जयपुर।
राजस्थान में कलचुरी समाज की तमाम कोशिशों के बाद भी श्री सहस्रबाहु अर्जुन कलाल कल्याण बोर्ड के गठन की मांग फिलहाल सिरे चढ़ते नजर नहीं आ रही है। इसे लेकर कलचुरी समाज से आवाजें तो उठ रही हैं, लेकिन ये एकजुट नहीं हैं। बीते दिनों जयपुर में भी यही सामने आया जहां सूबे के सभी 50 जिलों की सामाजिक संस्थाओं को आमंत्रित किया गया था लेकिन बमुश्किल 10 जिलों से ही प्रतिनिधि पहुंचे।
सूत्रों के मुताबिक, ज्यादातर जिलों से सामाजिक कार्यकर्ताओं के नहीं पहुंचने के चलते बैठक भी नहीं हो सकी, इन प्रतिनिधियों की प्रेसवार्ता कर मीडिया से बात करके एक तरह रस्म अदायगी कर दी गई। सहस्रबाहु भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में राजस्थान हैहयवंशी कलाल महासभा जयपुर के प्रांतीय अध्यक्ष कन्हैयालाल पारेता ने कहा कि राजस्थान में 35 लाख से अधिक की आबादी वाला कलवार, कलाल, कलार समुदाय सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से काफी पिछड़ा हुआ है। कल्याण बोर्ड के गठन से कलाल समाज का उत्थान होगा और वह भी अन्य समाजों के साथ मुख्यधारा में शामिल होगा। देवली से कांग्रेस नेत्री एवं महासभा की महिला अध्यक्ष माया सुवलका ने अपने वक्तव्य में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को उनका यह कथन याद दिलाया कि आप मांगते-मांगते थक जाओगे, मैं देते-देते नहीं थकूंगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कलाल कल्याण बोर्ड का गठन कर अपनी कही बात को सच साबित करें।
कोटा से आए समाज अध्यक्ष राहुल पारेता ने कहा कि बोर्ड की मांग पर सरकार के रुख से लगता है कि एकजुट होकर संघर्ष के बिना यह लक्ष्य प्राप्त होने वाला नहीं है। इस दौरान महामंत्री उत्तमचंद चौधरी, संस्थापक शिवनारायण वर्मा, पुखराज चौहान, उपमंत्री आनंद मेवाड़ा, कमल किशोर जायसवाल, वेद प्रकाश जायसवाल, सत्यनारायण जायसवाल, डा. अरविंद जायसवाल, ओमप्रकाश, राकेश सेठी, राजपाल सिंह जायसवाल, झालावाड़ अध्यक्ष राम पारेता, कोषाध्यक्ष युवराज पारेता, अकलेरा अध्यक्ष महेश पारेता, जितेंद्र जायसवाल, विकास मेवाड़ा, मनीष पारेता, रौनक पारेता, हिमांशु पारेता, मोहन मुरली पारेता, हेमंत पारेता आदि मौजूद रहे।
आपको बता दें कि राजस्थान मे कलाल समाज श्री सहस्रबाहु अर्जुन कलाल कल्याण बोर्ड की मांग को लेकर आंदोलन रत है। जयपुर के अलावा कोटा, भीलवाड़ा, देवली-टोंक, जोधपुर, झालावाड़ समेत कई जिलों की सामाजिक संस्थाओं की प्रतिनिधि विभिन्न माध्यमों को मुख्यमंत्री व अनके कैबिनेट मंत्रियों को ज्ञापन दे चुके हैं। कलाल समाज कोटा के अध्यक्ष राहुल पारेता ने शिवहरेवाणी से बातचीत में कहा कि प्रदेश सरकार के रुख से साफ है कि इसे लेकर कलाल समाज को एक बड़ा आंदोलन छेड़ना होगा। उन्होंने बताया कि प्रेस वार्ता में उन्होंने आगामी 27 अगस्त को एक बड़ी मीटिंग करने की बात कही थी जिसमें पूरे राजस्थान से 30 हजार से अधिक लोग एकत्र होने थे। लेकिन किन्हीं कारणों से यह मीटिंग स्थगित कर दी गई है।
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राजस्थान में ऐसे कैसे बन पाएगा कलाल कल्याण बोर्ड; 50 में से केवल 10 जिलों के ही अध्यक्ष पहुंचे जयपुर; प्रेस वार्ता की रस्म-अदायगी
- by admin
- August 25, 2023
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