कानपुर।
कानपुर के मुंशीपुरवा में कभी चाय की दुकान चलाने वाले शंकर प्रसाद जायसवाल की होनहार बेटी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) बनने का गौरव हासिल किया है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा आयोजित कंबाइंड स्टेट/अपर सबऑर्डिनेट सर्विसेज एग्जाम-2020 का रिजल्ट बीते मंगलवार को घोषित हुआ तो शंकरप्रसादजी को बधाई देने वालों का तांता लग गया। कल्पना जायसवाल वर्तमान में इनकम टैक्स इंस्पेक्टर हैं और झांसी में पोस्टेड हैं।
31 वर्षीय कल्पना जायसवाल अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता शंकर प्रसाद जायसवाल और माताजी श्रीमती कांतिदेवी को देती हैं जो गृहणी हैं। साथ ही अपने भाइयों का आभार व्यक्त करना नहीं भूलती जिन्होंने उसे हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया हिंदी से स्नातकोत्तर कल्पना जायसवाल पढ़ाई में शुरू से ही होनहार रही हैं। 2012 में एमए करने के बाद उन्होने एसएससी सीजीएल में कामयाबी पाई और उन्हें कंप्यूटर ऑडिट में जॉब ऑफर मिला। लेकिन, उन्होंने यह जॉब न कर अगले ही वर्ष 2013 में फिर एसएससी सीजीएल की परीक्षा दी जिसमें उनका सलेक्शन इनकम टैक्स इंस्पेक्टर के रूप में हो गया। जून 2016 से वह इस पद पर कार्यरत हैं।
इस जॉब में रहते हुए उन्होंने सिविल सर्विस की तैयारी की और 2020 में यूपीपीएससी की परीक्षा में उनका चयन बेसिक शिक्षा अधिकारी के रूप में हो गया है। हालांकि कल्पना कहती हैं कि यह उनकी आखिरी मंजिल नहीं है और वह आगे भी सिविल सेवा की परीक्षाएं देंगी। कल्पना की सफलता दरअसल उनके पिता शंकर प्रसाद जायसवाल की कामयाबी की दास्तान का एक हिस्सा है जिन्होंने तमाम मुश्किलें झेलते हुए भी बच्चों की शिक्षा पर आंच नहीं आने दी और उनके सभी बच्चे अपने करियर के शानदार मुकाम पर हैं।
मूल रूप से कौशांबी जिले के रहने वाले शंकर प्रसाद जायसवाल ने कानपुर में अपना सफर मुंशीपुरवा में अपने घर के पास ही चाय बेचते हुए शुरू किया था। वर्तमान में वह मुंशीपुरवा में ही एक बड़े इलेक्ट्रॉनिक शोरूम में सेल्स मैनेजर हैं। उनके बड़े पुत्र नीरज जायसवाल आरबीएस (रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड) में कार्यरत हैं और अपने परिवार के साथ गुरुग्राम में रहते हैं। वहीं दूसरे नंबर के धीरज जायसवाल कानपुर सिविल कोर्ट में वकील हैं। तीसरे नंबर के पुत्र अनुज जायसवाल बीबीसीएल लखनऊ में सेल्स मैनेजर हैं, जबकि चौथे नंबर के पुत्र अतुल जायसवाल ओएनजीसी में प्रोडक्शन मैनेजर हैं। ये चारों विवाहित हैं, जबकि शंकर प्रसाद का सबसे छोटा पुत्र कानपुर में ही सिविल सर्विस की तैयारी कर रहा है। अब बेटी कल्पना की बड़ी कामयाबी ने शंकर प्रसाद जायसवाल को ‘शिक्षा की शक्ति’ की जीती-जागती मिसाल बना दिया है।
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