पुलिस को अंततःमाननी पड़ी मां की बात, 5 महीने बाद गोल्डी शिवहरे की हत्या में हरिओम के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज
by Som Sahu August 26, 2017 घटनाक्रम 1025
- आईटीआई की छात्रा थी गोल्डी, बीती एक अप्रैल को रहस्यमयी परिस्थितियों में हुई थी मौत
- पुलिस आत्महत्या मान रही थी, मगर मां किरण शिवहरे लगातार कह रही थी ये हत्या है
शिवहरे वाणी नेटवर्क
ग्वालियर।
बेटी को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष कर रही मां को अंततः तसल्ली मिल गई। श्रीमती किरण शिवहरे पांच महीने जद्दोजहद के बाद अपनी बेटी सुश्री गोल्डी शिवहरे की मौत के मामले मे हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराने में कामयाबी हुईं। मामले में पुलिस ने हरिओम शिवहरे को नामजद किया है। पुलिस पहले इसे खुदकुशी का मामला मान रही थी। लेकिन किरण शिवहरे लगातार कह रही थीं कि यह हत्या है। अंततः पुलिस ने अपनी ही बात को खारिज कर हरिओम के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने की धारा 306 के तहत केस दर्ज कर लिया है। उसकी तलाश की जा रही है। वहीं मामले के दूसरे आरोपी दीपक को क्लीनचिट दे दी है। पुलिस के मुताबिक, इस घटनाक्रम में दीपक का कोई रोल नहीं निकला है।
क्या है पूरी कहानी…
श्रीमती किरण शिवहरे भिंड जिले के दबोह में रहती हैं। उनके पति साधु हो चुके हैं। उनकी 17 वर्षीय पुत्री गोल्डी शिवहरे ग्वालियर में आईटीआई कर रही थी। गोल्डी ग्वालियर के महाराजपुरा थाना क्षेत्र में बीएसएफ कालोनी में अपनी नानी (किरण की मौसी) के घर पर रहकर पढ़ाई कर रही थी। 1 अप्रैल, 2017 शनिवार की रात को गोल्डी के बैचमेट्स दीपक और हरिओम शिवहरे उससे मिलने आए । इसी दौरान गोल्डी की हालत बिगड़ गई और दोनों लड़के वहां से भाग निकले। घर में केवल नानी थीं, जो गोल्डी की हालत देख वह गईं और उन्होंने तत्काल किरण को फोन किया। किरण अगले दिन सुबह ही ग्वालियर पहुंच गई। लेकिन गोल्डी को बचाया नहीं जा सका। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। थाना पुलिस इस मामले को सुसाइड कह रही थी। पुलिस का कहना था कि गोल्डी की मौत के पीछे हरिओम व दीपक का कोई हाथ नहीं है, उसने अपनी मां की डांट से नाराज होकर जहर खाया था। हालांकि गोल्डी के हाथ व पैर में चोट के निशान भी थे, जिससे लग रहा था कि मौत से पहले उसके साथ हाथापाई भी हुई होगी। पुलिस ने घर से सल्फास की डिब्बी बरामद कर ली। डिब्बी में कुछ गोलियां भी मिलीं हैं, और पास में एक पर्ची भी मिली। इस पर्ची पर वकील का नाम लिखा है जिससे पुलिस ने बात की तो उसने कहा कि किसी गोल्डी को नहीं जानता है।
लेकिन, किरण ने लगातार मामले को उठाती रही, कहती रही कि यह सुसाइड नहीं हत्या है। उसके मुताबिक, हरिओम नाम के लड़के से गोल्डी प्रेम करती थी। सगाई की बात भी चली लेकिन दस लाख मांगने के चलते गोल्डी का रिश्ता हरिओम से नहीं हो पाया था। घटना वाले दिन यानी एक अप्रैल से करीब डेढ महीने पहले हरिओम ने कॉलेज कैंपस में गोल्डी के साथ मारपीट की थी और पिस्टल भी अड़ा दी थी। गोल्डी हरिओम को पसंद करती थी लेकिन कॉलेज में इस दुर्व्यवहार के बाद वह परेशान रहने लगी थी। इस बीच कालेज के ही दीपक से उसे सहानुभूति मिली और उनमें दोस्ती हो गई। लेकिन दीपक भी उसे प्रताड़ित करने लगा। अब परेशान गोल्डी दोनों से दूर रहना चाहती थी। उधर हरिओम और दीपक दोनों गोल्डी पर अपना हक बता कर एक से दोस्ती बनाए रखने और दूसरे से तोड़ देने का दबाव बना रहे थे।
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