November 1, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
वुमन पॉवर समाचार

डाक टिकट पर छपीं सिवनी की मीना जायसवाल; सिवनी में बच्चों की शिक्षा के लिए कर रहीं बड़ा काम

सिवनी/नागपुर।
मध्य प्रदेश के सिवनी में कैटरपिलर स्कूल की संचालिका मीना जायसवाल के नाम पर डाक टिकट जारी किया गया है। भारत सरकार के उपक्रम डाक विभाग ने शिक्षा के गुणोत्तर विकास में अभूतपूर्व योगदान के लिए सराहना एवं प्रोत्साहन के तौर पर मीना जायसवाल का डाक टिकट जारी किया है। यह उपलब्धि हासिल करने वाली वह सिवनी की पहली महिला हैं।

आपको बता दें कि डाक विभाग हर साल विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य के लिए सराहना के तौर पर विशेष डाक टिकट जारी करता है, और इसके लिए बाकायदा आवेदन मांगे जाते हैं। डाक विभाग ने इस बार भी फार्म जारी कर आवेदन मांगे थे। मीना जायसवाल ने शिवहरेवाणी को बताया कि साथियों के सुझाव पर उन्होंने भी आवेदन भेजा था। आवेदन-प्रपत्र के साथ उन्होंने अपने कार्यों और उपलब्धियों के प्रमाणिक दस्तावेज भी संलग्न किए थे। इस पर डाक विभाग ने उनके कार्यों की सराहना करते हुए उनके नाम पर विशेष डाक टिकट जारी किया है। 5 रुपये की अंकित कीमत वाले इस डाक टिकट पर मीना जायसवाल के फोटो और नाम के साथ लिली व सेनिरेरिया के पुष्प भी अंकित हैं।
मीना जायसवाल कुछ वर्षों से सिवनी में ‘कैटरपिलर स्कूल’ के नाम से एक शिक्षण संस्था संचालित कर रही हैं जो महात्मा गांधी के ‘बुनियादी शिक्षा’ सिद्धांत पर आधारित वैकल्पिक शिक्षा का प्रमुख केंद्र बन गया है। यहां बच्चों को सेल्फ लर्निंग के माहौल में संविधान सम्मत शिक्षा प्रदान की जाती है। वैकल्पिक शिक्षा आमतौर पर मुख्यधारा की उस शिक्षा से मौलिक रूप से भिन्न है, जिसका मुख्य उद्देश्य केवल नौकरियों के लिए आज्ञाकारी वर्कफोर्स को तैयार करना है। वैकल्पिक शिक्षा में बच्चों को लचीली और अनुकूल शिक्षा दी जाती है, उनकी प्रतिभा को पहचान कर उसका विकास किया जाता। इस लचीली लर्निंग प्रोसेस में बच्चों की उनकी क्षमता के अनुसार ही पढ़ाया जाता है। सीमा जायसवाल कैटरपिलर स्कूल के माध्यम से यह सब काम बखूबी कर रही हैं।

52 वर्षीय मीना जायसवाल सिवनी में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक कॉमरेड राजेंद्र जायसवाल एवं श्रीमती मुक्ता जायसवाल की पुत्री हैं। पृष्ठभूमि से जाहिर है कि अध्ययन और संघर्ष उनके संस्कारों में शामिल रहे। उनका विवाह नागपुर के प्रतापनगर निवासी स्व. श्री संजय जायसवाल से हुआ था। लेकिन पति के निधन के बाद दो बेटों की परवरिश की जिम्मेदारी उन पर आन पड़ी, जिसे उन्होंने बड़ी कुशलता से अंजाम दिया। आज दोनों बेटे आत्मनिर्भर हैं। बड़ा बेटा देवव्रत जायसवाल नागपुर में ही आर्किटेक्ट हैं, जबकि छोटा बेटा बाहर जॉब करता है। अब बेटों के आत्मनिर्भर होने के बाद अब मीना जायसवाल अब ज्यादातर सिवनी रहती हैं और शिक्षा व सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय रहती हैं। बूंद नाम की संस्था से जुड़कर रक्तदान के लिए विशेष कार्य कर रही हैं। इसके अलावा भी वह कई अन्य सामाजिक संगठनों से जुड़कर वंचित वर्ग के लिए काम कर रही हैं।
 

Leave feedback about this

  • Quality
  • Price
  • Service

PROS

+
Add Field

CONS

+
Add Field
Choose Image
Choose Video