November 22, 2024
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समाचार समाज

पदयात्रा के बाद स्वामी श्री प्रवणानंद के अनशन से घबराई कर्नाटक सरकार, कलवार समाज की मांगों पर आश्वासन देकर समाप्त कराया अनशन

बेंगलुरू। 
कर्नाटक के कलवार समुदाय ((एडिगा, बिल्लवा, एजवा, गुट्टेदार, नामधारी, नाडर समेत 26 उपवर्ग) की मांगों को लेकर स्वामी श्री प्रणवानंद के नेतृत्व में 41 दिनों की पदयात्रा 14 फरवरी को बेंगलुरू फ्रीडम पार्क में समाप्त हुई जहां डा. प्रवणानंद श्री ने अपने अनुयायियों के साथ समुदाय की मांगों को लेकर आमरण अनशन शुरू कर दिया। हालांकि देर रात प्रदेश के सामाजिक कल्याण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री श्रीनिवास पुजारी ने अनशनन स्थल पहुंचकर श्री प्रवणानंद से लंबी बातचीत की और उनकी मांगों पर सरकार की ओर से स्पष्ट आश्वासन देकर उनका अनशन समाप्त कराया। 

बता दें कि मंगलौर के कलबुर्गी स्थित ब्रह्मश्री नरायाण गुरु शक्तिपीठ के पीठाधीश स्वामी श्री प्रवणानंद के नेतृत्व में कर्नाटक के कलवार समाज की पदयात्रा शुक्रवार 6 जनवरी को शुरू हुई थी। कलवार समाज के राजनीतिक और आर्थिक उत्थान से जुड़ी मांगों को लेकर ‘आर्य एडिगा राष्ट्रीय महामंडली’ बैनर तले निकाली गई यह पदयात्रा 41 दिनों में कलबुर्गी से दक्षिण कन्नड, उडुपी, उत्तर कन्नड, शिमोगा देवांगिरि, चित्तदुर्ग, तुमकुर, नेलमंगला होती हुई कुल 725 किलोमीटर का रास्ता पैदल तक कर बीते रोज बंगलौर के फ्रीडम पार्क पहुंची थी जहां पूर्वघोषित कार्यक्रम के अनुसार स्वामी श्री प्रवणानंद एवं उनके कई अनुयायी मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठ गए।
गौरतलब है कि कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में माना जा रहा था कि सत्तारूढ़ भाजपा कलवार समाज की ओर से अनशन या प्रदर्शन नहीं चाहती थी। सुबह से ही सुगबुगाहट थी कि अनशन टालने के लिए मुख्यमंत्री खुद फ्रीडम पार्क पहुंचकर स्वामी श्री प्रवणानंद से बात कर सकते हैं। लेकिन देर रात कर्नाटक सरकार ने प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए उनके स्वजातीय नेता श्रीनिवास पुजारी को मौके पर भेजा जो सूबे के सामाजिक कल्याण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री हैं। जानकारी के अनुसार, बातचीत में मंत्री ने आश्वासन दिया है कि अगले बजट में ब्रह्मश्री नारायण गुरु निगम की घोषणा कर इसके लिए धन आवंटित कर दिया जाएगा। साथ ही कलवार समाज के एडिगा-बिल्लव सहित सभी 26 जातियों के नृवंशविज्ञान अध्ययन के लिए 25 लाख रुपये दिए जाएंगे। मंत्री ने स्पष्ट संदेश दिया है कि 3 मार्च को स्वामी श्री प्रणवानंद की उपस्थिति में विधानसभा स्थित उनके कक्ष में अधिकारियों के साथ बैठक होगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने विधानसभा परिसर में ब्रह्मश्री नारायण गुरु की मूर्ति स्थापित करने की मांग कई साल पहले रखी थी, और अब इसे समुदाय का समर्थन भी मिल गया है, लिहाजा वह इस बारे में तत्काल मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे। साथ ही उन्होंने शिमोगा हवाईअड्डे का नामकरण समुदाय के महान नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एस बंगरप्पा के नाम पर करने की मांग पर भी सरकार का ध्यान आकृष्ट कराएंगे। 

इसके अलावा भी अन्य तमाम मांगों पर सहमति बनने के बाद श्रीनिवास पुजारी ने स्वामी श्री प्रवणानंद को पानी पिलाकर उनका अनशन समाप्त करवाया। स्वामी श्री प्रणवानंद ने इस अवसर पर कहा कि उनकी यानी समुदाय की लड़ाई सरकार के खिलाफ नहीं है। अगर सरकार इन सभी मांगों का तुरंत समाधान करती है, तो निचले स्तर के लोगों के कल्याण के लिए समुदाय हमेशा सरकार का ऋणी रहेगा।
फ्रीडम पार्क में समुदाय के हजारों सदस्य मौजूद थे जो राज्य के कई हिस्सों से पहुंचे थे। मंत्री से चर्चा के दौरान रायचूर जिला आर्य एडिगा समाज के अध्यक्ष राघवेंद्र गौड़ा, नारायण गुरु विचार विद्या के प्रदेश अध्यक्ष सत्यजीत सूरथकल, जेडीएस नेता बलराज गुट्टेदार, डॉ. राजा नंदिनी कागोडू, कल्याण कर्नाटक आर्य एडिगा स्ट्रगल कमेटी के अध्यक्ष सतीश वी गुट्टेदार, उपाध्यक्ष महादेव गुट्टेदार महासचिव वेंकटेश राजेश गुट्टेदार, आकाश गुट्टेदार अंबैय्या गुट्टेदार, थिम्मप्पा गंगावती, यादगिरि के वेंकटेश गुंडनूर, नगर चित्तपुरम के प्रवीण जट्टन कुपेंद्र गुट्टेदार, विनोदजी विनोद गुट्टेदार नागरचिट्टापुरम के एचआर श्रीनाथ, सिंगंदूर विधानसभा क्षेत्र के धर्मदर्शी रवि, मैंगलोर के जितेंद्र सुवर्णा, राज्य के विभिन्न जिलों के नेता और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

स्वामी श्री प्रणवानंद की प्रमुख मांगेः-
• ब्रह्मश्री नारायण गुरु निगम का गठन किया जाए जिसके बाद सरकार की ओर से इसे 500 करोड़ रुपये की अनुदान राशि प्रदान की जाए। 
• प्रदेश में ताड़ी दोहन के व्यवसाय को अनुमति दी जाए, जोकि बिल्लवा, एडिगा और नामधारी समुदायों का पैतृक व्यवसाय है।
• सरकार एडिगा समुदाय द्वारा संचालित सिंगदूर चौदेश्वरी मंदिर की प्रशासन समिति के उत्पीड़न पर रोक लगाए। (आरोप है कि सरकार इस मंदिर के प्रबंधन को उच्च जातियों के हवाले करने का षडयंत्र रच रही है।)
• प्रदेश के प्रमुख केंद्रों और हर जिले में बिल्लवा समुदाय के लिए सामुदायिक भवन का निर्माण शुरू करे।
• आगामी विधानसभा चुनाव में दक्षिण कन्नड, उत्तर कन्नड, उडुपी, शिवमोगा जैसे तटीय जिलों में एडिगा, बिल्लवा, नामधारी समुदाय के लिए 14 सीटें आरक्षित की जाएं।
• बिल्लवा समुदाय का रिजर्वेशन कोटा बढ़ाया जाए। एक व्यापक सर्वे कराकर बिल्लवा समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल किया जाए। इससे पूरे समुदाय के राजनीतिक प्रतिनिधित्व में भी वृद्धि होगी।
 

 

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