February 23, 2025
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समाज

कलचुरि समाज का हो एक नाम, एक प्रतीक चिह्न और एक सामाजिक ध्वज, भोपाल सम्मेलन में बनी सहमति

by Som Sahu August 27, 2017  घटनाक्रम 287

  • महेश्वर का नाम रखा जाए महेश्वर-राजराजेश्वर श्री सहस्त्राबाहु धाम
  • महेश्वर को रेलमार्ग से जोड़े जाने के लिए प्रयास करेंगे समाजबंधु
  • महेश्वर में भगवान सहस्त्राबाहु की 51 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित करने पर सहमति
  • समाज के एकीकरण और सशक्तिकरण के साथ कई अन्य अहम  मुद्दों पर चर्चा

शिवहरे वाणी नेटवर्क

भोपाल।

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आज रविवार 27 अगस्त को हुए कलचुरि कलार समाज के प्रदेश स्तरीय सम्मेलन में इस बात पर सहमति बनी कि कलचुरि समाज को अब एक नाम से जाना जाए, उसका एक प्रतीक चिह्न हो और एक सामाजिक ध्वज भी हो। श्री सहस्त्राबाहु कलचुरि महासभा (कलार समाज) भोपाल द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में अन्य कई बिंदुओं पर चर्चा के साथ गहन मंथन हुआ कि महेश्वर का नाम अब महेश्वर-राजराजेश्वर श्री सहस्त्राबाहु धाम रखा जाए और वहां भगवान सहस्त्राबाहु की 51 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई। और यह भी तय हुआ कि महेश्वर को रेलमार्ग से जोड़ने के प्रयास किए जाएं। सम्मेलन के साथ ही समाज के एकीकरण एवं सशक्तीकरण पर एक कार्यशाला भी आयोजित की गई।

भोपाल स्थित कलचुरि भवन मे हुए इस सम्मेलन में मध्य प्रदेश के लगभग सभी जिलों से समाज के प्रतिनिधियों, विचारकों एवं समाजसेवियों ने भागीदारी की। सम्मेलन मे कुछ नए मुद्दों को उठाया गया तो कुछ मुद्दे ऐसे भी थे जो पिछले दिनों हैदराबाद (तेलंगाना) में हुई राष्ट्रीय वर्कशॉप में अनुमोदित किए गए। इनमें खासतौर पर इस बात पर समाजबंधुओं की रायशुमारी की गई कि क्यों न भगवान श्री सहस्त्रबाहुजी एवं अन्य देवताओं के साथ एक प्रतीकचिह्न (लोगो) को मान्यता दी जाए, साथ ही समाज का एक सर्वमान्य नाम रखा जाए जो कलवार या कलचुरि हो सकता है और सर्वमान्य सामाजिक ध्वज एवं उसकी प्रार्थन भी तय की जाए। इन सभी मुद्दों पर समाजबंधुओ में एक मजबूत सहमति बनती दिखी। इसके अलावा केंद्रीय एजेंसी द्वारा समाज के साहित्य के विकास, राष्ट्रीय स्तर पर समाज का प्रचार तंत्र स्थापित करने, कलचुरि समाज के त्योहार एवं महापुरुषों की जयंती समारोह मनाने पर भी मंथन हुआ। सम्मेलन में मध्य प्रदेश मे विभिन्न स्तरों पर समन्वय समितियों का गठन एवं उनके दायित्वों पर चर्चा की गई। इन सभी मुद्दों पर दूर दराज से आए समाज के प्रतिनिधियों, विचारकों एवं सेवियों ने खुलकर अपने विचार रखे। ज्यादातर मुद्दों पर सहमति बनी और उन पर अगली कार्रवाई पर विचार-विमर्श हुआ।

देर शाम तक चले सम्मेलन  में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री श्री विजयपाल अहलुवालिया (हरियाणा), सहस्त्राबाहु कलचुरि महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री दिलीप सूर्यवंशी, मध्य प्रदेश के अध्यक्ष श्री आशुतोश मालवीय, डा. वीएम मालवीय (हौशंगाबाद), डा. विशाल राय (अशोक नगर), किशोर राय (तेंदुखेड़ा), श्रीमती अनीता शिखर जायसवाल (नगर पालिका अध्यक्ष गाडरवाड़ा), श्रीमती अर्चना जायसवाल (इंदौर), श्री बद्रीप्रसाद राय (गेरतगंज), श्री सुभाष जायसवाल (पीथमपुर), श्री भरत जायसवाल (इंदौर), श्री सुरेश जायसवाल (देवास), श्री अशोक पोरवाल (उज्जैन), श्री अनिल दुवारे (बालाघाट नगर पालिका अध्यक्ष), श्री नरेंद्र दुवारे (बालाघाट), श्री प्रकाश राय, श्री नीलेश राय, श्री मनीष राय (विदिशा), श्री सतीश जायसवाल, श्री नरेंद्र राय (ग्वालियर) आदि प्रमुख रहे।

 

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