November 1, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
शिक्षा/करियर

ऋतुराज बोले-मैंने गूगल को हैक नहीं किया, बग निकाला था; गूगल ने मानी कमी; फिलहाल नहीं मिला 3.66 करोड़ का जॉब ऑफर

बेगूसराय।
बीते 3-4 दिनों से बिहार के ऋतुराज चौधरी नाम का एक युवक सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। उन्हें लेकर तमाम पोस्टें आ रही हैं जिसमें कहा जा रहा है कि ऋतुराज ने गूगल को हैक कर पूरी दुनिया में बैठे गूगल अधिकारियों के हाथ-पांव फुला दिए.., गूगल ने 27 हजार डालर का इनाम दिया है…, गूगल ने उन्हें 3.66 करोड़ का पैकेज ऑफर किया है…, गूगल ने भारत सरकार से बात कर आनन-फानन में ऋतुराज का पासपोर्ट तैयार कराया..वगैरह-वगैरह। ऋतुराज चूंकि कलवार समाज से है, लिहाजा कलवार समाज के सोशल मीडिया ग्रुपों में भी इस तरह की तमाम पोस्टें आ रही हैं।
शिवहरेवाणी ने जब इसकी पड़ताल की तो सामने आया कि यह पूरी तरह सच नहीं है, लेकिन ऋतुराज ने जो किया, वह निःसंदेह सराहनीय है और उन जैसे प्रतिभाशाली युवाओं पर समाज को गर्व करना चाहिए। दरअसल बिहार में बेगूसराय शहर के मुंगेरीगंज में रहने वाले आभूषण व्यवसायी श्री राकेश चौधरी के पुत्र ऋतुराज चौधरी ने गूगल में एक बग ढूंढा है। बग से आशय सॉफ्टवेयर की गलती या कमी से होता है जिसके चलते उसे आसानी से हैक किया जा सकता है। ऋतुराज ने बताया कि उन्होंने गूगल में एक बग निकाला है जो प्राइऑरिटी 2 स्टेज में है। गूगल ने भी माना है कि इस बग का हैकर्स गलत इस्तेमाल कर सकते हैं। गूगल ने इस गलती को ठीक करने की बात भी कही है। कंपनियां आमतौर पर “वाइट हेट हैकर” को हायर करती हैं और उनसे बग निकलवाने का काम लेती हैं और इसके बदले उन्हें रिवॉर्ड्स देती हैं। 
ऋतुराज ने साफ बताया कि उन्हें गूगल की ओर से किसी नौकरी या पैकेज का प्रस्ताव नहीं मिला है। यह भी बताया कि उन्होंने गूगल को हैक नहीं किया था, बस गूगल का बग निकाला था जिसे गूगल ने भी माना है। उन्होंने कहा कि बग निकालने और हैक करने में बहुत फर्क होता है। उन्होंने बताया कि गूगल में बग निकालने के कई चरण होते हैं, उसके हिसाब से ही गूगल इनाम देता है। अभी उनका बग P-2 स्टेज में है। बग P-5 से P-0 स्टेज में रहते हैं। P-0 स्टेज में पहुंचने पर गूगल इनाम देती है। ऋतुराज ने यह भी कहा कि गूगल की ओर से उन्हें अमेरिका बुलाए जाने की बात में भी सच्चाई नहीं है, ऐसा कुछ नहीं हुआ है। रातों-रात पासपोर्ट बनने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनका पासपोर्ट तो अभी तक बना ही नहीं है।
बता दें कि सोशल मीडिया में पोस्ट किया जा रहा है कि ऋतुराज ने गूगल को 51 सेकेंड के लिए हैक कर दिया, जिससे अफरा-तफरी मच गई। यह भी कहा गया कि गूगल ने ऋतुराज को 3.66 करोड़ के सालाना पैकेज पर ज्वाइनिंग दी है और रातोंरात उसका पासपोर्ट तैयार कराया है। इन पोस्टों और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी बताया कि मणिपुर आईआईटी का छात्र है। जबकि, ऋतुराज ने बताया कि मणिपुर में कोई आईआईटी है ही नहीं। वह मणिपुर ट्रिपल-आई टी से बीटेक कर रहे हैं। ऋतुराज ने दसवीं तक की पढ़ाई बेगूसराय के सेंट जोसेफ पब्लिक स्कूल से की है। आगे की पढ़ाई के लिए कोटा गए जिसके बाद ट्रिपल-आई टी में उनका सलेक्शन हुआ। ऋतुराज ने बताया कि बग हंटिंग में उन्हें 10वीं क्लास से ही रुचि होने लगी थी। आगे वह साइबर सिक्योरिटी या एथिकल हैकिंग के क्षेत्र में जाना चाहते हैं। उनका सपना है कि वह इजरायल या जर्मनी में जाकर आगे इस फील्ड में और पढ़ाई करें। ऋतुराज के पिता श्री राकेश चौधरी बेटे की कामयाबी पर काफी खुश हैं। उन्होंने कहा कि समाज में सिर्फ बुरे हैकर्स नहीं होते, बल्कि अच्छे हैकर्स भी होते हैं, जो समाज को बचाने का काम करते हैं और मैं वही अच्छा हैकर्स बनना चाहता हूं।
 

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