November 22, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

द्वितीय पुण्यतिथिः चाचाजी स्व. श्री कमलकांत शिवहरे की स्मृतियां ही मेरी प्रेरणा-स्रोत

—–युवा कांग्रेस नेता श्री सुगम शिवहरे की भाव 

आगरा।
सूरज था तो जल गया
रश्मि थीं, सो बिखर गईं
वक्त था तो गुजर गया
स्मृति थी, सो रह गई

वक्त गुजर जाता है, व्यक्ति चला जाता है…बस, स्मृतियां रह जाती हैं। आज दिनांक 19 दिसंबर, 2021 को स्व. श्री कमलकांत शिवहरे की द्वितीय पुण्यतिथि है। हम सब परिवारीजन उनकी पुण्य-स्मृति को नमन करते हैं।
मुझे मेरे आदरणीय चाचाजी स्व. श्री कमलकांत शिवहरे का स्नेह तो प्राप्त हुआ ही है, लेकिन इससे कहीं बढ़कर वह मेरे गुरु और मार्गदर्शक भी थे। उनकी राजनीतिक और सामाजिक सक्रियता ने ही मुझे राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया। आज शिवहरेवाणी के माध्यम से मुझे अवसर मिला है कि उनके प्रति मेरे मन में जो आदर और सम्मान है, उसे शब्दों की अभिव्यक्ति देने का प्रयत्न करूं।
स्व. श्री कमलकांत शिवहरे ने शिवहरे-जायसवाल महासभा का गठन कर संभवतः पहली बार अखिल भारतीय स्तर पर समाज के विभिन्न वर्गों को एक मंच पर लाने का प्रयास किया था। उन्हें आगरा में पहली बार शिवहरे समाज का परिचय सम्मेलन और सामूहिक विवाह कराने का श्रेय जाता है, जिसकी सफलता ने पूरे देश में स्वजातीय समाज के बीच आगरा के शिवहरे समाज को  सशक्त पहचान दी। उन्होंने लगातार तीन बार यह आयोजन किया, और हर बार सफलता अर्जित की। विषम परिस्थितियों में भी संघर्ष करते हुए कामयाबी हासिल करने के हुनर की विरासत उन्होंने मुझे सौंपी है। 
मेरे प्रिय चाचा स्व. श्री कमलकांत शिवहरे ने ही मुझे राजनीति में जाने के लिए प्रेरित किया, और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से अपने मधुर रिश्तों की विरासत भी मुझ ही को दी। समाज सेवा का भाव भी उन्हीं का दिया है। इसके लिए मैं उनका सदैव ऋणी रहूंगा। उनकी स्मृति राजनीति, समाज और परिवार में मुझे मेरे  दायित्व और कर्तव्य का अहसास कराती रहेगी। उनकी पुण्य-स्मृतियों को मैं नमन करता हूं।
-सुगम शिवहरे (कांग्रेस नेता)
एवं समस्त परिवारीजन….
सतीश चंद्र शिवहरे (आबकारी ठेकेदार), शशीराज, विमल, धर्मेंद्र ‘धरमू’, देवेंद्र , नवीन (भ्रातागण)
श्रीमती कामिनी शिवहरे (पत्नी), सावन-अर्चना (पुत्र-पुत्रवधु), काजल-सुमित (पुत्री-दामाद) 
मोहन शिवहरे (बहनोई), मंजू-रवि (जसवंत नगर), अंजु-दिलीप (बहन-बहनोई)
किशनचंद्र, रमेशचंद्र (चाचाजी)
विष्णुकांत, अजयकांत, सुगम, साजन, आकाश, शिवम, सत्यम, सुंदरम, कृष्णम (भतीजे)
रश्मि-तरूण, शालिनी-अमित, शिखा-नितिन, अनामिका-नीलेश (भतीजी-दामाद)
सिमरन और सुनयना (भतीजी)
विनायक, शिव, युवराज, शौर्य, ओम, अंबर, सोम, श्रेष्ठ (पौत्र)
 

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