नई दिल्ली।
देश में कोरोना की दूसरी लहर ने कोहराम मचा रखा है। एक दिन में लाखों लोग कोरोना की चपेट में आ रहे हैं और हजारों जान गवां रहे हैं। ताजा आंकड़ों की बात करें तो देश में पिछले 24 घंटों में लगभग 4 लाख से अधिक मामले सामने आए हैं, वहीं 3 हजार 900 से ज्यादा लोगों की कोरोना वजह से जान गई हैं। कई जगह स्थिति इतनी गंभीर है कि लोग ऑक्सीजन की कमी से दम तोड़ रहे हैं। इन सबके बीच एक बड़ा संकट यह सामने आया है कि कई दफा कोरोना के लक्षणों के बावजूद आरटी-पीसीआर टेस्ट नेगेटिव आ रहा है। ऐसा क्यों हो रहा है? आरटी-पीसीआर टेस्ट कितना कारगर है? रिपोर्ट नेगेटिव आने पर क्या करना चाहिए? क्या कोरोना की जांच के लिए सीटी स्कैन करवाना जरूरी है?
ऐसे कई अहम सवाल हैं जो आपके मन में आ रहे हों। इसीलिए इस पर हमने दिल्ली में फोर्डा (कॉनफेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर विवेक चौकसे से बातचीत की, तो उन्होंने कई अहम जानकारियां दीं। इसे आप भी अवश्य जानेः-
आरटी-पीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव आने पर न करें कोरोना के इन लक्षणों को नजरअंदाज
अगर आप अपनी कोरोना की जांच के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाते हैं और रिपोर्ट नेगेटिव आती है, तो जरूरी नहीं है कि आप सच में ही कोरोना नेगेटिव हो। क्योंकि कई बार आरटी पीसीआर टेस्ट कोरोना पॉजिटिव को भी नेगेटिव बता रहा है। ऐसे में अगर आपको नीचे बताए गए कोरोना के लक्षण नजर आ रहे हैं, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लें, और लगातार उनके संपर्क में रहेः-
1. खाने में स्वाद न आना।
2. सूंघने की शक्ति खो देना।
3. कुछ दिनों से लगातार गले में खराश और सूखी खांसी होना।
4. तेज बुखार
5. डायरिया और उल्टी होने की समस्या।
6. शरीर में कमजोरी महसूस करना और थकावट रहना।
7. पूरे शरीर में दर्द होना।
कितना कारगर है आरटी-पीसीआर टेस्ट
कोरोना की जांच के लिए अभी तक दो टेस्ट किए जाते रहे हैं- रेपिड एंटीजेन टेस्ट और आरटी पीसीआर। कई बार लोगों में लक्षण नजर आने पर रेपिड टेस्ट किया जाता है, लेकिन टेस्ट नेगेटिव आता है। आरटी-पीसीआर टेस्ट को अधिक सटीक माना जाता है, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में इसे शत प्रतिशत कारगर नहीं बताया जा सकता है, क्योंकि इसमें कई बार कोरोना के सामान्य लक्षण दिखने के बाद भी रिपोर्ट नेगेटिव आ जा रही है और जब वे 3 दिन बाद दोबारा टेस्ट करवाते हैं, तो रिपोर्ट पॉजिटिव आ जाती है और कई बार दोबारा भी नेगेटिव ही आता है।
कोरोना के लक्षण हैं लेकिन टेस्ट नेगेटिव आए तो क्या करें
अगर आप कोरोना के सामान्य लक्षण नजर आने पर अपना आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाते हैं और टेस्ट नेगेटिव आती है तो ऐसे में जरूरी नहीं कि आप कोरोना नेगेटिव ही हो। ऐसे में आपको अपने लक्षणों पर नजर रखनी होगी। अगर आप में कोरोना के लक्षण साफ-साफ नजर आ रहे हैं तो आपको उन सभी नियमों का पालन करना चाहिए, जो एक होम आइसोलेशन में रहने वाला व्यक्ति करता है। ऐसे में आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिएः-
1. कोरोना के लक्षण नजर आते ही आप एक हवादार कमरे में खुद को आइसोलेट कर लें।
2. समय-समय पर ऑक्सीमीटर से अपना ऑक्सीजन लेवल चेक करते रहें।
3. थर्मामीटर से अपना टैंप्रेचर भी देखते रहें।
4. अपने सारे लक्षणों पर नजर रखें और डॉक्टर के संपर्क में रहें।
5. पूरी तरह से स्वस्थ होने के बाद ही आप दूसरों से मिलें।
6. अगर आपके लक्षणों में कमी न आए, तो आप 3-4 दिन बाद दोबारा कोरोना टेस्ट करवा सकते हैं।
क्यों आती है आरटी-पीसीआर में रिपोर्ट नेगेटिव
कोरोना के सामान्य लक्षण नजर आने के बावजूद आरटी-पीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है तो इसके पीछे निम्न कारण हो सकते हैः-
1. कई बार मरीज की बॉडी में वायरल सामान्य होता है और उसका लोड बहुत कम होता है। ऐसे में रिपोर्ट नेगेटिव आने की संभावना बढ़ जाती है।
2. यह भी संभव है कि कोरोना के नए वेरिएंट का पता लगाने में आरटी-पीसीआर टेस्ट सक्षम न हो।
कब करवाएं सीटी स्कैन
डॉक्टरों का कहना है कि अगर कोरोना के लक्षण नजर आने के बावजूद आपकी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव आती है, तो आपको खुद को आइसोलेट करने की जरूरत होती है। इस आइसोलेशन पीरियड में आपको डॉक्टर के संपर्क में रहना जरूरी होता है। अगर कुछ दिनों बाद तक आप में लक्षण नजर आते हैं तो आप 3-4 दिन बाद डॉक्टर की सलाह पर दोबारा आरटी-पीसीआर टेस्ट करवा सकते हैं। आपकी रिपोर्ट फिर नेगेटिव आती है, तो डॉक्टर आपको 5-6 दिन के अंदर सीटी स्कैन करवाने की सलाह दे सकते हैं। लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह के सीटी स्कैन करवाने से बचें। अगर आपको डॉक्टर सीटी स्कैन करवाने के लिए कहते हैं, तो आप एचआरसीटी टेस्ट करवा सकते हैं। एचआरसीटी टेस्ट मतलब हाई रेजोल्यूशन सीटी स्कैन। इसमें पता लगाया जा सकता है कि आपके फेफड़े संक्रमित हैं या नहीं। अगर आपको लगातार तेज खांसी, सांस लेने में दिक्कत हो और आपका ऑक्सीजन लेवल कम हो जाए तो आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
ज्यादा बार सीटी स्कैन के नुकसान
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया के अनुसार बार-बार सीटी स्कैन करवाने से भविष्य में कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए मध्यम से गंभीर बीमारी से पीड़ित होने पर डॉक्टर की सलाह पर इसे करवाना चाहिए। हल्के लक्षणों वाले मरीजों को सीटी स्कैन करवाने की जरूरत नहीं होती है।
(डा. विवेक चौकसे मूल रूप से भोपाल के रहने वाले हैं और उन्होंने रीवा के एसएस मेडिकल कालेज से एमबीबीएस किया है। वह एक जाने-माने मोटीवेशनल स्पीकर भी हैं। शुरुआती पढ़ाई गांव में ही की, फिर शमशाबाद कस्बे के एक स्कूल में पढ़े। माध्यमिक शिक्षा नवोदय विद्यालय से पाई। पिता साधारण किसान थे, लिहाजा शुरुआती जीवन काफी अभावों और संघर्षों में गुजरा..लेकिन अपनी संकल्प शक्ति के बल पर उन्होंने दिल्ली जैसे महानगर में अपना खास मुकाम बनाया है।)
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