इंदौर।
चक्रवर्ती सम्राट भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन ने इंदौर की मेट्रो योजना के लिए रास्ता दे दिया है। जी हां, इंदौर में खजराना चौराहे पर लगी भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन की 12 टन की भव्य प्रतिमा को करीब 20 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद नए स्थान पर सुरक्षित तरीके से शिफ्ट कर दिया गया है। इस बात के लिए इंदौर के कलचुरी समाज की खासतौर पर सराहना की जानी चाहिए कि उसने आधुनिक चेतना का परिचय देते हुए प्रतिमा स्थानातरण का किसी प्रकार का विरोध नहीं किया, बल्कि महानगर के विकास-हित में इस कार्य में प्रशासन का सहयोग किया।
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार इस चुनावी साल में मेट्रो चलाने की योजना पर काम कर रही है। खासकर यातायात की भयंकर समस्या से जूझ रहे इंदौर में मेट्रो प्रोजेक्ट बहुत तेजी से चल रहा है। दूसरी तरफ इंदौर के रिंग रोड पर भी काम जोरों पर है। यहां दो पुल बन चुके हैं, एक और पुल का निर्माण किया जा रहा है जो खजराना चौराहे से होकर गुजरेगा। लिहाजा खजराना चौराहे पर 2003 में स्थापित की गई भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन की प्रतिमा को अब स्थानांतरित करना जरूरी हो गया था। प्रशासन की ओर से सहस्त्रबाहु प्रतिमा के लिए खजराना चौराहे के पास ही एमआर-10 टोल ब्रिज के पास एक एकड़ का बड़ा भूखंड कलचुरी समाज को आवंटित किया गया था।
इंदौर प्रशासन ने प्रतिमा के स्थानांतरण का कार्य शुरू करने के लिए 18 अप्रैल, 2023 को दोपहर 12 बजे का समय निर्धारित किया था। इससे पहले राष्ट्रीय कलचुरी एकता महासंघ की राष्ट्रीय संयोजक डॉ. श्रीमती अर्चना जायसवाल ने श्रीमती सुमित्रा चौकसे, पार्षद संध्या जायसवाल, श्रीमती नीरू गौड़ समेत कई समाजजनों के साथ खजराना चौराहा पहुंचकर भगवान सहस्त्रबाहु की पूजन-अर्चना की और, प्रतिमा के सकुशल नवीन स्थान पर स्थानांतरित हो जाने की प्रार्थना की।
इसके बाद ही प्रतिमा शिफ्ट करने का काम शुरू हुआ। सबसे पहले वर्कशाप विभाग से विशालकाय क्रेन बुलवाई गई थी, भारी प्रतिमा को इससे हटाया नहीं जा सका। इस पर अधिकारियों को देवास से किसी फर्म की 40 टन वाली क्रेन बुलवानी पड़ी, लेकिन प्रतिमा फिर भी नहीं हट सकी। इसके बाद निगम की टीमों को पेडेस्टल (फ्लेटफार्म) तोड़ने पड़े, जिसके बाद इस प्रतिमा को क्रेन के माध्यम से बड़ी सावधानी के साथ नए स्थल पर पहले से तैयार एक प्लेटफार्म पर सुरक्षित रख दिया गया।
श्रीमती अर्चना जायसवाल ने शिवहरेवाणी को बताया कि नए प्रतिमा स्थल को ‘राजराजेश्वर सहस्त्रार्जुन धाम’ के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहले प्रतिमा के प्लेटफार्म का सौंदर्यीकरण किया जाएगा जिसके बाद विधि-विधान से प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राजराजेश्वर सहस्त्रार्जुन धाम में एक भव्य मंदिर बनना है, और भी कई निर्माण कार्य होने हैं। पूरे स्थल को धीरे-धीरे विकसित किया जाएगा। श्रीमती जायसवाल ने प्रतिमा के लिए नई जगह आवंटित कराने के लिए विधायक श्री रमेश मेंदोला का आभार व्यक्त किया। बता दें कि बीते वर्ष 2022 के मई माह में शासन द्वारा आवंटित नए भूखंड का भूमि-पूजन किया गया था जिसमें कलचुरी समाज के 25 से अधिक विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी शामिल हुए थे।
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