अंबेडकरनगर।
फैजाबाद से सटे अंबेडकरनगर जिले के 281-अकबरपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने पूर्व जिला पंचायत सदस्य श्रीमती प्रियंका जायसवाल को मैदान में उतारा है। प्रियंका जायसवाल कांग्रेस पार्टी के प्रदेश सचिव अमित जायसवाल की पत्नी हैं। उनका मुकाबला यहां से पांच बार के विधायक रामअचल राजभर से होगा जो इस बार सपा के प्रत्याशी होंगे। अकबरपुर उन विधानसभा क्षेत्रो में है जहां भाजपा का प्रभाव कम है, और इस बार भाजपा यह सीट अपने गठबंधन सहयोगी अपना दल या फिर निषाद पार्टी के खाते में डाल सकती है।
माना जा रहा है कि श्रीमती प्रियंका जायसवाल को चुनाव मैदान में उतारकर कांग्रेस ने बड़ा महिला कार्ड खेला है जो इस चुनाव के समीकरण बदल सकती है। बता दें कि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने महिलाओं को राजनीति में भागीदारी देने के लिए अपनी पार्टी में 40 फीसदी टिकट देने की घोषणा की है। उनका नारा ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ महिलाओं में तो पॉपुलर हुआ है। अब देखना होगा कि श्रीमती प्रियंका जायसवाल को यहां इसका कितना फायदा मिल पाता है। प्रियंका जायसवाल के लिए राजनीति कोई नया क्षेत्र नहीं है। वह 2011 से 2016 तक जिला पंचायत सदस्य रह चुकी हैं। उनके पति अमित जायसवाल कांग्रेस के जाने-माने नेता हैं और 2012 में कांग्रेस ने उन्हें अकबपुर से चुनाव लड़ाया था। हालांकि वह चुनाव हार गए थे।
श्रीमती प्रियंका जायसवाल को क्षेत्र में अमित जायसवाल की लोकप्रियता का लाभ मिल सकती है। अमित जायसवाल अकबरपुर के सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में काफी सक्रिय रहते हैं। वह श्री हुबराज जायसवाल स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय के संचालक हैं। हुबराज जायसवाल सामाजिक सेवा समिति के बैनर पर वह जायसवाल समाज के सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहते हैं। अमित जायसवाल काफी समय से चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं और निरंतर जनसंपर्क कर रहे हैं। उनकी धर्मपत्नी श्रीमती प्रियंका जायसवाल कांग्रेस का टिकट मिलने पर उन्हें बधाइयों और शुभकामनाओं का तांता लगा हुआ है। उनके पुत्रों अंश व अविराज औऱ पुत्री पीहू भी मम्मी को टिकट मिलने से खुश हैं। शिवहरेवाणी से बातचीत में प्रियंका जायसवाल ने कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वह पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगी और साबित करेंगी ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’।
यहां महत्वपूर्ण है कि अकबरपुर सीट रामअचल राजभर का गढ़ है जो 1993 से बसपा के टिकट पर लगातार जीतते आ रहे हैं। 2012 के चुनाव में वह नहीं लड़े थे औऱ तब यह सीट सपा ने बसपा से छीन ली थी। लेकिन 2017 में रामअचल राजभर फिर यहां से जीते। कांग्रेस 1980 से यह सीट नहीं जीत पाई है। लेकिन इस बार चुनावी समर में प्रियंका जायसवाल की दावेदारी को कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता।
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अकबरपुर विधानसभा क्षेत्र से प्रियंका जायसवाल होंगी कांग्रेस प्रत्याशी; सपा रामअचल राजभर को देंगी चुनौती
- by admin
- January 20, 2022
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