बांका/देवघर।
झारखंड के देवघर में विश्व प्रसिद्ध राजकीय श्रावणी मेला शुरू हो चुका है। बिहार में सुल्तानगंज स्थित उत्तरवाहिनी गंगा से कांवड़ में गंगाजल लेकर 108 किलोमीटर का रास्ता पैदल तय करते हुए देवघर बाबाधाम जाने वाले शिवभक्त कांवड़ियों की भीड़ पहले दिन से ही उमड़ने लगी है। कांवड़ियों की सेवा के लिए कलवार-कलार समाज की संस्थाओं ‘जुपिटर शक्ति सेवा संस्थान (ट्रस्ट)’ और ‘राजराजेश्वर सहस्रबाहु बलभद्र सेवा फाउंडेशन’ ने हर साल की तरह इस बार भी बिहार के बांका जिले में तीन समानी रोड स्थित कांवड़िया पथ पर एक विशाल सेवा शिविर शुरू किया है।
शिविर के व्यवस्थापक श्री राकेश जायसवाल ने शिवहरेवाणी को बताया कि उनकी संस्था बीते सात वर्षों से सावन के महीने में ‘बोल बम कांवड़िया सेवा शिविर’ लगाती आ रही है। शिविर में कांवड़ियों के रात्रि भोजन, रात्रि विश्राम की समुचित व्यवस्था के साथ ही नित्यकर्म निवृत्ति और स्नानादि की उपयुक्त सुविधाएं भी तैयार की गई हैं। इनके अलावा कांवड़ियों को शिविर में निःशुल्क चाय, सत्तू शरबत, नींबू चीनी शरबत, नींबू पानी, ठंडा व गर्म पानी, दवा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि शिविर की शुरूआत प्रतिष्ठित समाजसेवी श्री प्रभुनाथ गुप्ता और उनकी जीवनसंगिनी श्रीमती मीरा गुप्ता ने वर्ष 2016 में की थी और तब से अब तक हर साल यह शिविर लगाया जाता है। उन्होंने बताया कि गत वर्ष संस्था ने इसी जगह पर धर्मशाला के निर्माण के लिए 10 हजार वर्ग फीट जमीन ली थी। बीते रोज शिविर स्थल के उदघाटन के अवसर पर इसके निर्माण के लिए विधिवत भूमि पूजन किया गया। उन्होनें बताया कि धर्मशाला में भगवान सहस्रबाहु अर्जुन और बलभद्र भगवान की प्रतिमाएं भी स्थापित की जाएंगी। फिलहाल ‘बोल बम कांवड़िया सेवा शिविर’ में पहले दिन से ही यहां कांवड़ियों की भीड़ उमड़ रही है।
व्यवस्थापक राकेश जायसवाल, आलोक रंजन, सुनील चौधरी, अमित रंजन जायसवाल, गोकुल चौधरी, विकास कुमार और संरक्षक डा. पीके चौधरी, अनिल जायसवाल, अखिलेश जायसवाल, राजनाथ जायसवाल शिविर की व्यवस्था देख रहे हैं। चंदन सिंह, आनंद सिंह के अलावा अमरनाथ साह, सुधांशु शेखर जायसवाल, पंकज सिंह, सौरभ कुमार, साहिल सिंह, मनोज नेता, विकास सिंह, संतोष उपाध्याय, राकेश कुमार, कुमार निशांत, मुरली मनोहर जायसवाल आदित्य मालवीय उनके सहयोग में लगे हैं।
पूरे रास्ते बना रहता है मेले का माहौल
बता दें कि बिहार के सुल्तानगंज स्थित उत्तरवाहिनी गंगा से लेकर झारखंड के देवघर स्थित बाबाधाम तक 108 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में यह एशिया का सबसे लंबा मेला माना जाता है। मेले का उदघाटन होने के बाद से ही हजारों कांवड़िये सुल्तानगंज में पवित्र गंगा नदी से जल लेकर देवघर तक की 108 किमी लंबी यात्रा के लिए निकल पड़े हैं। सुल्तानगंज से लेकर देवघर और दुमका स्थित बासुकीनाथ मंदिर तक का इलाका बोल-बम के नारों से गुंजायमान है। पूरे रास्ते में महीन रेत गिराई गई है, ताकि पैदल कांवड़ियों को सहूलियत हो। उन पर जगह-जगह कृत्रिम जल वर्षा कर रहे हैं।
इस बार दो महीने चलेगा मेला
इस बार यह मेला दो महीने तक चलेगा। हिंदुओं के धार्मिक पंचांग के अनुसार इस बार श्रावण के बीच में ही एक महीने का अधिकमास पड़ रहा है। ऐसे में श्रावणी मेले का पहला चरण 4 जुलाई से 16 जुलाई तक और दूसरा चरण 16 अगस्त से 31 अगस्त तक रहेगा। इस बीच 17 जुलाई से 15 अगस्त तक अधिकमास या मलमास का महीना रहेगा।
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