दमोह।
इनकम टैक्स के छापे से अच्छा-अच्छा कारोबारी घबराता है, चाहे कितनी भी पहुंच वाला क्यों न हो। लेकिन, दमोह के शराब व्यवसायी शंकर राय अपने यहां आयकर छापे पड़ने से बहुत खुश है। 39 घंटे की कार्रवाई में आयकर टीम ने उनके घर, दफ्तर और अन्य ठिकानों से आठ करोड़ रुपये की नगदी, तीन किलो सोना समेत 5.5 करोड़ रुपये के हीरे-जेवरात, अलग-अलग तरह की 10 गन (बंदूक) और 16 गाड़ियां जब्त की है। लेकिन छापे के बाद शकंर राय बोले, ‘मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है, मैं तो 10 साल से इसका (छापे का) इंतज़ार कर रहा था, आज मुझे शांति मिल गई…।‘
आयकर टीम ने 6 जनवरी की सुबह शंकर राय और उनके भाइयों कमल राय, संजय राय और राजू राय के घर-मकान सहित 12 अन्य ठिकानों पर एकसाथ छापा मारा था। छापे की कार्रवाई 7 जनवरी की रात 11 बजे तक चली। शंकर राय कांग्रेस के नेता हैं और नगर पालिका अध्यक्ष रह चुके हैं। वहीं उनके भाई कमल राय भाजपा नेता हैं और नगर पालिका के उपाध्यक्ष रहे हैं। परिवार में शराब कारोबार के अलावा ट्रांसपोर्ट, होटल, बीयर बार, पेट्रोल पंप और लाइसेंसशुदा साहूकारी का भी काम है। 39 घंटे की तलाशी में आयकर टीम को परिवार के ठिकानों से भारी नगदी मिली, जिसे गिनने के लिए नोट गिनने वाली छह मशीनें लगाई गईं। नोटों से भरा एक बैग पानी की टंकी में भी मिला, जिसके बारे में बताया जा रहा है कि छापा पड़ने के बाद राय परिवार ने इस बैग को टंकी में डाला होगा। कानपुर में गुटखा व्यवसायी पीयूष जैन के यहां छापे की कार्रवाई के कुछ ही दिन बाद आयकर की एक और बड़ी कार्रवाई सुर्खियों में छा गई।
दूसरी तरफ, आयकर टीम के लौटने के बाद शंकर राय ने मीडिया से बातचीत में खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इस आयकर छापे का मुझे दस साल से इंतजार था, आज जाकर मुझे सुकून मिला है। इस कार्रवाई से मैं और मेरा परिवार बहुत खुश है। बकौल शंकर राय, ‘मैं 74 साल का हूं, 24 की उम्र से इनकम टैक्स दे रहा हूं। छापे में जो भी नगदी और गहने-जेवरात मिले हैं, सब लीगल हैं। मेरे पास खेती, पंप, टॉवर, किराया और कई अन्य माध्यमों से पैसा आता है और वह सब पैसा लीगल है जिनका मैं टैक्स भरता हूं। मैं शराब का व्यवसायी हूं लेकिन आयकर टीम को घर से शराब की एक बोतल भी नहीं मिली है। अब छापा पड़ने के बाद मुझे और मेरे परिवार को शांति मिल गई।’ शंकर राय ने बताया, ‘आयकर टीम को मेरे घर में करीब 3 किलो सोना मिला, जिसमें से सवा किलो वह अपने साथ ले गई है। वह वापस मिल जाएंगे क्योंकि मेरे माता-पिता ने दिए थे, मेरा सोना 30 साल पुराना है।‘
घर में बड़ी मात्रा में नगदी मिलने पर उन्होंने बताया कि उनकी देशी शराब की दुकानों और बसों के किराये से 10 रुपये, 20 रुपये, 50 रुपये औऱ 100 रुपये के नोट आते हैं। विदेशी शराब की दुकानों से 500-500 रुपये के नोट आते हैं। इनकम टैक्स वालों को 10 रुपये के नोट अधिक मिले, इसीलिए इन्हें ले जाने के लिए उन्हें ज्यादा बैग मंगाने पड़ गए, 500 के नोट होते तो कम बैगों में काम चल जाता। उन्होंने दलील दी कि अगर मेरा पैसा अवैध होता तो 2000-2000 रुपये के नोट मिलते, और अगर 15 दिन बाद छापा पड़ता को कुछ नहीं मिलता क्योंकि 15 दिन बाद आबकारी को 3 करोड़ रुपये की किस्त जमा देता। उन्होंने भरोसा जताया कि आयकर टीम उनके यहां से जो कुछ भी लेकर गई है, उसे हम वापस ले लेंगे क्योंकि सब लीगल है। घर की पानी की टंकी में मिले नोटों के बैग के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा-वो बैग मेरे यहां से नहीं मिला है, शायद मेरे भाई के घर से मिला होगा।
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