इंदौर।
देशभर में कलचुरी समाज अपने आराध्य भगवान सहस्रबाहु अर्जुन का जन्मोत्सव धूमधाम से मना रहा है। कलचुरी समाज के विभिन्न वर्ग और उपवर्ग एकजुट नजर आ रहे हैं, उनका उत्साह देखते ही बन रहा है। कुछ लोगों का तो यह भी दावा है कि भगवान सहस्रबाहु का जन्मोत्सव समग्र रूप से पहले कभी इतने व्यापक स्तर पर मनाते उन्होंने नहीं देखा, हालांकि कहीं-कहीं बहुत बड़े कार्यक्रम जरूर होते रहते रहे हैं।
राष्ट्रीय कलचुरी एकता महासंघ की राष्ट्रीय संयोजिका श्रीमती अर्चना जायसवाल इसे 2003 में इंदौर के खजराना चौराहे से शुरू हुई पहल का ही सुफल मानती हैं। वो कैसे? इस सवाल पर श्रीमती अर्चना जायसवाल कहती हैं कि आज से दो दशक पूर्व तक भगवान सहस्रबाहु अर्जुन का जन्मोत्सव कहीं-कहीं पर और बहुत सीमित स्तर पर मनाया जाता था। 2003 में अखिल भारतीय कलचुरी महिला महासभा की अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने काफी प्रयास और भागदौड़ कर समाजबंधुओं के सहयोग से खजराना चौराहे पर भगवान सहस्रबाहु अर्जुन की 14 फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित करवाई थी। वह मानती हैं कि परमप्रतापी, प्रजापालक एवं परमविद्वान भगवान सहस्रबाहु अर्जुन ही एकमात्र ऐसे पौराणिक प्रतीक हैं, जिनके माध्यम से वर्गों-उपवर्गों में विभाजित कलचुरी समाज को एकसूत्र में पिरोया जा सकता है।
डा. अर्चना जायसवाल ने बताया कि खजराना चौराहे पर प्रतिमा की स्थापना के बाद से उन्होंने कलचुरी समाज के घर-घर में भगवान सहस्रबाहु की पूजा अर्चना होने और हर जनपद में उनका जन्मोत्सव मनाने की मुहिम छेड़ी थी। पीतल की मूर्तियां बनवाकर उन्हें लोगों को अपने घर के मंदिर में स्थापित करने को दीं। हर साल लोगों को सहस्रबाहु जन्मोत्सव मनाने के लिए प्रेरित किया। इस मुहीम को स्थानीय, प्रांतीय और राष्ट्रीय, हर स्तर पर कलचुरी समाज के संगठनों का समर्थन मिला और फिर अन्य कई संगठनों ने जगह-जगह इस मुहीम को आगे बढ़ाया। इन सबकी बरसों की मेहनत का ही परिणाम है कि आज भगवान सहस्रबाहु का जन्मोत्सव इतने व्यापक स्तर पर मनाए जाने की सुखद तस्वीरें सामने आ रही हैं।
इसी खजराना चौराहे पर भगवान सहस्रबाहु के प्रतिमा स्थल पर हर वर्ष की तरह इस बार भी 31 अक्टूबर को भगवान सहस्रबाहु का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया जिसमें कलचुरी समाज के 14 से अधिक सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। प्रतिमा स्थल पर दादू महाराज के साथ विधायक रमेश मेंदोला, नेता प्रतिपक्ष चिंटु चौकसे, राष्ट्रीय कलचुरी एकता महासंघ की राष्ट्रीय संयोजिका डॉ.श्रीमती अर्चना जायसवाल, अशोक जायसवाल, विजयकांत जायसवाल, राजेन्द्र राठौर एवं अनिल जायसवाल, मनीष चौकसे ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दादू महाराज ने कहा कि भगवान सहस्त्रार्जुन को दत्तात्रेय भगवान से 10 वरदान प्राप्त थे, वे परमप्रतापी, प्रजापालक राजा एवं परम विद्वान थे, उन्हें सम्पूर्ण वेदों का ज्ञान था। विधायक रमेश मेंदोला ने कहा कलचुरी समाज संपूर्ण भारतवर्ष में फैला हुए वृहद समाज है जिसका अपना गौरवशाली इतिहास है। इस दौरान डा. अर्चना जायसवाल ने समाज से कुरीतियों को दूर करने, मृत्युभोज को बंद करने और इंदौर शहर को स्वच्छ व स्वस्थ बनाने का संकल्प समाजबंधुओं को दिलाया।
कार्यक्रम में डॉ. अर्चना जायसवाल द्वारा श्रीमती रेखा जायसवाल की ओर से कमजोर वर्ग की महिलाओं को साड़ी वितरित की गई। अनिल जायसवाल, गन्नी चौकसे, मुकेश जायसवाल, सरोज राय, सुमित्रा चौकसे, उषा गुप्ता, ऊषा वर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया गया । श्रीमती सुमित्रा चौकसे, श्रीमती सरोज राय द्वारा रंगबिरंगी रांगोली बनाई गयी। राजेश जायसवाल, दिलीप ठक्कर, कलाम खान एवं एन.आर.वाघमारे ने आतिशबाजी कर मिठाई प्रसादी का वितरण किया।
इस अवसर पर विपुल जायसवाल, प्रहलाद जायसवाल अध्यक्ष जायसवाल चेरीटेबल ट्रस्ट, सुनिल जायसवाल (आधार कार्ड), ओमप्रकाश जायसवाल, बंसीलाल जायसवाल, विजय मालवीय, चन्द्रप्रकाश जायसवाल, अरविंद जायसवाल, अमृतलाल जायसवाल, श्रीमती अंजु जायसवाल, श्रीमती प्रभा चौकसे, श्रीमती रजनी जायसवाल, श्रीमती उषा गुप्ता, श्रीमती उषा वर्मा, श्रीमती शीला जायसवाल, पार्षद सोनिला मिमरोट, श्रीमती संध्या जायसवाल, अनामिका जायसवाल, इंदिरा राय, उमा राय, प्रिती मालवीय, विजयलक्ष्मी मालवीय, सुनिता जायसवाल, प्रेमलता जायसवाल, अभिषेक मित्तल, रजनी जायसवाल एवं सभी स्वजाति बंधु व सर्वसमाज के वरिष्ठजन उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अनामिका जायसवाल एवं रेखा जायसवाल ने किया तथा आभार अनिल जायसवाल ने माना ।
Leave feedback about this