बंगलुरु/आगरा/ग्वालियर।
बंगलुरू के कला जगत में इन दिनों आरती गुप्ता भदौरिया (शिवहरे) की खासी चर्चा है। टेराकोटा (पकी मिट्टी) की कलात्मक मूर्तियां बनाने वाली आरती गुप्ता भदौरिया ने यहां कर्नाटक चित्रकला परिषद की गैलरी नंबर-3 में 1 जुलाई से 5 जुलाई तक सोलो एग्जीबिशन लगाई थी जिसे उन्होंने ‘वेव ऑफ फीलिंग’ नाम दिया। अब तक कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों व सम्मानों से नवाजी जा चुकीं आरती गुप्ता भदौरिया को कलापारखियों की शानदार प्रतिक्रिया तो मिली ही, वहीं उनकी मंहगी कलाकृतियों को कई खरीदार भी मिले।
ग्वालियर में शिंदे की छावनी निवासी प्रतिष्ठित पवैया परिवार की बेटी आरती गुप्ता की छात्रजीवन से ही मूर्ति-शिल्प में खास अभिरुचि रही है और इंटरमीडियेट के बाद करियर के तौर पर भी इसे ही चुनने का निर्णय किया। लिहाजा 2004 में उन्होंने फाइन आर्ट में स्नातक किया और स्कल्पचर की बारीकियां सीखीं। स्व. श्री प्रकाशचंद्र पवैया की पौत्री एवं श्री अशोक गुप्ता की पुत्री आरती गुप्ता ने आगरा में आईटी इंजीनियर अभिनंदन भदौरिया (शिवहरे) से विवाह के बाद भी मूर्तिकला के प्रति अपने पैशन को जिंदा रखा और विचारों, परिकल्पनाओं, भावनाओं को मिट्टी से रूप-आकार देने के अपने हुनर को निखारना जारी रखा। आगरा में पश्चिमपुरी निवासी श्री एमएस भदौरिया (रिटायर्ड मैनेजर, आरबीएस एग्रीकल्चर फार्म, बिचपुरी) ने भी अपनी पुत्रवधु की कला व हुनर को पहचाना और उसे प्रोत्साहित किया। आरती गुप्ता अपने पति अभिनंदन भदौरिया के साथ बंगलुरू आ गईं जहां वह सीमेंस कंपनी में आईटी इंजीनियर हैं। बंगलुरू में आरती को मौका मिला अपनी कला को बड़े फलक पर प्रदर्शित करने का। आरती अब तक कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी कला का प्रदर्शन कर चुकी हैं जहां प्रतिष्ठित कलापारखियों से उन्हें सराहना प्राप्त हुई, मान-सम्मान और तमाम अवार्ड भी मिले।
आरती को मिले इंटरनेशनल अवार्ड्स और सम्मान की बात करें तो इनमें कंटेम्परेरी आर्ट गैलरी, अमेरिका से तीन ‘बेस्ट इन शो’ और तीन ‘जजेज च्वाइस’ अवार्ड प्रमुख हैं। मार्च 2023 में उन्हें गैलरी ओमाटा, अमेरिका का ‘बेस्ट इन शो अवार्ड’ मिला। लाइट स्पेस टाइम गैलरी, अमेरिका ने मार्च, अक्टूबर 2022 और मार्च 2023 की स्पर्धाओं में आरती को अपने टॉप 3डी (त्रिविमीय) शिल्पकारों में चुना। साथ ही सोलो आर्ट शोकेस की श्रेणी के लिए सितंबर 2022 में बेस्ट कलाकारों में चुना। दआर्टिस्टडॉटकॉम अमेरिका ने ‘आर्टिस्ट ऑफ द मंथ’ स्पर्धा में मार्च 2022 में आरती को ‘ऑनरेबल मेन्शन’ अवार्ड दिया, जबकि जुलाई 2022 में उन्हें दूसरा स्थान मिला। अगस्त 2022 में एक्जीबिजोन, कनाडा की मेजबानी में हुई डायवर्सिया-यूएन कैलेंडर एग्जीबिशन में उन्हें ‘पब्लिक च्वाइस’ अवार्ड के लिए चुना गया। आरती गुप्ता भदौरिया न्यूयार्क के गैरीसन आर्ट सेंटर द्वारा वर्ष 2022 की द्विवार्षिक स्माल वर्क्स इंटरनेशऩल एग्जीबिशन के लिए चयनित 69 कलाकारों में एकमात्र भारतीय थीं। कनाडा की आर्टिशटोनिश इंटरनेशनल मैगजीन ने जनवरी 2023 के अंक में उनके आर्टवर्क को प्रदर्शित किया था।
वहीं राष्ट्रीय स्तर के सम्मान की बात करें तो ललित कला अकादमी नई दिल्ली द्वारा 61वें एनईए 2020 के लिए और मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राष्ट्रीय प्रदर्शनी ‘रंग अमीर 2020’ के लिए उन्हें चयनित किया था। एसएसीएफ गोवा से ‘आर्टिस्ट ऑफ दस ईयर 2019’ अवार्ड और डब्लूडब्लूएएन केरला से आर्ट मैस्ट्रो-2018 अवार्ड प्राप्त हुआ। 2019 में आर्ट इलस्ट्रेटेड मैगजीन और 2022 में आर्ट अफेयर्स मैगजीन ने उन पर फीचर प्रकाशित किया। इंडियन एचीवर्स फोरम ने कला के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें इंडियन एचीवर्स अवार्ड 2022-23 से नवाजा।
कलात्मक मूर्तियों को गढ़ना कोई आसान काम नहीं होता। ये दरअसल अमूर्त कला है जिसमें कलाकार के सामने निश्चित रूप-आकार का कोई मॉडल नहीं होता, बल्कि उसे अपनी भावनाओं और संवेगों को कल्पनाशीलता से रूप-आकार देना होता है। यही वजह है कि एक-एक मूर्ति तैयार होने में महीनों का समय लग जाता है। आरती गुप्ता भदौरिया का कहना है कि उन्हें अपनी एक कलाकृति तैयार करने में 3-4 महीने तो लग ही जाते हैं। कई बार छह महीने तक लग जाते हैं। गीली मिट्टी को एकसार तरीके से उसके आकार में बिठाने, उसके सेटल होने और सूखने में समय तो लगता ही है। यही वजह है कि आरती की हर कलाकृति उनके विचारों, दृष्टिकोण, भावनाओं और कौशल को प्रतिबंबित करती है। आरती की कलाकृतियों की खासियत यह है कि वे अलग-अलग कोणों से देखने पर अलग-अलग छवियां प्रस्तुत करती हैं। इसमें उल्टा-सीधा रखने की बाध्यता नहीं है, कैसे भी रख दीजिए, हर एंगल से आकर्षित करती है और कोई भी कलापारखी उसी प्रकार उसकी व्याख्या कर सकता है।
वैसे आरती की पारिवारिक पृष्ठभूमि देखें तो कला के प्रति उनके रुझान को समझा जा सकता है। दरअसल आरती के पिता और भाइयों के बिजनेस भी कहीं न कहीं क्रियेटिविटी से जुड़ा हुआ है। उनके बड़े भाई विकास गुप्ता डिजायनर कपड़ों का बिजनेस करते हैं और ग्वालियर सिटी सेंटर में ‘कलारत्नम” नाम से उनका शोरूम है। छोटे भाई अभिषेक गुप्ता का सिटी सेंटर में ही ‘प्लेनेट आर्ट’ के नाम से बांस के फर्नीचर का शोरूम है, ‘अभिश्री क्रियेशन’ नाम से बच्चों के परिधानों का एक अन्य शोरूम भी है।
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‘ग्वालियर की बेटी-आगरा की बहू’ आरती गुप्ता भदौरिया की कलाकृतियों को दुनियाभर में मिल रही सराहना; अब तक कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार; हिट रही बंगलुरू में सोलो एग्जीबिशन
- by admin
- July 6, 2023
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