोलन के लंबे खिंचने और मथुरा के जाट किसानों की इसमें बढ़ती भागीदारी को देखते हुए उनकी राह मुश्किल नजर आ रही है। मथुरा में किसान महापंचायत की कामयाबी ने यहां भाजपा की चिंता और बढ़ा दी है। शायद यही वजह है कि चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले ही वह अपने क्षेत्र में पूरी तरह सक्रिय हो गए हैं।
हालांकि विजय शिवहरे अब तक की अपनी सभाओं में कार्यकर्ताओं और समर्थकों की अच्छी-खासी संख्या में उपस्थिति से उत्साहित हैं, और जगह-जगह हो रहे अपने स्वागत समारोहों से अभिभूत भी। शिवहरेवाणी से बातचीत में उन्होंने कहा कि वह गांव-गांव, चौपाल-चौपाल बैठकें कर तीन कृषि कानूनों के पीछे केंद्र सरकार की नेक-नीयत को समझा रहे हैं। उनका दावा है कि दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसान असली किसान नहीं हैं। वह यह भी कहते हैं कि खुद को किसान नेता बताने वाले राकेश टिकैत 500 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं, और इसी तरह अन्य आंदोलनकारी नेता भी या तो मुख्य तौर पर किसान नहीं हैं या फिर बड़ी जोतों के मालिक हैं। लिहाजा यह पूरा आंदोलन गरीब-सीमांत किसानों का हितों को नजरअंदाज कर रहा है।
बता दें कि मथुरा में बीते आम चुनाव और विधानसभा चुनाव में भाजपा को ग्रामीण क्षेत्र में जबरदस्त समर्थन मिला था। लेकिन, किसान आंदोलन के बाद इन वोटों को सहेजना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती है। भाजपा इन वोटों को किसी भी हालत में खिसकने नहीं देना चाहती। इस मुश्किल से निपटने के लिए भाजपा ने अपने बड़े नेताओं को लगा दिया है। उनसे किसानों से सीधा संवाद कर कृषि कानूनों को लेकर उनका भ्रम दूर करने को कहा गया है। विजय शिवहरे का कहना है कि सरकार किसानों के प्रति सकारात्मक है, और बातचीत के दरवाजे खुले हुए हैं। जहां तक किसान आंदोलन के प्रभाव की बात है तो उन्हें नहीं लगता कि इससे किसी भी चुनाव पर कोई असर पड़ेगा।
बीते दिनों परिवार के साथ वृंदावन के बिहारीजी मंदिर के दर्शन कर मथुरा में अभियान की शुरुआत करने वाले विजय शिवहरे को पूरा भरोसा है कि पंचायत चुनाव में मथुरा से पार्टी को बड़ी जीत मिलने वाली है। बता दें कि विजय शिवहरे के आगरा में महानगर भाजपा अध्यक्ष पद पर रहते हुए 2017 के विधानसभा चुनाव, नगर निगम चुनाव और फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने शानदार कामयाबी हासिल की थी। क्या आगरा में चुनावी सफलता के अपने इस ट्रैक रिकार्ड को वह मथुरा में भी कायम रख पाएंगे, इस सवाल पर विजय शिवहरे भरोसा जताते हैं- बेशक…बंसीवाले की कृपा बनी रहेगी।
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